शुभ विवाह – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

   आज गौरवी के गाँव सहानपुर में बासंती हवाएँ बह रही थीं। हर तरफ चहल पहल नजर आ रही थी।आम के पेड़ों पर बौर आ चुके थे– उनकी महक सब जगह फैली हुई थी ।पूरे गाँव में एक खास तरह की चहक थी — जैसे कोई बड़ा उत्सव आने वाला हो। दरअसल, यह उत्सव ही तो … Read more

नमक का हक अदा करना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मोहन सेठ गोविंददास के यहाँ काम चरता था।उसने जब से होश संभाला वो सेठ जी के यहाँ था।उसके बाप-महतारी भी शुरु से वहीं रहते।वो भी बचपन से वही रहता । मोहन का एक बेटा था मोनू– वो सेठजी के घर में खेलता रहता था।सेठ जी उसे बहुत प्यार करते थे। उसकी पढ़ने में रुचि देख … Read more

इज्जत इंसान की नही पैसे की होती है। – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“इज्जत इंसान की,नही पैसे की होती है”– दादाजी हमेशा यही कहते थे।इसपर कईवार तो कुछ लोग उनका मजाक बनाते।लेकिन दादाजी ने जमाना देखा था और जीवन के कई उतार चढ़ाव देखे थे।दादाजी का बहुत बड़ा परिवार था।सात भाईबहन– और दादाजी के पिताजी बहुत गरीब थे–दिनभर मेहनत करते तब जाकर परिवार के लिए रोटी जुटा पाते। … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

बूढ़े पिता हरि को गाँव में अकेला छोड़कर उसका बेटा जो शहर में इंजीनियर था बम्बई चला गया और वहीं अपने साथ काम करने वाली वसुधा से शादी करली और बम्बई में ही सैटिल होगया- –अकेला बेटा  लेकिन निर्मोही– जिसको अपने पालक पिता का तनिक भी ख्याल नही– चला गया अकेला छोड़कर असहाय। लेकिन उसके … Read more

आपको बहू नही चलता फिरता रोबोट चाहिए – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

” आपको बहू नही चलता-फिरता रोबोट चाहिए, ”  सुधा अपनी दादी सास से कह रही थी।सुधा एक पढ़ी लिखी लड़की थी और सी.ए.थी। वो एक बड़ी कंपनी में कार्यरत थी।उसको अपने साथ ही काम करनेवाले माधव से प्यार होगया।दोनों एक साथ टाइम बिताने लगे।कभी कनाट प्लेस जाते,कभी किसी मॉल में घूमने चले जाते और धीरे … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

    इसका नाम वक्त है– कब बदल जाए– कुछ नही मालूम। हँसते खेलते घर का माहौल अनायास ही मातम में  बदल जाता है।ऐसा कुछ घट जाता है जो कि इंसान की कल्पना से बहुत परे होता है। ऐसी अप्रत्याशित घटनायें घट जाती हैं जिन्हें सोच कर भी मन  हिल जाता है।     कभी ना कभी हर किसी … Read more

एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिये – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“भरा-पूरा परिवार– रिश्ते महकते रहते थे उस परिवार में– कभी दादी बोलती कि,” ऐ– बिटिया– जरा सुनो तो,” तो कभी चाचा चिल्लाते,” भई– थोड़ी देर हमारे पास भी बैठ बतियाया करो मुन्नु,” सब बच्चों के घर के प्यारे प्यारे नाम थे और घर में सब उन्हीं प्रेम भरे नामों से बुलाया करते थे।बड़ी रौनक वाला … Read more

टका सा मुँह लेकर रह जाना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

” अनु और सुम्मी दो सहेलियाँ थीं।दोंनो गाँव में रहती थीं।अनु के पिता बहुत बड़े जमींदार थे– पचासियों नौकर चाकर उनके यहाँ काम करते थे।धन तो पानी की तरह  खर्च होता था।अनु अकेली बेटी थी और चार भाई थे।सभी बहुत  अच्छे स्वभाव के थे– कभी किसी गरीब का निरादर नही करते हालांकि उनके पास अथाह … Read more

आँसू बन गए मोती – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“बहुत साल पहले की एक कहानी है– एक गाँव में एक छोटी सी बच्ची सोना रहती थी।सोना अकेली थी।उसका इस भरी दुनिया में कोई नही था।माता-पिता बचपन में ही उसे रोता छोड़कर एक अग्निकांड में जल गए थे। अब वो दस साल की थी– उसने अपने भाग्य को स्वीकार कर लिया था लेकिन उसकी आँख … Read more

ढ़लती साँझ – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह होती है शाम होती है जिंदगी बस यूँही तमाम होती है– जिंदगी का सफर चलता जाता है अनवरत रुकता नही।जैसे भोर हुयी फिर दोपहर हुयी और फिर साँझ गहराने लगी– मन में अपने अपने भाव के अनुरूप समाहित होने लगी।      सुखिया और उसके पति एक गाँव में रहते थे।वही खेतीबाड़ी थी– बहुत जमीन थी … Read more

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