प्रायश्चित – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

******** आज दर्शना के बेटे मण्डल का पहला जन्मदिन था। चारो ओर पार्टी का शोर और गहमागहमी, स्वादिष्ट व्यंजन की खुशबू, स्त्री और पुरुषों के परफ्यूम की सुगन्ध से पूरा वातावरण सुवासित था। बेटे को गोद में लिये दर्शना का सुन्दर मुखड़ा मातृत्व की गरिमा से दमक रहा था।  उसके खुशी से दमकते चेहरे को … Read more

 कभी धूप कभी छांव : बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

************* ” अम्मा बार बार तुम्हारे नाम की चिठ्ठियॉ आ रही हैं, जो निर्णय करना हो एक बार जाकर सब कुछ खतम कर दो।” ” तुम लोग कोई सलाह देते नहीं हो, मैं कोई निर्णय कर नहीं पा रही हू्ॅ, क्या करूॅ, कहीं ऐसा न हो कि बाद में तुम लोगों को लगे कि मैंने … Read more

गलतफहमी – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

आरवी ने जैसे ही शोभिता का फोन रखा, उसकी बेटी ने हॅसते हुये कहा – ” मम्मी जितना खुलकर और खुश हो कर आप अपने दिल की बातें शोभिता मौसी से करती हैं, उतना खुलकर तो अपनी बहन, मम्मी और भाभी से भी नहीं करतीं हैं। क्या आपको याद है कि कभी आप लोगों में … Read more

पैसे का गुरुर – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

*********** प्रेयसी का उस समय शर्म से सिर झुक गया जब  ननद वान्या ने आकर उसे गले से लगा लिया – ” भाभी, इतनी बड़ी बात हो गई और आपने एक बार फोन भी नहीं किया। मुझे तो आज अखबार से पता चला। आप चिन्ता मत करो, सब ठीक हो जायेगा।” ” कैसे ठीक होगा … Read more

अनकहा दर्द – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

********** पार्थिव की कम्पनी में इंटरव्यू चल रहे थे। अचानक कमरे में एक सुरीली आवाज गूॅज गई – ” मे आई कम इन सर।” ” यस।” चयनकर्ताओं की टीम में से एक ने कहा। पार्थिव को लगा कि यह स्वर तो बहुत जाना पहचाना है और जब उसने सामने देखा तो अवाक रह गया। यहॉ … Read more

ढलती सांझ – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

********** पार्थ के जीवन की ढलती सांझ इतनी खुशनुमा और प्यारी होगी उसने सोंचा भी नहीं था।  उसे तो लगता था जब यौवन में  कोई सुख नहीं मिला तो  सांझ तो सन्नाटे और वीरानी का पर्याय होगी ही। अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उसका पूरा जीवन ही बदल गया।‌ विवाह की शहनाइयों की गूॅज धीमी … Read more

घर की इज्जत – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

आज व्यंजना के भाई आर्यन का विवाह था। मम्मी पापा के प्रसन्नता से खिले मुखों को देखकर वह भी बहुत खुश थी। मम्मी के तो जैसे पैर ही जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। तभी उसके कानों में चहकती हुई मम्मी की आवाज पड़ी – ” बच्चों के मन मिलने अधिक आवश्यक हैं। बच्चे खुश, … Read more

बड़ा दिल – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

******** आज फिर मम्मी ने सदैव का अपना वही ब्रह्म वाक्य दोहरा दिया – ” ‌तुम बड़े भाई हो। तुम्हारा कर्तव्य है अपने छोटे भाई का ख्याल रखना। तुम्हारा बड़ा दिल होना चाहिये क्योंकि बड़ा भाई तो बाप की जगह होता है।” बचपन से ही चन्द्रार्क यही सुनता आया है। दो वर्ष का ही था, … Read more

अपमान बना वरदान – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

बेटी पद्मजा के स्कूल में स्वागत कक्ष  में बैठा नीलेन्द्र प्रिंसिपल डा० चौधरी की प्रतीक्षा कर रहा था। अचानक चपरासी ने आकर  उसे प्रिंसिपल ऑफिस में चलने को कहा। प्रिंसिपल ऑफिस में पहुॅच कर नीलेन्द्र जैसे ही अंदर पहुॅचा, प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठी शख्सियत को देखकर चौंक गया ” – तुम……. मेरा मतलब…… आप।” … Read more

हत्या – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

आज सारी रात सुनीता एक पल के लिये भी सो नहीं पाई। उसको समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब क्या करे? उसकी तो सारी पूॅजी ही लुट गई। किसी को बता भी नहीं सकती और बताये बिना गुजारा भी नहीं है। आज नहीं तो कभी तो सबको पता चलेगा ही, तब वह … Read more

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