मंगला मुखी (भाग-6) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

एक बार गई तो पता चला कि उसके पापा का वहॉ से स्थानान्तरण हो गया है। उसके बाद उसे कभी पता नहीं चला कि उसका परिवार कहॉ चला गया और उसने भी दिल पर पत्थर रखकर कभी उन्हें ढूंढने का प्रयास नहीं किया। क्या करती, वह तो पहले ही उस परिवार से डाली से टूटे … Read more

मंगला मुखी (भाग-5) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

वीथिका उठकर अन्दर गई और एक गिलास में पानी ले आई।  रेशमा को देते हुये उसने कहा – ” अगर मेरी किसी बात से आपका दिल दुखा हो तो मुझे क्षमा कर दीजिये।” ” नहीं, तुम माफी मत मॉगो, तुम्हारी कोई गलती नहीं है। यह हमारी नियति है जिसे भोगना ही हमारा प्रारब्ध है।” फिर … Read more

मंगला मुखी (भाग-4) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

और सचमुच जब से कदम्ब और वीथिका ने बच्चे का जन्म शहर में करवाने का अपना निर्णय अम्मा को बताया तो अम्मा – बाबू दोनों बहुत नाराज हो गये – ” तुम तो ऐसे कह रहे हो मुन्ना जैसे गांव में सारी औरतें बच्चे पैदा करने में मर ही जाती हैं। कुछ नहीं होगा। तुम … Read more

मंगला मुखी (भाग-3) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

जब भी विनय गुप्ता कनाडा से भारत आकर अपने बंगले में रहते , कदम्ब उन्हीं के बंगले में रहता और उन्हीं के साथ खाना खाता।  जब वह  जाने लगते तो उसे दस हजार रुपये के साथ खूब सारे कपड़े आदि दे जाते। ग्रेजुएशन करने के बाद कदम्ब के बहुत प्रयत्न करने पर भी नौकरी नहीं … Read more

मंगला मुखी (भाग-2) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

बहुत मिन्नत के बाद आखिर रेशमा मान गई और खुशी के कारण फूट फूटकर रोने लगी – ” कल एक बार जाऊंगी सबसे विदा लेने। आखिर उस समाज ने मुझे आसरा और सहारा दिया है। उन्हें भी बताऊंगी कि कोई है जो मुझसे नफरत नहीं करता है बल्कि मुझे प्यार और सम्मान देता है। अब … Read more

मंगला मुखी (भाग-1) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दोस्तों आप सबको बहुत बहुत प्यार और अभिवादन। आज मैं आप सबके समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूॅ। आशा है कि आप सबका प्यार, आशीर्वाद और सहयोग मेरी इस कहानी को भी मिलेगा। साथ ही आप सबकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रियायों की प्रतीक्षा रहेगी ताकि मैं उत्साह पूर्वक आगे बढ़ सकूॅ। साथ ही आप सबको … Read more

उपहार (भाग-14) एवं अन्तिम – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

” दक्षिणा, बहुत दिन मायके में रह चुकी हो, अब यहॉ रहने की आवश्यकता नहीं है। अपने घर चलो।” यह दक्षिणा के पति थे जो अपने तीन महीने के बेटे को देखने पहली बार आये थे। करीब एक वर्ष बाद दक्षिणा आज उस व्यक्ति को देख रही थी जिसके साथ उसने प्यार और अनुराग से … Read more

उपहार (भाग-13) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

स्थानान्तरण के आदेश आने के बाद अहिल्या ने बहुत बार  कहा मुकुल से – ” तुम भी चलते तो दक्षिणा कितना खुश होती। चलने के पहले एक बार तो मिल लो, फिर पता नहीं कब मिलना हो? किस बात से उससे इतना नाराज हो कि एक बार फोन तक नहीं किया?” लेकिन मुकुल नहीं माना … Read more

उपहार (भाग-12) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

सुनते ही जैसे वह अपराध मुक्त हो गया। उसकी आत्मा जैसे सुख और आनन्द से सराबोर हो गयी। वह ऑखों में ऑसू भरकर मूर्ति के चरणों में गिर पड़ा – ” प्रभो! जिसे हम पाप और पुण्य कहते हैं, वह सब तुम्हारी इच्छा से रची माया मात्र है। दक्षिणा के पैर की चोंट,सबका उसको छोड़ … Read more

उपहार (भाग-11) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

” मुकुल, इस समय दक्षिणा को हमारी बहुत जरूरत है। उसने कभी मुझे नहीं बताया लेकिन जब उसकी ऐसी हालत सुनकर भी अभी तक ससुराल से कोई नहीं आया तो वे लोग कैसे होंगे, अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है?” ” तुम जो करना चाहती हो बताओ मैं तुम्हारे साथ हूॅ।” ”  तुम घर की व्यवस्था … Read more

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