अहो भाग्य – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

दूसरी बार सुलेखा ने आज बेटी को जन्म दिया । शायद विधाता की यही मर्जी थी । ये आखिरी मौका था और कहीं एक उम्मीद भी थी कि शायद अब बेटी के बाद बेटा ही होगा । पर डॉक्टर ने जुड़वा बिटिया को  दिखाकर भरम तोड़ दिया । सुलेखा के पति माधव तो दुःखी हो … Read more

बिन मांगे मोती मिले – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज सुबह – सुबह अखबार खोलते ही  जिस फोटो को देखी नज़रें जैसे चुंधिया सी गई और दिल – दिमाग शंकाओं से घिर आया । बहुत कुछ बदल गया था इन पाँच सालों में । बड़े असमंजस में थी वही मीरा आंटी हैं जिन्हें मैं जानती हूँ या उनकी हमशक्ल हैं । लेकिन मीरा आंटी … Read more

भुक्तभोगी – अर्चना सिंह  : Moral Stories in Hindi

तूलिका सुबह से तरह – तरह के व्यंजन बनाने में लगी थी । यूँ तो दिल से बुरी नहीं थी वो पर ससुराल वालों के पुराने व्यवहार की टीस उसे कभी – कभी बुरा बनने पर मजबूर कर देती थी । आज तूलिका की सासु माँ पूर्णिमा जी और अविवाहित ननद कृति आने वाले थे … Read more

कद्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

अपना जीवन मैंने हमेशा दूसरों के लिए जिया है । स्वभाव अच्छा होते हुए भी न जाने मुझे शायद हर वक़्त अच्छा सुनने की आदत  या यूँ कहें लत लग गयी थी । नाती – नातिन, पोते – पोतियों से भरा घर, बेटी- बहुएँ, जेठानी – देवरानी । कहने को घर में अथाह लोग लेकिन मेरा … Read more

श्रद्धा नहीं तो श्राद्ध कैसा – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

कल भादो की पूर्णिमा है और दो दिन बाद मम्मी जी का श्राद्ध वाला दिन है । सामान की लिस्ट बना दी हूँ आप ऑफिस से आते वक्त सारे सामान लेते आइयेगा या मैं तैयार रहूँगी आप मोड़ पर पहुँच कर कॉल करिएगा तो दोनों साथ में चल के ले आएँगे, ये भी सही ही … Read more

उसका फैसला – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

उसूल था उसके जीवन का …”जब तक असमर्थ न हो किसी को तकलीफ न दो । पर नियति भी सबके हिसाब से कहाँ चलती है ।  हाथों में मेहंदी , भर हाथ चूड़ियाँ, सुंदर गुलाबी सिल्क साड़ी, पावँ में महावर, पायल और बिछुए ..उम्र के जिस मोड़ पर थी वो स्वाभाविक चमक आ जाती है … Read more

अभागी माँ – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

पल्लवी जी अपने पति प्रकाश जी के साथ डॉक्टर के केबिन में बैठी डॉक्टर के मुँह से रिपोर्ट सुनने के लिए व्याकुल थीं । डॉक्टर के चेहरे पर असमंजस और परेशानी के भाव देखते हुए पल्लवी जी ने पूछ ही लिया,…”सब ठीक तो है न डॉक्टर साहब ? डॉक्टर ने पानी पीते हुए कहा…”आपकी रिपोर्ट … Read more

औपचारिकता – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

संध्या जी की दोनो बेटियाँ जया और प्रिया एक ही शहर बनारस में ब्याही हुई थीं । ईश्वर की दया से दोनो दामाद वैभव और नितिन स्वभाव से बहुत अच्छे थे । एक बेटा शिवम जो दोनों बहनों से छोटा है ।  उसकी पत्नी साक्षी जो बहुत ही मेहनती और स्वभाव व विचारों से बिल्कुल … Read more

गृहलक्ष्मी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

नेहा  और अजीत जुड़वा भाई-बहन थे । दोनो  एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे ।स्कूल सिर्फ दसवीं कक्षा तक था । आज ही रिजल्ट निकला था, अच्छे नम्बरों से पास हुई थी नेहा और उसका भाई अजीत बस किसी तरह पास हो गया था । अपने रईस दोस्तों को देखकर अजीत ने ज़िद ठानी … Read more

किटी पार्टी – अर्चना सिंह  : Moral Stories in Hindi

आज की सुबह बहुत अलसायी हुई, सुस्त सी महसूस हो रही थी ।  मधु ने सोचते हुए झट से खिड़की के पर्दे को हटाया । एक तो आज इतवार भी था, और आज ही उसे देर तक सोने का मन भी था । न जाने क्यों आज स्कूल वाले समय पर आँखें खुल गईं ।  … Read more

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