किस्मत भाग -3 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ – Moral Stories in Hindi

अभी तक हमने पढ़ा कि सुमि ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया है और अपने दोस्तों के साथ वो अपनी दिन भर की दिनचर्या शेयर करती है और उसका दोस्त विकास उसे सोच समझ कर नए दोस्त बनाने की सलाह देता है। अब आगे …  ****************************************************************************** कॉलेज का दूसरा दिन था। सुबह की क्लास के … Read more

किस्मत भाग -2 -अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“By the way, I’m kashish “, वह लड़की मुस्कुरा कर बोली। और मैं … इससे पहले कि विपुल खुद अपना नाम बताता, वह खिलखिलाती हुई बोली, “आप तो विपुल हो, मैं भी उसी भीड़ में थी जिसमें आपने सीनियर की ही रैगिंग कर दी थी । यह सुन कर विपुल मुस्कुरा दिया । 6 फुट … Read more

किस्मत भाग -1 अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“लो भागवान ! आ गए ट्रांसफर के आर्डर। चलो अब दिल्ली चलने की तैयारी कर लो।” सुमि के पिता जी घर में घुसते ही बोले। “वाह ! क्या बात है । कब तक चलना है ?” सुमि की मां खुश हो कर बोली । जहाँ घर के सभी लोग दिल्ली जाने के नाम से खुश … Read more

विंडो सीट भाग – 10 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ :

जबसे वो लोग डाक्टर सिमी से मिल कर आए थे, सुमन का मन अशांत था, मानो हर रोज़ कोई अदृश्य हाथ उसके भीतर की गाँठों को और कस देता हो। हालाँकि समीर उसका बहुत ध्यान रखता था , पर यही देखभाल उसके भीतर डर भी जगाती थी। वह सोचती—“क्या समीर मुझे अब दया की दृष्टि … Read more

विंडो सीट भाग – 9 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

पार्टी के दौरान भी सुमन की नज़रें विनय, सुरभि और उनके दोनों बच्चों की खिलखिलाहट का ही पीछा करतीं रहीं। पार्टी वाकई शानदार थी। विनय और सुरभि के कप्पल डान्स ने सबका मन मोह लिया था। हँसी – मज़ाक, पुरानी यादें, पुराने किस्से और पुराने दोस्त —  सच में किस्मत वालों को ही मिलते हैं। … Read more

विंडो सीट – 8 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

समीर उसकी ओर देखते हुए मुस्कुराया। परेड ग्राउंड से आती धीमी बिगुल की आवाज़ उनके दिलों में गूंज रही थी—एक नई सुबह की घोषणा करते हुए। दोनों के बीच वह पल जैसे किसी अनकहे वादे में बदल गया—बीते कल को यहीं छोड़कर, आने वाले कल में साथ चलने का। ———————– सुबह का समय था।  हवा में हल्की-सी … Read more

विंडो सीट – 7 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

घड़ी की टिक-टिक गूंज रही थी। समय आगे बढ़ रहा था, पर सुमन – समीर के मन में अतीत जैसे थम गया था—जहाँ डर, पछतावा और चुप्पी साथ-साथ सांस ले रहे थे। उस रात, बरामदे में खड़ी सुमन ने देखा—समीर आसमान के एक तारे को देख रहा था। क्या वह तारा सच में सिर्फ तारा … Read more

विंडो सीट भाग – 6 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

सुमन के साथ उसका रिश्ता अब स्थिर था। लेकिन प्रेम? शायद वह कहीं पीछे, उसी विंडो सीट पर छूट गया था, जिधर से वह और सुरभि आखिरी बार गुज़रे थे। समीर ने अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाना सीख लिया था — बाहरी दुनिया के लिए एक आदर्श पति और बेटा, लेकिन भीतर से… एक ऐसा … Read more

विंडो सीट भाग – 5 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

हर बार समीर के होंठों तक आते-आते सवाल रुक जाता। उसके मन का एक हिस्सा कहता—“सवाल पूछकर क्या करोगे? जो बीत गया, उसे बदल तो नहीं सकते।“ और दूसरा हिस्सा कहता—“नहीं, तुम्हें सच जानना ही होगा, वरना ये शक तुम्हें ज़िंदगीभर कचोटता रहेगा।” वर्षों बाद आज फिर वही बातें  …भीतर का शोर और कमरे की … Read more

विंडो सीट भाग – 4 – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“क्या सुरभि ने उसे माफ़ कर दिया?” उसने स्क्रीन को देर तक देखा। उस ‘like’ में न कोई सवाल था, न कोई जवाब, पर समीर के लिए यह एक इशारा था — कि उसकी बात वहाँ पहुँच गई है जहाँ वह पहुँचाना चाहता था। उस रात दोनों ने अपने-अपने शहर में चैन की नींद सोई। … Read more

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