आत्मसम्मान की पहल – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

एक दिन बच्चों की डायरी में फीस जमा करने का नोटिस लिखा होता है। और फोन पर भी फीस जमा करने की आखिरी डेट का मैसेज देखकर कंचन परेशान होने लगती है। उसको लगता कि ऐसा क्या करु कि पैसों का इंतजाम होने लगे।  कंचन के पति की जॉब छूट हुए छह महीने हो गये … Read more

जीवन में उतार चढ़ाव – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

 हर घर में मार्च अप्रैल के बाद गेहूं आते है, तो शीला ने सोचा चलो समय रहते गेहूं मंगा ले। नहीं तो समय कैसे निकल जाता है, पता ही नहीं चलता है।इस बार पड़ोसी  नीना की बेटी की शादी है, उनके यहां के फंगशन में बिजी हो जाऊंगी,और फिर मायके भी जाना है, तो क्यों … Read more

घर वापसी – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

आज सुनंदा जी बडी़ ही खुश थी कि उनका बड़ा बेटा लेने आ रहा था। वह अपनी पैकिंग ऐसे कर रही थी जैसे हमेशा के लिए जा रही हो, हमेशा वही रहना हो , हो भी क्यों न खुश ….आखिर बड़ा बेटा कितने समय से बुला रहा था। कि आप हमारे साथ क्यों नहीं रहती … Read more

पैसों का मोह – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रमेश और दीपक बचपन से गहरे दोस्त थे। दोनों पढाई करके कुछ बन न पाए। तो उन्होंने सोचा क्यों न साथ काम शुरू किया जाए। उन्होंने बहुत से बिजनेस के बारे मोबाइल में, कभी आपसी व्यवहार के लोगों से संपर्क के बाद सोचा क्यों न कपड़े का व्यापार शुरू किया जाए। इसमें डबल कमाई होती … Read more

बुआ भी बहन से कम नहीं भैया… – अमिता कुचया  : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से माही के आने की तैयारी चल रही थी। कभी सोनल अपने पति सुमित कहती- देखोजी दीदी के आने पर हमें कोई कमी न रखने है। साल में एक बार ही तो राखी का त्योहार आता है, तब सुमित कहता है क्या मैं कहीं कोई कमी रखता हूं! सोनल तू बता न…क्या लाना … Read more

” हक ” – अमिता कुचया  : Moral Stories in Hindi

सीमा ही बहुत ही खुश थी कि उसके मम्मी पापा की पचासवीं शादी की सालगिरह है वह बड़ी ही कश्मकश में थी कि पापा मम्मी के लिए क्या ले जाए। पापा मम्मी ने जीवनभर हर इच्छा पूरी की है। घर में भाई भाभी की शादी की सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे थे। वह शादी … Read more

एहसान – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

सोमी की गरमी की छुट्टी हुए काफी दिन हो गये थे। वो मामा के यहाँ जाना नहीं चाहती थी। उसे बुआ के यहाँ जाना अच्छा लगता था, वो जब भी जाती तो दो चार दिन के लिए ही जाती थी। इस बार भाभी की बेटी मौली के साथ खेलना था, वो दो साल की थी, … Read more

ओछी सोच….. – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

शाम का समय था एकदम से रजनी को आया देख मां बहुत खुश हुई ,तब रजनी से आश्चर्य से पूछा -अरे रजनी न फोन, न कोई मैसेज आज अचानक आना कैसे हुआ! तब रजनी बोली -“मां मैनें मौसी जी से भैया की तबियत का सुना तो मुझसे रहा न गया मुझे तो शादी में आना … Read more

देहरी – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

राखी का त्यौहार आना हो या कोई अन्य त्यौहार शकुन्तला जी अपनी बहू के पीछे पड़ जाती थी ,रोशनी देखो त्यौहार की रंगत तो कोई को घर के द्वार की देहरी से ही समझ आती है। तब रोशनी कहती- मम्मी आप की तो पीछे पड़ने की आदत है। आप चिंता न करो हमें पता है … Read more

धोखे से मिला सबक – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

शैली आज मायके जा रही थी। वहीं  उसकी जेठानी का भी मायका था ।वो सोचने लगी भाभी के साथ चली जाऊं। उसने अपने पति से पूछा -“मैं अपनी भाभी के साथ मायके चली जाऊं? मेरी भतीजी निया का आज बर्थडे है, वो मेरे अचानक पहुंचने बहुत खुश होगी कि बुआ ने आज सरप्राइज़ दे दिया।भाभी … Read more

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