अपनत्व की छांव – अमिता कुचया

रीतू अपनी सास कमला जी से कहती है -मां जी अब आप कामवाली लगा लो। तो चौंकते हुए वो  बहू रीतू से बोली- क्या….ये क्या बोल रही है, और क्यों बोल रही है!! तुझे तो पता ही है कि कामवाली रखना तेरे बाऊजी को बिलकुल पसंद ना है।  ये सुनकर रीतू कहने लगी ,मम्मी जी … Read more

एक शिक्षिका ऐसी भी….. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

शीतल शहर से गांव के स्कूल के लिए बस से आती और गांव के मेन रोड से अंदर सरकारी शाला में ढाई किलो मीटर तक चलकर पहुंचती, जैसे ही स्कूल लगता तो तब बच्चे उसे कक्षा में आते देख कहते देखो – देखो शीतल मेडम आ रही है, सब बस्ता खोलकर बैठ जाते। इतना उत्साह … Read more

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