मां के आंसुओं का हिसाब – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 आज मीरा के कदम जमी पर नहीं पढ़ रहे थे  ! वह तो बस आरोही को निहारे जा रही थी, और उसको देख देख कर ईश्वर का भी बार-बार धन्यवाद करती जा रही थी ! आज खुशी में भी उसकी मां मीरा की आंखें बार-बार भीग रही थी ! आरोही ने जब देखा तो अपनी … Read more

कर्मठता – पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नवीन अब नौ साल का हो गया ।  कुछ कुछ समझने भी लगा कि क्यों मां हर समय दुखी रहती है । क्यों मेरे पापा  मेरे और मां के साथ नहीं रहते । लेकिन अभी वह इतना बड़ा भी नहीं कि कुछ मां को समझा पाये । कभी कुछ कहने की कोशिश भी की तो … Read more

पत्थर दिल – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

डॉक्टर साहब, डॉक्टर साहब किसी भी तरह बस आप मेरी मां को बचा लो। देखो हमने पहले भी कहा है इनकी दोनों किडनी खराब हो गई हैं। जल्दी से जल्दी किसी डोनर को देखिए जो इन्हें अपनी किडनी दे सके। यह है राघव, जिसकी मां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। राघव … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

    भारत माता की जय। आज मैंने अपनी मां के आंसुओं का हिसाब कर लिया है” आतंकवादियों के कई अड्डों को तबाह करने के बाद फौजी रमन खुशी से चिल्लाया। उसके हर्ष से ओतप्रोत स्वर को सुनकर सभी सैनिक साथियों की नज़र उसकी ओर उठ गई मगर सभी इतनी बुरी तरह से थके हुए थे कि … Read more

लकड़ी के लोग – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

छोटे खाँ नाई जहां जमीन पर कपड़ा बिछाकर लोगों की हजामत बनाया करता था उसी स्थान पर उसके लड़कों ने एक चक्कर दार कुर्सियों और बड़े बड़े शीशों वाली दुकान खड़ी कर ली थी। सामने एक खूबसूरत साइनबोर्ड लगा था जिस पर दिलीप कुमार के चित्र के ठीक नीचे सलीम हेयरड्रैसर लिखा था। बड़े लड़के … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मालती जी के फोटो पर हार चढ़ा था और उनकी शोक सभा में सभी आए थे। राधे और उसकी पत्नी बहुत जोर – जोर से रो रहें थे और एक कहानी सबको सुना रहे थे कि अम्मा अपनी सहेलियों के साथ तीर्थ यात्रा पर गईं थीं और बस खाई में गिर गई थी। किसी का … Read more

मैं गांधारी नहीं – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

सूरज ढल रहा था और अँधेरा फैलने को था। गाँव की वह लड़कियाँ इसी अंधेरे का इंतज़ार करती हैं, जिनके घरों में शौचालय नहीं होते। गाँव की एक ऐसी ही लड़की, हाथ में लोटा लिए, सुनसान जगह की ओर जा रही थी, जहाँ कोई नहीं आता-जाता था। ठाकुर रणवीर प्रताप अपनी ऊंची हवेली के झरोखे … Read more

दोहरा चरित्र – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अमित को नौकरी के सिलसिले में बहुत आना- जाना पड़ता था। शुरू – शुरू में तो उसके साथ गीत भी गई लेकिन अमित उसे वक्त ही नहीं दे पाता था।गीत भी होटल के कमरे में पड़े – पड़े बोर हो जाती। नया शहर नए लोग करे तो क्या करें, इसलिए उसने साथ जाना बंद कर … Read more

सच का आईना – डॉ कंचन शुक्ला

“कहां मर गई कमबख्त कितनी देर से तुझे आवाज लगा रहीं हूं  तुम हो की कान में तेल डाले बैठी हो” सलमा बीबी ने अपनी बहू रजिया को गुस्से में चिल्लाते हुए आवाज लगाई।  “आई अम्मी जी ” कहती हुई जल्दी से रजिया सलमा के पास पहुंची उसका हाथ आटे में सना हुआ था।  “ये … Read more

एक मौका और – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

भीनी ने बाहर जाने से पहले जब अपने आप को आईने में निहारा, तो वह हल्के से बड़ी अदा से मुस्कराई। उसे महसूस हुआ कि वो एक सैकैंड भी यहाँ और रूकी तो ख़ुद पर ही फ़िदा हो जाएगी। सिवाय थोड़े से आई मेकअप और हल्की सी क्रीम लगाने के इलावा उसने कोई कास्मेटिक यूज़ … Read more

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