आँसू बन गए मोती – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi
उस दिन भी सूरज ऐसे ही तप रहा था, जैसे धरती से बैर हो। अर्जुन की छोटी सी झोंपड़ी में भीषण गर्मी के साथ एक और आग धधक रही थी – मां की लगातार बढ़ती खांसी। हर खांसी के साथ उसका कमजोर शरीर ऐसे कांपता, मानो पतली डाली पर झूल रहा कोई पत्ता हो। अर्जुन, … Read more