पत्थर दिल – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

लोग कैसे ”पत्थर दिल” हो गए हैं ,कहते हैं -‘भगवान पत्थर के हैं किन्तु तब भी उनसे अपेक्षा रखते हैं ,उम्मीद रखते हैं, कि वो पत्थर का भगवान अवश्य ही उनकी परेशानी सुनेगा , समझेगा ,उसकी विनती सुनकर उन पर कृपा करेगा जबकि स्वयं इंसान बेरहम हो गया है। उसके’ दिल’ नहीं रह गया है … Read more

मत भूलो, कि ये भी मेरा परिवार है। – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

सिया का जब से विवाह हुआ है ,तबसे ससुराल में आकर, अपनी घर -गृहस्थी में रम गयी। अपने मायके में उसका जाना कम ही हो पाता। चलते समय माँ ने कहा था -”ससुराल जा रही हो ,वहां अच्छे से रहना ,कभी लड़कर यहाँ मत आना ,अब वही परिवार तुम्हारा अपना है।”  माँ !ये क्या कह … Read more

घर की मालकिन मैं हूं – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बहू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि,” तुम घर के निर्णय में अपनी राय दे रही हो। मैं जब तक जिंदा हूं, तुम मालकिन बनने के सपने देखना भी छोड़ दो। सास बनने की कोशिश नहीं करो तुम।अपने काम से काम का ही मतलब रखा करो” शोभा जी ने रत्ना को बहुत ही भला बुरा कहा … Read more

पत्थर दिल – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 बारिश का मौसम देखकर दुर्गा खेतों की और चल पड़ी। जहां उस का पति हरिया था । उसे देखते ही हरिया बोल उठा । देख दुर्गा अब की धरती मां ने हमें अपना बहुत आशीर्वाद दिया है। दोनों की मेहनत से कितनी सुंदर फसल लहलहा रही है। अब की इस फसल के जो भी पैसे … Read more

“वो एक ही बेटा…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

पंजाब के मोगा शहर के एक छोटे से गाँव में जन्मा दलजीत, अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। माँ गुरविंदर और दादी हरबंस कौर की आँखों का तारा, और पिता सतपाल की एकमात्र उम्मीद। बचपन में जब उसके हाथ में खिलौने की बंदूक होती, तो वो खेल-खेल में कहता— “बापू, हाथ ऊपर कर! मैं देश … Read more

मत भलो कि यह भी मेरा परिवार है – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

सूरज की किरणें वृद्धाश्रम के आँगन में धीमे-धीमे फैल रही थीं। चमेली के फूलों से भरी क्यारियाँ और छायादार बरगद के पेड़ के नीचे बैठे कुछ बुज़ुर्ग धीमी आवाज़ में बातें कर रहे थे। उन सबके बीच एक चेहरा था — श्रीधर जी का। सफेद बाल, शांत आँखें और चेहरों पर स्थायी हो चुका एक … Read more

आंसू पीकर रह जाना – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सुजाता एक पढ़ी-लिखी, समझदार और संस्कारी लड़की थी। उसके माता-पिता ने एक अच्छे परिवार में उसकी शादी की। पति की कपड़ों की दुकान थी, जीवन सामान्य था और शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। एक वर्ष बाद उनकी एक प्यारी-सी बेटी का जन्म हुआ। लेकिन वक्त ने करवट ली। पति की संगत कुछ … Read more

आंसू पी कर रह जाना – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना को जब पता चला कि वह फिर से गर्भवती है, उसका मन डर और खुशी से भर गया। पहली बार उसका गर्भपात हो गया था, इसलिए यह ख़बर उसके लिए बहुत मायने रखती थी। उसने पूरे नौ महीने संभलकर बिताए। जब बेटी का जन्म हुआ, रीना की आंखों में खुशी के आंसू थे। पर … Read more

अब और नहीं सहना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   सुबह सुबह निशा तेजी से हाथ भी चला रही थी और माला के लिए कुछ भला बुरा बोलने के साथ साथ चितिंत भी थी। माला उसकी मेड थी, जो घर का सारा काम संभालती थी। दो दिन से उसके न आने से घर का सारा काम बिखरा पड़ा था।निशा किसी तरह काम निपटा कर आफिस … Read more

आँसू पीकर रह जाना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

कभी कभी जीवन में आँसू पीकर रहजाना पड़ता है क्योंकि कुछ बातें हमारी पहुँच से दूर होती हैं और हम वहाँ कुछ नही कर पाते।    एक निर्धन परिवार में जन्मा भोला अपने नाम के अनुरूप ही सहज सरल था।उसकी एक वृद्ध बीमार माँ थी– पिता बचपन में ही चलेगए थे– एक छोटी बहन थी।बेचारा भोला … Read more

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