मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है…. – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

आज रिश्तो में तनाव और दूरी सबसे अधिक देखने मिल रही है । युवा पीढ़ी की जीवन शैली बदलती जा रही है।  सामाजिक अपेक्षाओं के कारण रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है।  माना की विचारों और भावनाओं की उम्र नहीं होती है । लेकिन लोग अपने ही अपनों से दूर हो रहे हैं … Read more

जज़्बातों से परे – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी जीवन ऐसे फैसलों के मोड़ पर खड़ा कर देता है, जहाँ दिल की आवाज़ को दबाकर सिर्फ ज़िम्मेदारी की राह चुननी पड़ती है। ऐसे ही एक मोड़ पर खड़ी है आईपीएस अधिकारी मानवी सिन्हा । लोग उसे ‘पत्थरदिल’ कहते हैं —न चेहरे पर कोई भाव, न शब्दों में कोई कोमलता। वह कानून की किताबों … Read more

खामोशी चुभती है – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

क्या हुआ अनु?? घर में इतनी शांति क्यों है बच्चे कहां गये?? कहीं दिखाई नहीं दे रहे। अभी तो यहीं थे शायद तुम्हें देखकर पढ़ने बैठ गए होंगे। अब वो भी क्या करें आपके बाहर से आते ही वो आपसे लिपट कर प्यार जताने आते हैं तो बदले में उन्हें झिड़की ही मिलती है। क्यों … Read more

पत्थर दिल – ममता चित्रांशी : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोर पर खड़ी थी पुरानी हवेली — वीरान, सुनसान और खामोश। चारों ओर झाड़ियाँ उग आई थीं, खिड़कियाँ जंग खा चुकी थीं, और छत से टपकती बूंदों की आवाज़ें रात की खामोशी में चीख़ों जैसी लगती थीं।    इस हवेली को गाँव वाले “पत्थर दिल हवेली” कहते थे, और उसमें रहने वाले कर्नल … Read more

समधन जी – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

समधन जी !”आपकी बिटिया को कुछ सिखाया नहीं है क्या? सिर्फ पढ़ाई लिखाई और नौकरी ही कराया है आपने?” कमला जी ने फाल्गुन की मम्मी को सुनाना शुरू कर दी। अभी अंदर आए कुछ ही समय हुआ था रमा जी को,ना ढंग से चाय – पानी पूछा और ना ही हाल खबर। ऐसा लग रहा … Read more

निक नेम – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

     ये क्या मां…?  इतने सारे पुए क्यों बना रही हो…? आजकल कौन खाता है ये सब….? सभी लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं….और तुम हो कि पुए पे पुए बनाए जा रही हो…!      बेटी भैरवी ने मां शैली से शिकायती भरे अंदाज में  कहा….।       अरे बेटा… वो रामदीन काका , दूध वाले भैया ,  … Read more

ऐसे कारज कीजिए – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

किसी ने सच ही कहा है कि हर इन्सान को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है और यह भी सच है कि इसी धरती पर भुगतना पड़ता है। अगला जन्म, दूसरा जहान, नर्क – स्वर्ग किसने देखा है। जब कोई व्यक्ति अपनी अच्छी उम्र , अच्छा जीवन भोग कर जाए तो सब यही कहते … Read more

ये कहां आ गए हम …? – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 ‌कल मिसीज गुप्ता को अपने किन्हीं विशेष कार्यों के लिए पोस्ट ऑफिस जाना पड़ा। यह सामान्य बात है कि पोस्ट ऑफिस में विभिन्न प्रकार के , विभिन्न क्षेत्रों के तथा आर्थिक दृष्टि से अलग-अलग स्तरों के अनेक लोगों का आना-जाना लगा ही रहता है।  मिसीज गुप्ता के काम की प्रक्रिया चल रही थी कि तभी … Read more

“दो गुलाब” – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मेट्रो में अंदर घुसते ही ऋतुराज ने चारों तरफ बैठने के लिए जैसे ही नजर दौड़ाई तो उसकी नजर कोने की सीट पर बैठी एक लड़की चश्मा लगाए एक पत्रिका पढ़ती नजर आई। पत्रिका के कवर पर  “दो गुलाब” लिखा देख ऋतुराज के चेहरे पर मुस्कान आ गई और वह पढ़ने वाली लड़की का चेहरा … Read more

सिसकती सांसें – सरिता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों के बाद मायके आ पाई। मां पापा के साथ भाई बहन -सभी फोन कर करके मनुहार करते रहे–दीदी तू तो हमें भूल ही गई, शायद रास्ता ही भूल गई हो ,हम आ जायें लेने ! मुझे हंसी भी आती और अपने ऊपर गुस्सा भी,पर क्या करें!जब तक बच्चों के पेपर नहीं हो जाते,ट्यूशन … Read more

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