“जो खुद को नहीं छोड़ सकी” – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
रागिनी जब पैदा हुई थी, उसकी माँ उसे छाती से लगाकर केवल तीन महीने ही जी पाई थी। माँ की मौत के बाद उसके पापा ने उसे जैसे-तैसे बड़ा किया। बचपन कड़की में बीता, लेकिन रागिनी की आँखों में कभी ना हौसले की, ना उम्मीद की कमी हुई। वो पढ़ना चाहती थी। दिन में सिलाई-कढ़ाई … Read more