“जो खुद को नहीं छोड़ सकी” – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

रागिनी जब पैदा हुई थी, उसकी माँ उसे छाती से लगाकर केवल तीन महीने ही जी पाई थी। माँ की मौत के बाद उसके पापा ने उसे जैसे-तैसे बड़ा किया। बचपन कड़की में बीता, लेकिन रागिनी की आँखों में कभी ना हौसले की, ना उम्मीद की कमी हुई।  वो पढ़ना चाहती थी। दिन में सिलाई-कढ़ाई … Read more

शुभ विवाह – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

पत्नीभक्त केदारनाथ जी जब से सेवानिवृत्त हुए थे, जीवन का केंद्र में बस दो ही चीज़ें थीं—सुबह की चाय पर पत्नी के साथ मोहल्ले की खबरें सुन कर उस पर टीका-टिप्पणी करना और बेटी तान्या के लिए योग्य वर की तलाश। वह चाहते थे कि तान्या का विवाह एक ऊँची पोस्ट के अधिकारी से हो—कुछ-कुछ … Read more

 प्रायश्चित – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

नीलिमा का जीवन हर उस लड़की जैसा था जो एक सीमित लेकिन सहेजे हुए सपनों की गठरी लिए रोज़ सुबह जगती है। वह एक सुलझी हुई, समझदार और आत्मनिर्भर युवती थी। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने कुछ समय तक घर पर रहकर माँ का हाथ बँटाया, लेकिन उसकी आँखों में नौकरी कर … Read more

सजावट से स्वत्व तक – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

वो हर सुबह उठते ही सबसे पहले आईने में अपना चेहरा देखती थी। एक महीन-सी मुस्कान, नपी-तुली भौंहों की कमानी, होंठों की सतर्क सजावट… सब कुछ वैसा ही जैसी दुनिया उसे देखने की उम्मीद करती थी। उसका नाम था—सुगंधा। बचपन से ही वो स्वयं के लिए ‘खूबसूरत’ शब्द ही सुनती बड़ी हुई थी। कोई कहता, … Read more

नफ़रत की दीवार – आरती झा आद्या  : Moral Stories in Hindi

आज पहली बार उसे अपने नाम के साथ सिंह लिखने की इच्छा नहीं हुई, आज पहली बार इसे मिटा देने की इच्छा हो रही थी। पासपोर्ट के फॉर्म में जब उसने “Mother’s Name” के कॉलम में ‘मीरा सिंह’ लिखा, तो उसका हाथ काँप गया। सिया की पहचान हमेशा मीरा सिंह से जुड़ी रही थी — … Read more

आँसू बन गए मोती – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

कमरे की दीवार पर टँगी तस्वीर हल्की रोशनी में चमक रही थी। अमरेश जी का चेहरा स्थिर था, लेकिन उनकी आँखें जैसे अब भी कुछ कह रही थीं—कुछ, जो अभी पूरा नहीं हो सका था। उनके ठीक सामने सुधा बैठी थी, उदास चेहरा और गीली आँखों वाली सुधा। उसी कमरे की दूसरी दीवार पर टंगा … Read more

रिश्तों की बचत – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “तुमने सूट पहना है सुधा”… स्कूल जाने के लिए तैयार हुई सुधा को देखते ही उसकी सास विमला जी बोली। सुधा मुस्कुरा कर अपने बैग में लंच का डब्बा रखने लगी।  दो साल पहले शादी हुई थी अनूप से सुधा की, अच्छा खाता पीता परिवार अनूप सा इंजीनियर दामाद और … Read more

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