आपे से बाहर होना – खुशी :

Moral Stories in Hindi

अर्जुन एक बहुत इंटेलीजेंट लड़का था।उसे हर चीज का अच्छा ज्ञान था।बस उसमें एक ही कमी थी कि वो गुस्सा बहुत करता था और गुस्से में वो बेकाबू हो जाता।उसे घर में सभी यही समझाते बेटा अपने इस अवगुण को त्याग दे तो तू हीरा है हीरा।अर्जुन बीटेक कर नौकरी की तलाश में था। उसे एक

बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई।रोज मां समझा कर भेजती गुस्सा मत करना।पर इसी गुस्से के कारण वो दो जगह से निकला जा चुका था।बड़ी मुश्किल उसे अब नौकरी लगी थी इसलिए मां समझाती थी।उसके गुस्से के कारण उसकी बड़ी भाभी शालिनी उससे बात नहीं करती थी।एक बार घर में कुछ

कहा सुनी हो गई थी तो गुस्से मे अर्जुन ने अपनी भाभी पर हाथ उठाने चला था इसी कारण उसके भाई भाभी उससे बात नहीं करते थे ।वो सिर्फ माता पिता के कारण उनके साथ रह रहे थे।इधर अर्जुन अपनी नौकरी में सेटल हो गया दो साल एक जगह टिक कर काम कर रहा है इसलिए अब इसकी शादी कर देनी चाहिए ऐसी मां की इच्छा थी।माता पिता ने सुंदर और सुशील प्रिया के साथ रिश्ता

पक्का कर दिया।तीन महीने बाद शादी थी। प्रिया स्कूल में पढ़ाती थीं।शादी से पहले अर्जुन प्रिया को बाहर ले जाना चाहता था। इसलिए उसने प्रिया को फोन किया। प्रिया बोली अभी स्कूल में हूँ नहीं आ सकती। इसी बात पर अर्जुन को गुस्सा आ गया बोला तुम मेरी बात नहीं मानती तुम अपने आपको बहुत तोप समझती हो तुम्हारे मां बाप ने यही संस्कार दिए है कि पति की इज्जत नहीं करो।

जाओ ये शादी नहीं होगी। प्रिया आवक रह गई उसने घर आ कर अपनी मां को बताया कि अर्जुन ने रिश्ते से इनकार कर दिया है। प्रिया के माता पिता परेशान हो गए उसका भाई नमन बोला मां जो लड़का इतनी सी बात पर दीदी को इतना सुनाकर रिश्ता तोड़ सकता है उसके साथ दीदी का क्या भविष्य ।आप लोग भी मना कर दो और दीदी के लिए कोई और लड़का देखो।

पर प्रिया के पापा अमित बोले एक बार अर्जुन के माता पिता से बात करते हैं।अमित जी ने अर्जुन के पिता रोहन को फोन कर पूछा आप लोगों की तरफ से रिश्ते की ना है क्या ? रोहन बोले नहीं अमितजी ये आप क्या कह रहे हैं ऐसी तो कोई बात नहीं।तब अमित ने सारी बात रोहन को बताई ।अर्जुन  घर आया तो रोहन  ने उसे आड़े हाथ लिया बोले तुम क्यों समाज में हमारी बेइज्जती करवाना चाहते हो।

तुम भी नौकरी वाले हो अगर प्रिया ने मना कर दिया की वो नहीं आ सकती किसी कारण वश तो तुम शादी तोड़ दोगे।माफी मांगो अभी प्रिया और उसके माता पिता से ये अर्जुन की अना के खिलाफ था पर वो कुछ नहीं कर सकता था उसने सबसे माफी मांगी और मन ही मन इस बेइज्जती का बदला लेने का मंसूबा बनाया।शादी तक उसने प्रिया को फोन नहीं किया।

ना ही उससे मिलने आया शॉपिंग भी उसने अपनी अलग ही की।और शादी का दिन आ गया।सब ठीक से चल रहा था कि फेरो के टाइम अमित बोला तीसरा फेरl तब होगा जब प्रिया मुझसे माफी मांगेगी नहीं तो ये शादी नहीं होगी। अमित बोले क्या कह रहा है पागल है क्या ? क्यों इसने मुझसे अपने खानदान और खुद से माफी मंगवाई थी ना। प्रिया की मां ने प्रिया से कहा बेटा माफी मांग लो और बात खत्म करो।

प्रिया ने अर्जुन को सॉरी बोला तब फेरे हुए।विदाई के समय भी प्रिया के माता पिता ने अमित और उसके परिवार वालों से भी माफी मांगी।अमित बोले रोहन आप माफी नहीं मांगिए अब ये दोनों खुद देख लेंगे।घर पहुंच कर सारी रस्मे हुई और प्रिया को आराम करने के लिए उसके कमरे में भेजा।

वहां अर्जुन था उसे देख वो डर गई। अर्जुन बोला ऐसे ही डरना मुझसे और वो नीचे चला गया।तभी अर्जुन की भाभी आई बोली ये है ही महा बतमीज़ तुमने इससे कैसे शादी कर ली। ये जानवर हैं। प्रिया डर गई और रोने लगी रोते रोते उसकी आंख लग गई और जब जोर से दरवाजे पर आवाज हुई तो वो उठी ।सासू जी थी बोली बेटा नहा ले और खाना खाने आजा।

प्रिया नहा कर आई तैयार हो नीचे आ गई।अर्जुन नीचे डाइनिंग टेबल पर ही बैठा था।उसे देख वो फिर डर गई।अमित बोले आओ बहु बैठो।सबने खाना खाया सबके सामने अर्जुन बड़ा हसी मजाक कर रहा था।रात को प्रिया को तैयार कर बिठाया गया पर उसके मन में जो डर था वो जा ही नहीं रहा था। अर्जुन आया और बोला सॉरी मुझे माफ करदो मैने सुबह तुम्हे डराया अब नहीं ड़राऊंगा ।

और वो प्यार भरी बाते करता रहा और इसलिए प्रिया भी रिलेक्स हो गई फिर तीन दिन बाद वो घूमने चले गए।शिमला में एक शाम घूमते हुए प्रिया ने अर्जुन को किसी बात पर छेड़ दिया अर्जुन चीड़ गया और आपे से बाहर हो गया। प्रिया को वही रोड पर छोड़ वो कैब से होटल आ गया। प्रिया चिल्लाती रही पर कोई फायदा नहीं वो दूसरी कैब ले कर पहुंची तो उसने दरवाजा नहीं खोला सारी रात वो कोरिडोर में बैठी रही।

आते जाते लोग उसे देख रहे थे।वापस आ कर अर्जुन का मूड 4-5 दिन खराब ही था जब तक प्रिया ने सारी नहीं कहा। अब प्रिया की छुट्टियां खत्म हो रही थी वो बोली कल से मुझे भी स्कूल जाना है।अर्जुन बोला तुम नहीं जाओगी ।नौकरी छोड़ दो। प्रिया बोली इतनी अच्छी नौकरी अच्छी तनख्वाह फिर घर के पास और क्या चाहिए अर्जुन बोला इस घर में रहना है तो नौकरी छोड़ो नहीं तो अपने बाप के घर जा। 

मां बोली अर्जुन ये उसका भी घर है दुबारा इस तरीके से बहु से बात मत करना।तो इसे समझाइए घर संभाले।अर्जुन के जाने के बाद से अपनी सास  से अनुमति ले कर वो अपने स्कूल गई।वहां की जो प्रिंसिपल थी वो उसकी अच्छी जानकर थी।वो बोली मै मेडिकल ग्राउंड पर तुम्हारी विट आउट पे छुट्टी सेक्शन कर देती हूं तुम अर्जुन को समझाओ लोग ऐसी नौकरी को तरसते हैं।आगे तुम्हारे बच्चे का एजुकेशन भी फ्री होगा।

प्रिया बोली मै बहुत अहसानमंद हूं आपकी प्रिंसिपल बोली हम भी तुम्हारे जैसी अच्छी टीचर खोना नहीं चाहते।शाम को अर्जुन आया बोला रिजाइन कर दिया। प्रिया बोली हा अर्जुन बोला अब सही है मुझे ये पैसे की अकड़  दिखाने वाली औरते पसंद नहीं है जैसे भाभी ने भाई को गुलाम बना रखा है । प्रिया को अर्जुन का व्यवहार बिल्कुल अच्छा नही लगा।दिन भर वो चीखता चिल्लाता और रात होते ही मीठी मीठी बातें कर अपनी जरूरतें पूरी करता। प्रिया अर्जुन के साथ खुश नहीं थी ।सारा दिन गुस्सा करना कई बार हाथ उठाना।

ये तो उसका रोज का शगल था।एक दिन घर में भाभी के बेटे विनय का बर्थडे था सबको बुलाया था।अर्जुन तो लड़ाई के बाद उनके पोर्शन में गया ही नहीं था पर प्रिया को भाभी ने बहुत कहा तुम जरूर आना और उस दिन अर्जुन लेट आने वाला था इसलिए प्रिया पार्टी में चली गई।जब वो सास ससुर के साथ घर आई तो अर्जुन बैठा था।

अर्जुन को देख प्रिया बोली आप ,आप तो लेट आने वाले थे।अर्जुन बोला हा साली ताकि मेरे पीछे तू गुलछ रे उड़ा सके मैने मना किया था फिर भी अमित बोले क्या हुआ हमारे साथ गई थी घर में ही तो थे सब ।अर्जुन अंदर चला गया अमित बोले जाओ बहु कुछ नहीं कहेगा सासससुर अपने कमरे में चले गए। प्रिया डरते हुए कमरे में आई अर्जुन ने दरवाजा बंद कर दिया और प्रिया को बेल्ट से मारने लगा अपनी मर्जी चलाएगी इस घर में रहना है तो मेरे हिसाब से रह शादी वाले दिन समझाया था पर तेरी समझ में नहीं आया । प्रिया को बेदम कर और आनापशनाप बोल वो सो गया।पर प्रिया फैसला कर चुकी थी कि इस जानवर के साथ नहीं रहूंगी।

प्रिया मुंह अंधेरे अपना सामान ले अपने मायके आ गई।उसकी हालत देख मां बाप डर गए। प्रिया ने सब बताया जो नर्क वो तीन महीने से भोग रही थी।नमन बोला मैने आपको मना किया था ये शादी मत करो पर दुनिया क्या कहेगी इस डर से आपने दीदी को नर्क में झोंक दिया।आपको रतन चाचा ने भी बोला था लड़का गुस्सैल है पर आप नहीं माने दीदी की हालत के लिए आप भी जिम्मेदार हैं।रोहन रो पड़े बेटा मुझे माफ कर दो।

प्रिया बोली पापा मै ऐसे आदमी के साथ नहीं रहूंगी। प्रिया की मां बोली तेरी नौकरी भी तो छुड़वा दी उसने प्रिया बोली नहीं मा मेरे पास नौकरी है 3 महीने की मेडिकल ग्राउंड पर मुझे लीव मिल गई थी।15 दिन है मुझे ज्वाइन करने में। प्रिया की मां बोली अर्जुन तो कह रहा था नौकरी छोड़ कर अब वो घर बैठेगी क्योंकि हमें लड़की की या औरत की कमाई खाने की आदत नहीं।कोर्ट केस हुआ अर्जुन

तलाक के लिए राजी नहीं था पर उसके गुस्से और शारीरिक यातनाओं के मध्यनजर प्रिया को तलाक़ मिल गया उस दिन उनके घर के बाहर भी अर्जुन ने खूब तमाशा किया कि मैं तेजाब डाल कर तुझे जला दूंगा।पड़ोसियों ने पुलिस बुला ली।स्कूल की प्रिंसिपल ने दूसरी ब्रांच में दूसरे शहर में प्रिया का ट्रांसफर करवा दिया।प्रिया वहां चली गई कुछ समय बाद उसका भाई नमन इंजीनियर की पढ़ाई के लिए हैदराबाद गया तो माता पिता भी घर बेच प्रिया के पास आ गए कुछ समय बाद प्रिया का रिश्ता

एक अच्छे घर में हो गया।अर्जुन को बदनामी के कारण पिता ने घर से और ऑफिस वालों ने नौकरी से निकाल दिया अब वो सारा दिन पीता और सड़क पर ही सो जाता और एक दिन गुस्से में आकर उसने बार में किसी का खून कर दिया और आजीवन कारावास भुगत रहा है।गुस्सा उतना अच्छा जो सहन हो सके वरना गुस्सा रिश्ते प्यार भाई बहन सबको खा जाता है।

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

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