आँसू बन गये मोती – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

सुमी चाहे घरेलू सहायिका थी, अपने बच्चे अनूप को स्वयंसिद्ध बनाया था सुमी ने। अनुशासित जीवन था उसका। सुबह परम प्रभुु का शुकराना करो, बडेे बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर आशीष लो, खुद का काम खुद करो।

सुमी सुमंगला जी की घरेलू सहायिका थी। सुबह से शाम तक जो भी काम हो, बडी लगन से करती। कभी.कभी अनूप भी साथ में आता। बाबुजी और मां जी का ध्यान रखता। सतीश भैया को मदद करने की कोशिश करता। वे पढने बैठते तब वह भी कुछ न कुछ पढते रहता।

बाबुजी, मां जी का खाना, दवाई देना, मंदिर ले जाना सब कुछ सुमी बडे प्यार से करती। वे भी उसका पुरा ध्यान रखते। उनका पोता सतीश पढने में तेज था। बेटा आलोक अपने काम में व्यस्त रहता। बहू सुमंगला जी अपने सामाजिक कार्य में व्यस्त रहती। सतीश भैया मेहनती और अभ्यर्थी थे ही, भभलमानस भी थे। अनूप को उन्होंने कभी दुत्कारा नहीं। जितना संभव हो, उसका शंका निरसन जरूर करते। वे चिकित्सक बनना चाहते थे। उन्हें प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते देख, सुमी ने सोच लिया था, वह अपने लाडले अनूप को भी डाक्टर बनायेगी। सब उसकी हंसी उडाते, 

“खाने के तो लाले हैं, ख्बाव बड़े बड़े।”

” देखो, पगला गयी है सुमी। रहने के लिए टूटी-फूटी झोंपडी है, और सपने सजा रही हैं महल के।”

उसे भरोसा था, लाडला बेटा अनूप डाक्टर बन सकता है। वह बुद्धिमान और मेहनती है। अपने मां के सपनों को पूरा करने की जी-जान से कोशिश जरूर करेगा। वह उसे किताबें, कापियां, जरूरी सामान मुहैया कराने के लिए और काम करेगी।

इस कहानी को भी पढ़ें:

ऑंसू बन गए मोती – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

 सतीश भी समय समय पर उसे प्रोत्साहित करता रहता। सुमंगला जी भी यथाशक्ति सहायता करती। होनहार अनूप को सब चाहते थे। उन्हें विश्वास था, बाबुजी और मां जी की दुआएं भी थी।

अपनी मेहनत, बड़ों के आशीर्वाद, प्रशाला के गुरुजनों के मार्गदर्शन से वह डाक्टर बन गया।

आज वह एक नामी-गिरामी डाक्टर बन गया है। गरीब लोगों का मुफ्त ईलाज करता है। पढनेवाले गरीब बच्चों को उचित संबल देता है।

आज उसकी प्रशाला में अपनी माता जी सुमी के साथ उसका बहुमान होगा।

सुमी का मन खुशी से उछल रहा है। स्वप्नपूर्ति से आंखों से आंसू बह रहे है। लेकिन ये खुशी के आंसू हैं। आज आंसू मोती बन गये हैं।

वह उन्हें उन्मुक्त बहने देना चाहती है।

स्वरचित मौलिक कहानी

चंचल जैन

मुंबई, महाराष्ट्र 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!