विक्रम के फोन की स्क्रीन पर राही का नाम देखकर निशा का माथा ठनका , फोन की घंटी लगातार बजे जा रही थी , बाथरूम से विक्रम बोला – निशा फोन देखना जरा , कौन हैं ??
निशा बहाना बनाकर बोली – जी कट हो गया , बाद में आप देख लीजिएगा !!
राही का फोन आज फिर अपने भाई पर आया था मतलब निशा मन में समझ गई थी कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी मगर वह राही से बात नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने फोन नहीं उठाया !!
राही का फोन देखकर निशा के मन पर लगे सारे जख्म फिर ताजा हो गए थे , वह अतीत के गलियारे खो गई !!
राही इस घर की बड़े नाजो से पली बढ़ी इकलौती बेटी थी , उसका भाई विक्रम अपनी बहन पर जान छिड़कता था और राही अपनी मां राखी जी की आंख का तारा थी जिसे जरा सी खरोंच लगने पर राखी जी घर के सभी लोगो को हिला कर रख देती !! राखी जी के पति को दुनिया से गए दो साल बीत चुके थे !!वह एक बहुत बड़े बिजनसमैन थे और जाते जाते काफी पैसा छोड़ गए थे !! उनके राज में पुरी फैमिली ने कभी तकलीफ नहीं देखी थी , जिस वजह से राही ब्रांडेड चीजो की आदि हो गई थी !! ब्रांडेड कपड़े , ब्रांडेड जूते काफी महंगे शौक थे राही के !! विक्रम जब से समझदार हुआ था तब से घर की सारी जिम्मेदारियां विक्रम ही उठा रहा था !! विक्रम की शादी जब निशा से फिक्स कर दी गई तो राही निशा का फोटो देखकर बोली थी यह लड़की मेरे भैया के सामने कुछ भी नहीं , मेरे भैया तो बहुत हैंडसम हैं तब राखी जी बोली राही अपनी होने वाली भाभी के बारे में ऐसा बोलते हुए शर्म आती चाहिए तुम्हें !!
राही हंसते हुए बोली -शर्म नहीं गर्व हुं मैं मम्मी और मुझे मेरे भैया पर भी गर्व हैं जो इन्होंने निशा जैसी साधारण लड़की से शादी करने के लिए हां कह दिया
विक्रम भी मजाक के लहजे में बोला – नहीं मां कहने दो इसे निशा के बारे में , फिर देखना मैं भी इसके होने वाले पति के बारे में क्या क्या बोलूंगा ?? राही चिढ़कर विक्रम से बोली – जाओ भैया मैं कभी आपसे बात नहीं करूंगी फिर विक्रम अपनी बहन को जल्द मना भी लेता !!
विक्रम की शादी जल्द ही तय हो गई और वे लोग निशा के लिए सोने के गहने लेने गए !!
निशा के लिए ज्वेलरी पसंद करने का सारा जिम्मा राही ने अपने उपर ले लिया और बोली – निशा भाभी को साथ में ले जाने की क्या जरूरत हैं ?? मैं हूं ना , मैं उनके लिए सब पसंद कर लूंगी बस इसी वजह से निशा को खरीददारी का हिस्सा नहीं बनने दिया गया !!
ज्वेलर्स की दुकान पर पहुंच कर राही अपने लिए सोने के गहने पसंद करने लग गई तब राखी जी बोली – बेटा ,पहले तेरी भाभी के लिए सोना खरीद लेते हैं फिर तुम अपने लिए देखना !! राही बोली – हां मम्मी , मैं तो भूल ही गई थी , फिर दुकानदार से बोली – सबसे हल्के गहने निकाल कर देना , यह सुनकर विक्रम भी उदास हो गया क्योंकि वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था इसलिए उसे कुछ बोल भी नहीं पाया और इस वजह से निशा के लिए बहुत हल्की सोने की ज्वेलरी ली गई !!
शादी के समय जब सभी रिश्तेदारो ने दुल्हन के गहने देखे तो सभी में कानाफूसी होने लगी कि दुल्हन के गहने कितने हल्के लिए हैं जबकि पैसे की तो कोई कमी नहीं हैं इनके घर में तो कोई कहता अरे अमीर होने का दिखावा करते हैं बस , देखो तो दुल्हन को कैसे गरीबों वाले गहने दिए हैं !! यह कानाफूसी निशा के कानों तक भी जा पहुंची थी मगर विक्रम बात संभालते हुए निशा से बोला – निशा राही की पसंद से ज्वेलरी ली गई हैं ,अभी वह बच्ची हैं इसलिए ज्वेलरी थोडी हल्की आ गई हैं !! निशा मुस्कुराकर बोली – मुझे ज्वेलरी से नहीं आपसे प्यार हैं , निशा की बात ने विक्रम का दिल जीत लिया !! निशा ने ससुराल में जैसे ही कदम रखे , आरती की थाल लिए राही तपाक से बोली – भाभी , आपके झुमके बड़े प्यारे हैं , इसे मुझे दे दीजिए प्लीज !!
निशा यह सुन एकदम से सकपका गई पर कुछ बोली नही और चुपचाप अपने झुमके उतारने लगी , उतने में विक्रम की मौसी बोली – राही पहले ही तूने तेरी भाभी के लिए इतने हल्के गहने पसंद किए हैं , अब कम से कम उसके मायके के झुमके तो मत उतरवा !! यह सुन निशा राही को हैरानी से देखने लगी !!
राही ने बस मुस्कुरा दिया ,
निशा का शांत और अच्छा व्यवहार विक्रम और राखी जी को बहुत पसंद था , वे दोनों निशा की हर बात में उसका साथ देते और उसे भरपुर मान – सम्मान भी देते !! यह देख राही को निशा से बहुत जलन होने लगी , उसे लगने लगा कि निशा के आ जाने से अब उसे पहले जैसी इज्जत नहीं मिल रही इसलिए वह अब हरदम निशा को नीचा दिखाने की कोशिश करने लगी !! थोड़े दिनों बाद निशा को उसका भाई लेने आ रहा था , जैसे ही यह बात राही को पता चली वह बोली – भाभी , मेरी परिक्षाएं नजदीक हैं और अगर आप चली गई तो घर का सारा काम कौन करेगा ?? राखी जी बोली बेटा , तेरी भाभी को लेने उनके भाई निकल चुके है , अब उन्हें जाने दे , वैसे भी निशा को मायके गए हुए समय बीत गया हैं !!
राही तुनक कर बोली मम्मी तुम तो ऐसे ही बोलोगी ना , तुम्हारी तबीयत भी अब ठीक नहीं रहती फिर सारा घर का काम तो मुझे ही करना पड़ेगा ना , मुझे तो परिक्षा देने जाना ही पड़ेगा मगर भाभी फिल्हाल मायके जाने का स्थगित कर सकती हैं !! निशा फिर राही की बात पर मन मसोस कर रह गई और लेने आए हुए भाई से बोली – भैया , मैं अगली बार आती हुं !! भाई बोला – मां को तेरी बहुत याद आ रही थी , थोडे दिन आ जाती तो अच्छा होता मगर निशा को भाई को वापस ऐसे ही भेजना पड़ा !!
अब तो जब भी निशा मायके जाने की तैयारी करती , राही कोई ना कोई बहाना बनाकर निशा को रोक ही लेती !! निशा के मन में मायके की यादें पल रही थी , वह विक्रम से शिकायत करती तो विक्रम भी उसे ही समझाता और कहता कि वह घर में कोई झगड़ा नहीं चाहता !!
एक रोज विक्रम के पास राही के लिए एक अच्छा रिश्ता आया , वह घर आकर बोला – मम्मी , राही कहां हो जल्दी आओ सब , उसकी खुशी का ठिकाना ना था !! उसने जैसे ही घर में खुशखबरी सुनाई , राही बोली भाई लड़का दिखता कैसा भी हो मुझे परवाह नहीं , यह बताओ वह अमीर तो हैं ना ??
विक्रम बोला – राही वह हम लोगो से भी अमीर हैं , उसके पापा का बिजनेस है और लड़का मेरी ही कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर हैं , यह देखो लड़के की फोटो बोलकर विक्रम ने मोबाईल में लड़के की तस्वीर दिखाई , इसका नाम प्रकाश हैं !!
सभी को लड़का पसंद आ गया और घर में जोरो से शादी की तैयारियां होने लगी !!
राही ने अपनी शादी में मनमुताबिक खर्चा किया , महंगे कपड़े , महंगे ज्वेलरी , अपनी पसंद की सजावट !! विक्रम कुछ बोलता नहीं था क्योंकि उसे लगता उसकी एक ही बहन है , शादी में उसके सारे शौक पुरे होने चाहिए !!
बस वह खुश रहे उसी में विक्रम की भी खुशी थी !! शादी शादी करके करीबन तीस लाख खर्च हो गए जिसमें विक्रम पर करीबन दस लाख का कर्जा हो गया !! राही ने अपने सारे अरमान पुरे कर लिए , लोगो ने शादी में किए गए खर्च की खुब तारीफ की मगर लोगो को क्या पता कि इस शादी में एक भाई कर्ज के बोझ में धंस गया हैं !!
राही का स्वागत नए घर में खुब अच्छे से हुआ पर ना जाने क्या हुआ कि राही का पाँव पड़ते ही घर में विपदा आ गई !! राही के ससुर जी का बिजनेस ठप्प हो गया जिसे वापस जमाने उन्होंने करीबन पच्चीस लाख का लोन लिया !! पैसे टाईम पर ना देने की वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु ही गई , अब घर में सिर्फ दो लोग बचे थे प्रकाश और राही !! पिता की मृत्यु के बाद पैसे मांगने वाले लोग प्रकाश को परेशान करने लगे , प्रकाश को धमकी देने लगे !! राही ने रोते हुए अपने भाई विक्रम को फोन किया और बोली – भैया प्लीज मेरी मदद करो , अगर समय पर पैसे ना मिले तो वो लोग प्रकाश को मार डालेंगे !! बहन के आंसू विक्रम से बर्दाश्त नहीं हुए और उसने अपनी मां और पत्नी के गहने गिरवी रख राही की मदद की !!
निशा को अब अपने घर की बहुत फिक्र सताने लगी क्योंकि राही की वजह से विक्रम पर बोझ बढ़ता जा रहा था !!
निशा जब अपने भाई की शादी में पहुंची तो उसके पास सोने का एक भी जेवर नहीं बचा था !! मायके में भी लोग कहने लगे बेचारी के पास पहले ही हल्के जेवर थे और अब वह भी ना रहे , कैसा नसीब हैं बेचारी का ??
निशा का मन आंसुओं से भारी हो गया मगर किसी तरह उसने अपने आंसू चुरा लिए !!
कुछ समय बाद विक्रम के घर बेटी ने जन्म लिया और विक्रम की आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार आया !! धीरे धीरे विक्रम ने जैसे तैसे मां और पत्नी के गिरवी रखे गहने छुड़ाए और अब घर में पैसे की तंगी दूर हो रही थी !! दूसरी तरफ राही भी एक बेटे की मां बन चुकी थी !!
सब कुछ अच्छा चल ही रहा था कि आज फिर विक्रम के मोबाईल पर राही के फोन से निशा का दिल सकपका गया था !!
थोड़ी देर बाद डोरबेल बजी निशा ने दरवाजा खोला तो देखा सामने राही अपने बेटे को लेकर खड़ी थी !!
निशा गुस्से में बोली – अब क्या लेने आई हो यहां ?? मेरे सारे जेवर गिरवी रखवाकर और इस घर को इतना कर्जे में डुबाकर भी तुम्हें चैन नहीं मिला जो अब फिर से हमारी हंसती खेलती जिंदगी बर्बाद करने आ गई हो !!
राही धीरे से बोली – भाभी अंदर आने दीजिए प्लीज , बाहर धूप बहुत हैं !! निशा गुस्से में थी इसलिए राही चुपचाप अंदर आकर बैठ गई , ना चाहते हुए भी निशा रसोई से पानी ले आई , उतने में वहां विक्रम भी आ गया !! विक्रम को देखते ही राही बोली – भैया , हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हैं , मैंने नौकरी भी ज्वाइन कर ली हैं , आप लोग पहले ही मेरी बहुत मदद कर चुके है , बस इस बार इतना चाहती हुं कि मैं जब नौकरी पर जाऊं तो मेरे बेटे को मैं यहां रखकर जा पाऊं !! राखी जी कुछ बोली नहीं बस उनकी आंख में बेटी के लिए आंसू थे !!
निशा भले कितनी भी गुस्से में थी मगर राही के लिए उसका दिल भर आया और वह बोली – दीदी , आपका बेटा इस घर का नातिन हैं , आप बेफिक्र होकर नौकरी पर जाईए , मैं इसका ध्यान रखूंगी !!
राही ने हाथ जोड़कर निशा से माफी मांगी और बोली – भाभी शायद यह मेरे किए कर्मो की सजा हैं जो मैं आज भुगत रही हुं , मुझे माफ कर दीजिएगा !!
निशा ने राही को गले लगा लिया फिर राही बेटे को छोड़ नौकरी पर चली गई !!
दोस्तों , कल भी यही सच था और आज भी यही सच हैं , जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता हैं वह खुद ही उस गड्ढे में गिरता हैं !!
आपकी इस कहानी को लेकर क्या राय है कमेंट में जरूर बताइएगा !!
आपकी सहेली
स्वाती जैंन