केतकी , तुम तो इन गहनों को मांजी से भी ज्यादा संभाल कर रख रही हो , थोड़े दिनों में मांजी यह गहने तुमसे वापस लेने वाली हैं जेठानी सुमन अपनी देवरानी केतकी से बोली !!
केतकी हैरानी से बोली – यह क्या कह रही हो भाभी ?? मुझे शादी में चढ़ाए हुए गहने भला मांजी मुझसे वापस क्यों लेंगी ?? इन गहनों पर तो अब मेरा हक हैं ना !!
सुमन बोली – मैं भी यही समझती थी केतकी लेकिन मेरी गलतफहमी तब दूर हुई जब मुझे शादी में चढ़ाए सारे गहने मांजी ने वापस ले लिए क्योंकि उन्हें अपने दूसरे बेटे की बहू यानी कि तुम्हें चढ़ाने थे और अब उनके तीसरे बेटे की शादी होनेवाली हैं तो तुमसे भी यह सारे गहने वापस ले लिए जाएंगे हमारी तीसरी देवरानी को चढ़ाने के लिए !!
केतकी फिर हैरानी से बोली – भाभी , मांजी ने आपसे गहने मांगे और आपने आसानी से गहने दे भी दिए , यह तो बहुत बड़ी बात हैं , आपको अपने चढ़ाए गहने नहीं देने चाहिए थे !! मैं होती तो कभी ना देती !!
सुमन इतना सा मुंह करके बोली – केतकी , मैं कर ही क्या सकती थी , मांजी के सामने मैं चू तक नहीं कर पाती , उनके सामने मैं बिल्कुल असर्मथ महसूस करती हुं , उनकी कड़कती आवाज मुझे झकझोर देती हैं और फिर सारे घरवालों के खिलाफ जाना मेरी अकेली के बस में नहीं और तुम्हारे जेठजी माधव वह भी मेरा साथ नहीं देते !!
सुमन की बातों ने केतकी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया और वह सोचने लगी कि उसकी सास ममता जी को शादी में इतना दिखावा करने की जरूरत क्या हैं ?? शादी में केतकी के मायके का सारा परिवार उसके ससुराल वालों की तारीफ करते नहीं थक रहा था कि केतकी कितनी भाग्यशाली हैं
जो उसे इतना अच्छा ससुराल मिला हैं , केतकी के पापा ने भी केतकी को भारी दहेज दिया था ताकि ससुराल वालों के सामने कहीं उनकी बेटी की शान में कोई कमी ना रह जाए मगर केतकी को आज पता चला कि यह जो इतने सारे गहने सासू मां ने अपनी शान दिखाने केतकी को चढ़ाए थे
उसकी भारी भरकम वसूली उसकी जेठानी से की गई हैं , खैर केतकी ने सोच लिया कि वह यह गहने कतई ममता जी को वापस नहीं देगी और मन ही मन जेठानी सुमन का शुक्रिया किया कि अच्छा हुआ उसने केतकी को पहले ही आगाह कर दिया !!
दूसरे दिन केतकी ने अपने भाई को सोसायटी के नीचे बुलाया और अपने सारे गहने देकर बोली – कुछ दिनों तक मेरे गहने संभालकर रखना बाद में मैं इसे अपने लोकर में रखवा दूंगी !!
लगभग दो – तीन दिन बाद ममता जी केतकी से बोली – केतकी तेरे गहने मुझे दे दे मैं उन्हें संभाल कर रख दूंगी !!
केतकी बोली – मांजी , गहने तो मेरे मायके पड़े हैं , वहां भी तो गहने सुरक्षित ही हैं !!
यह सुनकर ममता जी को मन ही मन गुस्सा आ गया मगर फिर भी मुंह में मिश्री जैसी जबान से बोली – अरे बहू , मायके से मंगवा दे गहने , हम यहां हिफाजत से रख देंगे !!
केतकी ने कुछ जवाब नहीं दिया !!
दो चार दिन बाद ममता जी फिर बोली – बहू तूने गहने तेरे मायके से मंगवाए या नहीं अब तक ??
केतकी बोली – वैसे आपको गहनों की इतनी जल्दी क्यूं मची हैं मांजी ?? गहने यहां रहे या वहां इससे क्या फर्क पड़ता है ??
बहू आज मैं साफ-साफ एक बात कह देती हुं , घर के छोटे बेटे राजेश की बहू को मुझे गहने चढ़ाने हैं , तुम तुम्हारे गहने मायके से मंगवा दो हम घर की छोटी बहू को वही गहने चढ़ाएंगे ममता जी कड़क आवाज में बोली !!
केतकी भी बिना डरे बोली – फिर मांजी , मेरी शादी में इतने गहने दिखावे के लिए चढ़ाने की आपको क्या जरूरत थी ??
आपको पता नहीं हमें उतने ही पांव पसारने चाहिए जितनी हमारी चादर हो , अपनी शानो- शौकत और दिखावे के चक्कर में आप बहू को चढ़ाए हुए गहने कैसे उतरवा सकती हैं ??
आप भी कान खोल कर सुन लीजिए मैं अपने गहने नहीं देने वाली और आप में हिम्मत है तो मेरे मायके से आप खुद जाकर वह गहने ले आईए ताकि उनको भी पता चले कि हमारी समधन जी बहुत बड़ी ड्रामेबाज हैं !!
ममता जी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि केतकी उन्हें गहने देने से साफ इंकार कर देगी !! बड़ी बहू से तो गहने निकलवाने में उन्हें ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी थी मगर छोटी ने उनकी ही बैंड बजा दी थी !!
ममता जी झूठी शान की मारी एक दिखावटी महिला थी मगर यह दिखावा उन्हें इतना भारी पड़ जाएगा उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था !! ममता जी को लगने लगा कि पानी सर के उपर चला गया हैं तो उन्होंने अपने बेटे अर्णव केतकी के पति से बात की मगर अर्णव अपने बड़े भाई माधव जैसा बिल्कुल नहीं था !! वह बोला छोटे की शादी में उसकी पत्नी को देने अलग गहने बनवा देते हैं ,आप बड़ी बहुओं से उनका हक मत छीनो !!
सोने के भाव आसमान छू रहे थे इसलिए इस बार ममता जी ने कोई दिखावा नहीं किया और उतने ही पैर पसारे जितनी उनकी चादर थी !!
केतकी ने अपने मायके से सारे गहने मंगवाए और उसमें से आधे गहने अपनी जेठानी सुमन को दे दिए !!
सुमन भी सोचने लगी जो काम मैं ना कर सकी वह देवरानी जी ने कर दिखाया !!
दोस्तों क्या केतकी ने सही किया ?? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर दे तथा ऐसी ही कहानियां पढ़ने के लिए हमारे पेज को फॉलो अवश्य करें !!
आपकी सखी
स्वाती जैंन