मैं मां हूं ना – बीना शर्मा

कभी-कभी प्यार भरा मन भी रिक्त हो जाता है कमला देवी ने कितने प्यार से अपने बेटे रवि के जन्मदिन की तैयारी की थी ।

आज रवि का जन्मदिन था। इसलिए उसने सोचा आज रवि की पसंद का चॉकलेट वाला केक, मटर पनीर की सब्जी, गाजर का हलवा, बूंदी का रायता और खसता कचोरी बनाकर उसे शाम को सरप्राइज दूंगी परंतु ,उसे रवि की राह तकते तकते रात के 12:00 बज गए थे लेकिन रवि अब तक घर नहीं आया था।

यह देख कर उसके पति राघवेंद्र ने उसे समझाया” तुम खाना खा कर आराम करो आजकल आधुनिक जमाना है वह कंपनी से सीधे अपने दोस्तों के साथ किसी होटल में चला गया होगा अपना जन्मदिन मनाने के लिए”।

तुम क्यों उसकी इतनी चिंता करती हो? अब वह 26 साल का हो गया है अब वह कोई छोटा सा बच्चा नहीं है पढ़ा लिखा नौजवान है एक बड़ी कंपनी में मैनेजर की नौकरी करता है। चल खाना खा कर आराम करो।

राघवेंद्र की बात सुनकर कमलादेवी बोली” इतने वर्षों में आज तक उसने एक बार भी मेरे बगैर अपना जन्मदिन नहीं  मनाया “। मेरे द्वारा बनाया हुआ केक काटकर ही वह अपना जन्मदिन मनाता था। “मैं मां हूं ना” जब तक उसे अपने हाथों से केक ना खिला  दूंगी मैं खाना कैसे खा लूं क्या पता उसने खाना खाया भी है या नहीं?आप खाना खा लो मैं रवि के आने के बाद ही खाना खाऊंगी।

रवि राघवेंद्र और कमला देवी का इकलौता बेटा था कमला देवी रवि से बेहद प्यार करती थी। वे उसकी पसंद का पूरा ख्याल रखती थी और उसे अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दिए थे। रवि  दोनों वक्त का खाना अपने मम्मी पापा के साथ ही खाता था। नौकरी करने के बाद भी उसका यह नियम टूटा नहीं था।

सुबह का खाना वहअपने मम्मी-पापा के साथ खाता था और शाम को भी ऑफिस से आकर उनके साथ ही खाना खाता था ।उसे अपनी मम्मी के द्वारा बनाया हुआ चॉकलेट का केक बहुत पसंद था इसलिए वह हर बार अपने जन्मदिन पर अपनी मम्मी से चॉकलेट का केक जरूर बनवाता था और उसे खा कर बेहद खुश हो जाता था।

रवि को घड़ी पहनने का बहुत शौक था इसलिए अबकी बार कमला देवी ने अपने पति से कहकर उसके लिए एक विशेष घड़ी मंगवाई थी।  वह रवि को सरप्राइज देना चाहती थी इसलिए उसने आज उसे जन्मदिन पर विश भी नहीं किया था।

जब काफी इंतजार करने के बाद भी रवि नहीं आया तो उसकी खुशी काफुर हो गई थी और आंखों से यह सोचकर आंसू बहने लगे थे कि  आज उसके बेटे ने उसके बगैर अपना जन्मदिन बना लिया।

 तभी दरवाजे पर कार आकर रुकी रवि जल्दी से दौड़कर कमला देवी के पास आया और उनसे बोला “मम्मी जी मुझे माफ कर दो मुझे आने में बहुत देर हो गई”। तब कमला देवी रूआसी होकर बोली” मैं आज के बाद तुझसे बात नहीं करूंगी”।  तेरे सारे मुंह पर केक लगा हुआ है तूने मेरे और अपने पापा के बगैर अपना जन्मदिन भी मना लिया एक पल के लिए भी यह नहीं सोचा तेरे बगैर तेरी मां ने आज कुछ भी नहीं खाया होगा।

अपना जन्मदिन अपने दोस्तों के साथ ही मना लिया। मां के शब्द सुनकर रवि की आंखों में आंसू भर आए वह कमला देवी से बोला  “मम्मी मेरे दोस्तों ने मुझसे बहुत जिद की थी होटल में जन्मदिन की पार्टी देने की।

मैंने उनसे बहुत मना किया था होटल में जाने को परंतु, वे जबरदस्ती मुझे खींचकर होटल में ले गए और कहने लगे “आजकल घर में जन्म दिन कौन बनाता है”? तब मैंने दोस्तों का मन रखने के लिए केक काटकर उन्हें खिलाया जरूर था परंतु, मैंने केक खाया नहीं और नाही उनके साथ खाना खाया।

वे सब तो मुझे रात भर अपने साथ पार्टी में रखना चाहते थे लेकिन मुझे पता था आप मेरे बगैर खाना भी नहीं खाती इसलिए मैं जबर्दस्ती उनसे पीछा छुड़ाकर आ गया। अब जल्दी से मेरा केक दो मुझे बहुत जोरों से भूख लगी है।

रवि की बात सुनकर जब कमला देवी को पता चला कि रवि ने नाही केक खाया और ना ही खाना खाया   तो उसको फिर से रवि पर प्यार आ गया था बेटे का अपने प्रति इतना प्यार देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए थे ।उसने जल्दी से मेज पर केक लगाया और एक सुंदर मोमबत्ती लगाई। यह देखकर उसके पति राघवेंद्र बोले” प्यार हो तो ऐसा”।

यह सुनकर दोनों मां-बेटे हंसने लगे। रवि ने जल्दी से केक काटा और अपने मम्मी -पापा को खिलाया।  कमला देवी ने भी अपने हाथ से रवि को केक खिलाया। 

फिर सब ने साथ मिलकर खाना खाया। बेटे के साथ जन्मदिन मना कर उसे अपने हाथ से खाना खिलाकर कमला देवी के मन में फिर से रवि के लिए प्यार उमड़ आया था।

 उसने अपने हाथों से रवि के हाथ में घड़ी पहनाई । मां के द्वारा तोहफे में इतनी सुंदर घड़ी पाकर रवि खुश हो गया था ।जब उसने झुककर कमला देवी के पैर छुए तो कमला देवी ने उसे गले लगा लिया था।

दोस्तों मां के दिल में अपने बच्चों के लिए बेपनाह मोहब्बत होती है। बच्चे छोटे हो या बड़े उसके मन में अपने बच्चों के लिए प्यार कभी कम नहीं होता।

जब बच्चा भी अपनी मां से उतना ही प्यार करता है जितना उसकी मां उसे करती है तो एक मां का दिल अपने प्रति अपने बच्चे का प्यार पाकर और भी खुश हो जाता है अपने बच्चे को खुशियां देकर वह खुद भी खुश हो जाती है।

बीना शर्मा

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