इतनी-सी बात – विभा गुप्ता

      ” अम्मा जी..जब दिखता नहीं है तो चुपचाप अपने कमरे में ही क्यों नहीं बैठी रहतीं।इतना मंहगा कप तोड़ दिया आपने..मेरा भाई कनाडा से लाया था..आपके बेटे की तो औकात है नहीं कि इतना मंहगा…।

” प्रमिला अपनी बूढ़ी सास पर बरस रही थी कि तभी उसका देवर निशांत आ गया।माँ पर बरसते अपनी भाभी को देखकर वो क्रोधित हो उठा,” भाsssभी! एक कप के लिए आप माँ को इतना सुनाएगी..कम से कम इनकी उम्र और अपने रिश्ते का तो लिहाज़ रखतीं..।

” व्यंग्य-से हँसते हुए प्रमिला बोली,” अरे.. मैंने ऐसा क्या कह दिया जो आप #आपे से बाहर हो गये।माताजी को समझा ही तो रही थी कि अपने कमरे में ही पड़ी रहें..बाहर निकलकर उत्पात न मचाए।इतनी- सी बात पर आप तो उखड़ गए।” निशांत जवाब देने ही वाला था कि उसकी माँ ने उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया।

        धनाड्य मायका होने के कारण प्रमिला को बहुत घमंड था।जब तब वो अपने पति को नीचा दिखाती रहती और विधवा सास पर अपना हुक्म चलाती जो निशांत को अच्छा नहीं लगता।उसने कई बार अपनी भाभी को समझाना चाहा लेकिन वो तो..।

     उम्र बढ़ने के साथ-साथ अम्मा जी के हाथ-पैर शिथिल हो रहे थे।वैसे निशांत की पत्नी सीमा उनका पूरा ख्याल रखती थी, ननकू नाम का लड़का भी उनका हर काम समय पर करता था।

लेकिन आज प्रमिला ने उसे कुछ लाने के लिए बाहर भेज दिया था।सीमा अपने बच्चे को नहला रही थी, इसी बीच दवा खाने के लिए वो पानी लेने गई तो साइड टेबल से टकरा गई और उस पर रखा कप गिरकर टूट गया तो प्रमिला और निशांत में बहस होने लगी।

       माँ के मना करने पर निशांत चुप तो हो गया लेकिन मन ही मन अपनी भाभी से कुढ़ भी गया था।कुछ दिनों के बाद प्रमिला का कनाडा वाला भाई राकेश आया।वो दिन भर घर में घूमता रहता और घर में रखी चीज़ों को उलट-पलट कर देखता रहता।

अम्मा जी अपने ठाकुर जी( भगवान जी) को भोग लगाने के लिए एक प्लेट में पाँच लड्डू रखी हुईं थीं।वो पूजा में लीन थी तभी राकेश ने आकर एक लड्डू उठा लिया।एक टुकड़ा खाने के बाद वापस प्लेट में रखने लगा तो ननकू चिल्लाया,

” भैया जी..जूठा लड्डू प्लेट में मत रखिये..।उसने राकेश का हाथ झटक दिया।बस प्रमिला दौड़ी आई और ननकू पर बरस पड़ी,” दो टके का नौकर होकर मेरे भाई का इंसल्ट किया…निशांत ने तुम्हें सिर चढ़ा रखा है वरना मैं तो…।” निशांत उसी समय नहा कर बाथरूम से निकला था।

   ” अरे भाभी..सुबह-सुबह किस पर..।” हँसते हुए उसने पूछ लिया तो प्रमिला और भी भड़क गई।तब निशांत बोला,” मेरी प्यारी भाभी..जैसे आपने अपनी सास को समझाया था, वैसे ही तो ननकू ने आपके भाई को समझाया था।

अब इतनी-सी बात पर आप # आपे से बाहर हो जाएँगी तो आपका ब्लडप्रेशर बढ़ जायेगा..चेहरे पर झुर्रियाँ आ जाएँगी..आप…।” तब तक प्रमिला पैर पटकती हुई अपने भाई को लेकर कमरे में चली गई।निशांत मन में बोला, पहले अपनी सास का सम्मान करना सीखिए…भाई का सम्मान अपने-आप हो जाएगा।

                           विभा गुप्ता 

                        स्वरचित, बैंगलुरु 

# आपे से बाहर होना

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