“ सुरीली तेरे ससुराल वालों ने तुम्हें छोड़ ही दिया है क्या… देख रही हूँ साल होने को आया तू अब तक यही मायके में पड़ी है।” पड़ोसन जया चाची ने जैसे ही सुरीली से पूछा वो बिना कुछ कहे बरामदे से घर के भीतर चली गई
“ अब ऐसा क्या ही पूछ लिया बताओ भला.. अरे माँ बाप ने इसके ब्याह में लड़के वालों को भर भर झोली पैसे दिए थे क्या शानों शौकत से ब्याह किया और ये महीने भर बाद ही मायके आ कर बैठ गई तो कोई काहे नहीं पूछेगा क्या हुआ… ना इसकी माँ लता कुछ बोलती ना ये .. हम पड़ोसी है अब हमसे क्या छिपाना.. बताएँ तो हम कुछ उपाय भी सुझाए ।” जया छत पर और पड़ोसियों के साथ बैठ बड़िया बनाते हुए बोली
“ अरे जाने दो ना होगी कोई बात हमें क्या ही करना।” अन्य पड़ोसन ने कहा
इधर सुरीली कमरे में एक नॉवल लेकर बैठी हुई अपने जीवन में आए उथल-पुथल को समझने की कोशिश कर रही थी … उसे भी पता था जब वो मायके आ जाएगी तो कुछ तो लोग कहेंगे ही पर हर दिन ऐसे सवालों से उसका मन आहत हो रहा था ।
वो ना चाहते हुए भी उन बातों को दिलों दिमाग से निकाल नहीं पा रही थी ऐसा लग रहा मानो कल की ही बात हो…
“ माँ क्या सोचकर तुम लोगों ने इतनी मोटी लड़की मेरे गले में लटका दिया….. जिसे देख कर प्यार तो दूर अपने कमरे तक में जाने का मन नहीं करता है…. कम से कम एक बार देख तो लिया होता… कैसे रहूँगा उसके साथ ।” अपने पति वरुण की ये कठोर बातें जब उसके कानों में पड़ी सुरीली उपर से नीचे तक काँप गई थी
“ये कहाँ आ गई मैं… पापा ने तो कहा था पूरा परिवार तुम्हें अपने घर की बहू बनाने को बेचैन है और ना जाने उन्होंने कितनी तारीफ़ कर थी पर हक़ीक़त तो कुछ और ही निकली।” मन ही मन सोचती सुरीली लगभग रो ही पड़ती अगर कमरे का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ ना आती
वरूण कमरे में आया अपना कुछ सामान आलमारी में से निकाल कर बिना सुरीली की ओर देखे निकल गया…. ये सुरीली के लिए नया बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि ब्याह के बाद से यही हो रहा था पर सब यही कहते रहते बड़ा शर्मीला है .. सुरीली को उसके शर्मीलेपन का राज आज समझ आ गया था।
उसे ये बात इस कदर चुभ गई कि वो सासु माँ के पास गई और पूछी,“ मम्मी जी सच सच बताइएगा क्या ये शादी वरुण की मर्ज़ी से नहीं हुई है?”
सासु माँ माधुरी जी सुन कर भौंचक्की रह गई ये बहू क्या पूछ रही है ..
“ वो बेटाऽऽऽ वरुण को हमने बस तुम्हारी तस्वीर दिखाई थी और हमने इतनी तारीफ़ कर दी की वो तैयार हो गया बिना तुमसे मिले…वैसे भी वो विदेश में नौकरी करता है आ कर देखना मुमकिन ही कहाँ था… इसलिए शादी में ही आया… पर तुम ये सब क्यों पूछ रही हो ?” आशंकित हो माधुरी जी ने पूछा
“ अभी वरुण जो भी आपसे बोल रहे थे वो सब मैंने सुन लिया… मुझे लग रहा था शर्मीले स्वभाव के है इसलिए शायद जल्दी घुल मिल नहीं पा रहे पर यहाँ तो वजह ही कुछ और है … मैं अभी के अभी अपने घर जा रही हूँ जब पति को मैं पसंद ही नहीं तो यहाँ रहने का कोई मतलब नहीं है ।” सुरीली कहकर अपने कमरे में जाने लगी
“ अरे सुन तो बहू वो मान जाएगा.. बस थोड़ा वक्त तो दो उसको।” माधुरी जी बहू को रोकते हुए बोली
सुरीली जब घर से निकल रही थी उसके ससुर की आवाज़ कानों में पड़ी,“ अरे रोको बहू को…इसके पापा ने जो इतनी मोटी रक़म दी है उसे लौटाना ना पड़ जाए…. समझाओ अपने लाडले को… वो तो विदेश जाकर बस गया है हमें तो अपना सोचना है ना…और वरुण को कहाँ ही पता हमने कितना कुछ उसके ससुराल से माँगा है… तुम खड़ी खड़ी मेरा मुँह मत देखो जाओ।”
अब तो सुरीली के लिए रुकना नामुमकिन हो गया था….कार और ड्राइवर पापा ने उसे दे ही रखा था वो अपने घर पाँच घंटे की यात्रा कर पहुँच गई
अचानक उसे आया देख उसके माता-पिता आश्चर्यचकित हो गये
“ बेटा ससुराल से कोई पहली बार ऐसे आता है क्या… और दामाद जी कहाँ है… तू अकेली ही आई है?” माँ ने पूछा
“ हाँ अकेली आई हूँ… और अब यहीं रहूँगी… क्या सोच कर मेरा ब्याह उस घर में किया… आपके अथाह पैसे देख वो आपकी मोटी रकम के आगे मोटी बेटी को रख लेंगे?” सुरीली ग़ुस्से में बोली
”बेटा वो लोग खुद आगे बढ़ कर तुम्हारे लिए रिश्ता लेकर आए थे…हमारी इकलौती बेटी के लिए हमें ये रिश्ता सही नहीं लगा पर हुआ क्या ये तो बताओ ।” सुरीली के पिता ने कहा
सुरीली सारी बातें बताने के बाद बोली,“अब मुझे उस घर नहीं जाना है….उन्होंने मेरे मोटापे को लेकर मेरी बेइज़्ज़ती की है अब मुझे इसपर ही ध्यान देना है… पहले कभी खुद के शरीर के लिए इतना अपमानित महसूस नहीं की पर लगता है शायद पहला आकर्षण शरीर ही होता है उसे इस लायक़ बनाओ की सब देखते कह उठे वाह!”
“ बेटा हम भी चाहते थे तुम अपने उपर ध्यान दो पर तुम्हारी लापरवाही के आगे हम कुछ नहीं बोलते थे… वैसे मोटापा सौ बीमारियों का जड़ होता है… अच्छा है तुम इसपर फोकस करो।” माँ ने सुरीली के आहत हुए मन को समझाते हुए कहा
सुरीली उस दिन के बाद खुद पर ध्यान देने लगी….ससुराल से हमेशा के लिए नाता तोड़ लिया…. कोर्ट कचहरी से बचने के लिये उन लोगों ने सारे पैसे और ज़ेवरात वापस कर दिए… वरुण के लिए सुरीली के दिल में जो नफ़रत आई थी उसे भरना मुश्किल था इसलिए कभी भविष्य में उसके साथ रहने का सोच भी नहीं सकती थी इसलिए तलाक़ लेना ही उसने उचित समझा अब वो अपना योगा सेन्टर चलाती है लोगों को मोटिवेट करती है…. शादी करने का इरादा अभी ना से हाँ में नहीं बदला है … उसके पैरेंट्स भी ज़्यादा कुछ नहीं कहते क्योंकि जानते हैं बेटी भीतर से आहत हो रखी है जिससे उबरने में उसे ना जाने कितना वक्त लगेगा पर एक बात समझ गए है कुछ तो लोग कहेंगे लोगों को काम हा कहना पर हमें उन सब बातों को दरकिनार कर अपनी खुद को सोच को तवज्जो देना चाहिए।
दोस्तों ये महज एक कहानी नहीं है बल्कि ऐसी परिस्थिति से आज भी लड़कियों को जूझना पड़ता है….. शरीर को स्वस्थ रखना एक अलग बात है पर उसकी संरचना पर टीका टिप्पणी करना दूजी…कोई भी नहीं चाहता हम ऐसे दिखे कि लोग हमारी बुराई करें…अगर ऐसा है तो क्यों ना खुद पर ध्यान देना शुरू करें…अच्छा शरीर अच्छा मन अपने आपमें ही ऊर्जा से भर देता है…. आप मोटे हो पतले हो कैसे भी हो सुबह की सैर, योगा और ध्यान ये सब दिनचर्या में शामिल करें बदलाव आपमें खुद बख़ुद दिखने लगेगा ।
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धन्यवाद
रश्मि प्रकाश
# कुछ तो लोग कहेंगे