शाह ग्रुप का ऑफिस शिफ्ट हो जाता है और यशिका के उसपर कोई हमला करता है लेकिन बीच में शौर्य आ जाता है और उसको चोट लग जाती है
अब आगे :
एंबुलेंस में यशिका शौर्य का हाथ पकड़े हुए थी उसकी आँखों से आंसू बहे जा रहे थे कुछ देर में वो लोग हॉस्पिटल पहुँच गए अभिमन्यु और देविका भी उनके पीछे ही पहुँच गए थे अभिमन्यु ने हॉस्पिटल में पहले ही फोन कर दिया था डॉक्टर्स की पूरी एक टीम हॉस्पिटल के बाहर शौर्य के लिए खड़ी थी
शौर्य को एंबुलेंस में से उतार कर उन्होंने स्ट्रेचर पर रखा वार्डबॉय इमरजेंसी में ले कर गए
अभिमन्यु ने रघुवीर जी और सिद्धार्थ लको फोन किया और उनको सब बताया वो लोग तुरंत ही हॉस्पिटल के लिए निकल गए ।
इमरजेंसी रूम के बाहर देविका ने यशिका को पकड़ा हुआ था चोट उसे भी आयी थी अभिमन्यु ने एक नर्स को बुलाया और कहा ” आप इनको देखे इनको भी लगी है “
“नहीं मै ठीक हूँ यशिका ने कहा ” वो गिरने को हुयी तो देविका ने पास में रखी हुयी बेंच पर बैठा दिया
“आप इनको देखें प्लीज़ “देविका ने नर्स को कहा
उस नर्स ने एक वार्डबॉय को बुलाया और व्हीलचेयर लाने को बोला यशिका को व्हीलचेयर पर बैठा कर उसे वो रूम में ले गयी उसने यशिका को बेड पर लिटाया उसका बी. पी .चेक किया यशिका के चेहरे पर कुछ खरोंच थी नर्स ने उसे साफ किया और उसको ड्रिप लगा दी । देविका उसके पास ही बैठी थी यशिका की आँखें धीरे धीरे बंद हो गयी । देविका उठ कर बाहर आ गयी तभी रघुवीर जी श्याम जी और बाक़ी सब के साथ हॉस्पिटल में आ गए
अभिमन्यु को देखते ही रघुवीर जी ने पूछा ” ये सब कैसे
हुआ “?
“कोई ऑफिस की बिल्डिंग में आ गया और फिर ये सब हो गया पूरी बात तो शौर्य बताएगा अभी डॉक्टर उसे देख रहें है “अभिमन्यु ने कहा
“यशिका कहाँ है वो ठीक है “? रघुवीर जी ने पूछा
” वो रूम में है उसे दवा से उसे अभी नींद आयी है ” देविका ने कहा
” मै देख सकती हूँ उसे ” नीलिमा ने कहा
“हाँ चलिए “देविका नीलिमा को अपने साथ ले गयी
नीलिमा यशिका के बेड के पास गयी और बहुत प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा यशिका के चेहरे पर खरोंच देख कर उसकी आँखें नम हो गयी वो देविका के साथ बाहर आ गयी
“कैसी है यशिका”? कमला जी ने पूछा
“सो रही है चेहरे पर लगी है उसको ” नीलिमा ने कहा
“आज ही तो शिफ्टिंग हुयी थी और आज ही ये सब , श्याम हॉस्पिटल की सिक्योरिटी के लिए बोलो ” रघुवीर जी ने कहा
श्याम जी ने किसी को फोन किया और कहा ” अभी कुछ देर में गार्ड्स आ जाएंगे “
तभी डॉक्टर इमरजेंसी रूम से बाहर आ गए रघुवीर जी ने आगे बढ़कर पूछा ” कैसा है शौर्य “
” वो ठीक है राइट हैंड पर लगा है फ्रैक्चर है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है हमने प्लास्टर कर दिया है बाक़ी सब नॉर्मल है बाक़ी रिपोर्ट्स आने तक हम उन्हें यहाँ रखेंगे फिर आप ले जा सकते है “
“हम उसे देख देख सकते है “नीलिमा ने पूछा
“हाँ बस उन्हें इमरजेंसी से रूम में शिफ्ट कर दें फिर आप मिल सकते है ” डॉक्टर ने कहा
“थैंक यू डाक्टर ” रघुवीर जी ने कहा
शौर्य को रूम में शिफ्ट कर दिया था सब लोग उसके रूम में थे शौर्य ने अभिमन्यु की तरफ देखा और इशारे से यशिका के बारे में पूछा अभिमन्यु ने उसे इशारे से ही बताया कि वो ठीक है
“कैसा फील कर रहे हो ” श्याम जी ने शौर्य से पूछा
“ठीक है पापा बस थोड़ा दर्द है “
“ठीक हो जाएगा ये मेडिसन ले लो तुम ” नीलिमा ने उसे पानी का गिलास और मेडिसन देते हुए कहा
“मैने सिक्योरिटी के लिए बोल दिया है और गार्ड्स आ गए है वो बाहर है “श्याम जी ने कहा
“अभिमन्यु ये खबर बाहर नहीं जानी चाहिए और किसी भी बोर्ड मेंबर को कुछ नहीं बताना है ” रघुवीर जी ने कहा “
अभिमन्यु ने सिर हिला कर हाँ कहा
“अभी हम लोग चलें यहाँ ज़्याद भीड़ ठीक नहीं है ” रघुवीर जी ने कहा
आज किसी को यहीं रहना था तो अभिमन्यु ने बोला कि वो रुक जाएगा
सब लोग शौर्य से मिलकर चले गए सबके जाने के बाद शौर्य ने अभिमन्यु से कहा ” मुझे यशिका के पास जाना है “
“वो ठीक है और सो रहीं है अभी रुको तुम मै उनको यही ले कर आ जाऊंगा “
तभी अभिमन्यु के फोन पर मेसेज आया तो वो उसे देखने लगा उसने फोन शौर्य को दिखाया
“अब इसको मैं छोडूंगा नहीं , बहुत हो गया अभी तुम पुलिस कंप्लेंट करो और ये भेजो इन सबको अंदर करवाओ और पहले वाले जितने भी सुबूत है सब दे दो इनमें से एक भी बाहर नहीं रहना चाहिए “
अभिमन्यु ने फोन में शौर्य को जो दिखाया था वो सिराज ने भेजा था करतार सिंह का वीडियो था जिसमें करतार सिंह अपने चेहरे पर मास्क लगा कर बिल्डिंग में जाते हुए दिख रहा था बाद में वो लिफ्ट से जाते हुए दिखायी दिया
“अभी तुम थोड़ा रेस्ट करो मैं यशिका देख कर आता हूँ” अभिमन्यु ने कहा और बाहर चला गया
देविका यशिका के रूम में ही थी अभी यशिका सो रही थी अभिमन्यु ने नॉक किया और अंदर चल गया उसने देविका को बाहर चलने के लिए बोला और दोनों बाहर बेंच पर बैठ गए ।
तभी देविका का फोन बजा उसने पिक किया और बोला ” हैलो “
“दी यशी दी कैसी है और ये सब कैसे हुआ “?
“गुन्नू घबरा मत सब ठीक है यशी भी ठीक है और सुनो आंटी को मत बताना “
“ठीक है दी और मै आ रही हूँ”
“ठीक है ” देविका ने गुंजन को हॉस्पिटल का नाम और यशिका का रूम नंबर बता दिया ।
देविका को परेशान देख कर अभिमन्यु ने कहा “घबराने की कोई बात नहीं है हमें पता चल गया किसने ये सब किया है “
” ह्म्म ” देविका ने कहा और नीचे देखने लगी
“क्या हुआ “? अभिमन्यु ने पूछा
“मिस्टर सिंह मेरा यशिका के सिवा इस दुनियां में कोई नहीं है “
अभिमन्यु ने उसकी तरफ देखा
” ये सच है मै आपको आज ये ही बताना चाहती थी कि मेरा कोई परिवार नहीं है मुझे नहीं पता कि मैं कौन हूँ “
“मतलब “?
” मैने जब होश संभाला तो अपने को एक अनाथाश्रम में पाया वहाँ की बड़ी दीदी यानी जिनका वो आश्रम था मुझे उन्होंने ही पाला, किस्मत से मै पढ़ने में अच्छी थी तो स्कॉलरशिप मिलती रही और मै आगे की पढ़ाई करती रही स्कूल फिर कॉलेज दीदी ने मुझे पढ़ने में बहुत मदद की कॉलेज में मैं यशी से मिली हमारी दोस्ती हुयी और सुमित्रा आंटी से मिली बस तब से मैं उनके साथ हूँ दीदी दो साल पहले इस दुनिया से चली गयी बस ये ही मेरी कहानी है “
” दी”
अभिमन्यु कुछ कहता उस से पहले ही गुंजन ने आकर देविका पुकारा
गुंजन खड़ी हो गयी गुंजन के साथ यश भी आया था
“दी ये सब कैसे हुआ ..और दी कहाँ हैं”?
“यशी ठीक है और अभी सो रही है”
“मै देख सकती हूँ उनको “
“हाँ चलो ” देविका गुंजन के साथ यशिका के रूम में चली गयी
“शौर्य भाई कैसे है “?यश ने अभिमन्यु से पूछा
“वो ठीक है ऊपर है रूम में मै यशिका को देखने आया था शौर्य पूछ रहा था “
“कौन सा रूम नंबर है उनका मै जाऊं “?
“चलो मैं भी चलता हूँ ” अभिमन्यु ने कहा और यश के साथ चला गया । देविका यशिका के रूम में चली गयी
अभिमन्यु के साथ यश शौर्य के रूम में आ गया था शौर्य अपने फोन में कुछ देख रहा था दरवाज़ा खुला तो उसने सामने देखा
“यश” शौर्य ने कहा
“कैसे है भाई आप “?
“ठीक हूँ तुम यहाँ कैसे “?
“वो मै गुंजन को लेकर आया था “
“यश किसी को अभी बताना मत ये सब हुआ है “
“ह्म्म .. ये सब किया किसने कौन था “?यश ने पूछा
“करतार सिंह ” अभिमन्यु ने कहा
“लेकिन क्यों “
“वो बस किसी ना किसी तरह से यशिका को परेशान करना चाहता है,उसे पता चल चुका है कि शौर्य से उसका कुछ खास रिश्ता है “
“उसे क्या मिलेगा ये सब करके “?
“दुश्मनी की कोई वजह नहीं होती बस और मिलेगा उसे कुछ नहीं फिलहाल तो कल वो हिरासत में होगा “
“लेकिन अगर वो भाग गया तो “
“कहीं नहीं भागेगा वो क्योंकि वो अब हमारे कब्ज़े में है “
तभी दरवाज़े पर दस्तक़ हुयी और दरवाज़ा खुला तो यशिका देविका और गुंजन के साथ आयी थी
यशिका को देख कर अभिमन्यु ने यश को बाहर चलने के लिए बोला उन दोनों के साथ देविका और गुंजन भी बाहर चले गए
यशिका शौर्य के पास गयी उसने भरी हुयी से शौर्य को देख रही थी शौर्य ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने पास बैठा लिया यशिका शौर्य की आँखों में देख रही थी
“क्या देख रही हो आप “?
“आज मेरी वजह से आपको इतनी लग गयी “
“हाँ लग तो गयी है ” शौर्य ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“आपको कुछ चाहिए ” यशिका ने अपनी नजरों को सामने करते हुए कहा
“हाँ वो पानी चाहिए “
“यशिका ने उसे पानी का गिलास दिया “
“मै नहीं पी सकता मेरे हाथ में लगी है “शौर्य ने अपना हाथ दिखाते हुए कहा
यशिका शौर्य के थोड़ा पास गयी और उसे पानी पिलाने लगी शौर्य ने उसे देखते हुए एक घूंट पानी पिया और उसकी कमर में हाथ डाल उसे अपने पास बैठा लिया यशिका ग्लास थामे हुए वहीं बैठ गयी शौर्य ने उसके हाथ से ग्लास लेकर साइड में रखा और उसे देखते हुए बोला ” आज आप यहीं रुक जाओ मेरे पास “
यशिका की नज़रे नीची हो गयी शौर्य ने उसे मुस्कुरा कर देखा उसके चेहरे पर आए हुए बालों को पीछे किया और उसे उसको अपने बहुत करीब ले आया यशिका शर्मा कर उठने लगी तो शौर्य ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला “
जगा कर अरमानों को इस क़दर
वो बड़ी अदा से उठकर चले
कितना किया इंतजार हमने उनका
उनको इस बात की क्या ख़बर !!
यशिका ने मुस्कुराकर शौर्य को देखा और बोली ” वाह वाह आप तो शायर भी है “
शौर्य मुस्कुराया और बोला “अब क्या करें शायरी से ही काम चलाना पड़ रहा है क्योंकि जिस से मुहब्बत है वो तो दूर भागती है “
यशिका ने तिरछी नजरें कर के उसे देखा तो शौर्य ने कहा ” उफ्फ ये क़ातिल निगाहें कहीं हम मर ही ना जाएं “
“चुप करें आप एक तो लगी हुयी है और ये रोमेंटिक हुए जा रहे है , चलिए आराम करिए कहते हुए यशिका ने उसे लिटाया और चादर ओढ़ा दी
“अच्छा सुनो तुम भी यहीं लेट जाओ “
“मै नहीं आपके दोस्त रहेंगे आपके साथ और उनसे करना ये आशिकी की बातें “
“अरे … अच्छा ठीक है मै कुछ नहीं कहूंगा लेकिन आप ही रुको यहाँ “
शौर्य ने थोड़ा नरम होते हुए कहा
“ठीक है फिर आप अब रेस्ट करो और अपनी आँखें बंद करो “
शौर्य मुस्कुराया और उसने अपनी आँखें बंद कर ली ।
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धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®