तुमसा नहीं देखा भाग – 37 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

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भाग – ३७

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अब तक आपने पढ़ा :

शौर्य अभिमन्यु को सुजीत त्रिपाठी से मिलने  जाने के लिए मना लेता है , साल भर में एक बार होने वाली बिजनेस मीटिंग में यशिका को भी बुलाया गया ।

अब आगे :

शौर्य की बात यशिका को समझ आ रही थी उसने शौर्य की तरफ देखा और बोली ” मैं समझ रही हूँ मेरे लिए ये सब नया है  इसलिए समझने में थोड़ा वक़्त लग रहा है लोग जैसे दिखते हैं वैसे होते नहीं हैं ये मुझे समझना है।

यशिका की बात सुनकर शौर्य थोड़ा शांत हुआ उसने यशिका को अपने पास किया और बोला ” आप गलत नहीं हो और ना ही कुछ गलत किया है आपने…. अपने तो बहुत अच्छे से सब कुछ हैंडल किया है मै सिर्फ़ इतना कह रहा हूँ कि आप मुझे बता कर जाओ”

“हूँ ” यशिका ने छोटा सा जवाब दिया

तभी दरवाज़े पर दस्तक़ हुयी शौर्य यशिका से थोड़ा पीछे हुआ और बोला “कम इन”

” चलो शौर्य सुजीत अंकल से ……बाक़ी बात अभिमन्यु कह नहीं पाया उसने यशिका को देखा तो बोला ” आप यहाँ ?शौर्य तुमने इनको भी बुलाया है सुजीत अंकल से मिलने के लिए “

“नहीं”

“तो फिर ये यहाँ कैसे “?

” ये मुझे मीटिंग में मिली “

“ये वहाँ क्यों “?

“बुलाया था इसलिए “

” क्यों इनका तो कोई काम नहीं था और वहाँ तो कोई लेडी भी नहीं होगी “?

“अब वो मुझे पता नहीं क्यों बुलाया फिर वहाँ सुनील आहूजा इनसे फ्रैंक होने  की कोशिश कर रहा था , वो तो शुभम जी ने बोल और मै इनको यहाँ ले कर आ गया वरना आज तो सुनील आहूजा का पता नहीं क्या होता “

“सुनील आहूजा तो है ही इस तरह का और यशिका जी आपको क्या ज़रूरत थी जाने की एक बार बता दिया होता आपने शौर्य को तो वो बता देता आपको कि नहीं जाना वहाँ “

यशिका ने कुछ नहीं कहा

” चलो छोड़ो अभी तुम्हें चलना है कि नहीं ”  अभिमन्यु ने पूछा

“मै अंकल को मना के देता हूँ कल मिल लेंगे हम उनसे “शौर्य ने कहा

“अरे !! मेरी वजह से आप अपना प्रोग्राम क्यों कैंसिल कर रहें है ” यशिका ने कहा

“नहीं ऐसा की है भी नहीं है हम कल मिल लेंगे ऐसी कोई ज़रूरी बात है भी नहीं ” शौर्य ने कहा

ठीक है अभिमन्यु ने कहा और जाने लगा वो दरवाज़े तक पहुँचा और फिर बोला ” शौर्य तुम छोड़ने जाओगे इनको “?

“मैं पहले ऑफिस जाऊंगी फिर से देविका को लेते हुए घर जाऊंगी आप रहने दीजिए ” यशिका ने बीच में बोला

“हाँ …और हम देविका को लेते हुए चलेंगे , वैसे तुम क्या कह रहे थे “?शौर्य ने कहा

“कुछ नहीं मै सोच रहा था कि मै भी चलूँ  “? अभिमन्यु ने कहा

“शौर्य ने उसे देखा और पूछा क्यों तुम गाड़ी नहीं लाए हो “?

“लाया हूँ.. लेकिन मै आज बाउजी से मिलने की सोच रहा था पापा बोल रहे थे वो जाने वाले है तुम्हारे घर तो इसलिए “

“सब समझ रहा हूँ मै ” शौर्य ने मन में ही कहा “चलो फिर कुछ देर में निकलते हैं ” शौर्य ने कहा

“ठीक है” अभिमन्यु ने कहा और चला गया

कुछ देर में शौर्य यशिका और अभिमन्यु ऑफिस से निकले और गाड़ी में बैठकर शाह ग्रुप के ऑफिस की तरफ निकल गए , अभिमन्यु ड्राइव कर रहा था और शौर्य उसके साथ बैठा था यशिका पीछे बैठी थी , यशिका ने देविका को फोन किया और ऑफिस के बाहर आने के लिए बोल जब वो लोग पहुँचे देविका ऑफिस के बाहर खड़ी थी वो गाड़ी में बैठ गई।

“यशिका कल तक पेपर्स रेडी हो जाएंगे मर्जर के अपने इनफॉर्म कर दिया सब बोर्ड मेंबर्स को ” शौर्य ने पूछा

” हाँ मैने दिनेश जी को बोल दिया था उन्होंने कर दिया इनफॉर्म सबको मुझे लगता कि अमित सर ने पहले ही सबको बोल दिया था इसलिए किसी ने कुछ कहा ही नहीं सब रेडी है ,  अमित सर मेरे लिए सब कुछ आसान कर के गए है ” यशिका ने एक फीकी सी हँसी के साथ बोला

“हाँ शायद …..तो फिर परसों हम पेपर्स साइन कर सकते हैं आप आ जाना और ऑफिस भी देख लेना ” शौर्य ने कहा

“ऑफिस इतनी जल्दी हो गया फाइनल ” यशिका ने पूछा

“फाइनल तो आप करेंगी हमने तो सिर्फ देखा है , वैसे आप जितनी जल्दी फाइनल कर देंगी उतना अच्छा है हमारे शौर्य को थोड़ी आपकी चिंता कम होगी और वो काम में दिमाग लगाएगा क्यों ठीक कहा ना मैने ” अभिमन्यु ने शौर्य को देखते हुए कहा

“वेरी फनी काम तो सिर्फ तुम करते हो “

“और क्या मै ही करता हूँ ये पेपर्स रेडी करवाना ऑफिस देखना सब मैने ही किया है तुम तो बस ऑर्डर दे देते हो “अभिमन्यु ने कहा

“हाँ तो बॉस थोड़ी ये सब काम करते है एम्प्लॉय करते है  वो तो बस ऑर्डर देते हैं ” शौर्य ने अपनी कॉलर को थोड़ा ऊँचा करते हुए अभिमन्यु की तरफ देखा और मुस्कुरा दिया

“हाँ भाई हम एम्प्लॉय ही है ” अभिमन्यु मुस्कुरा दिया

पीछे बैठी हुयी यशिक और देविका दोनों हंसने लगी तभी अभिमन्यु की नजर सामने के मिरर से देविका पर गयी वो मिरर में देविका को देख कर मुस्कुराने लगा शौर्य ने उसे देखा तो बोला ” मिरर में देखना बंद करो कही गाड़ी मत ठोक देना अभी मुझे सही सलामत रहना है और देखना ही है तो देखो गाड़ी मै चला लेता हूँ “शौर्य ने कहा

” खुद की सेटिंग ही गयी है तो ज़्यादा ही बोलने लगा है ये अभी इनको घर छोडूं फिर बताता हूँ इसको मैं ” अभिमन्यु ने मन में सोचा और शौर्य को देख कर मुंह बना दिया

यशिका और देविका को ड्रॉप करके शौर्य और अभिमन्यु रंधावा मेंशन आ गए जहां पहले से ही सिद्धार्थ और नीता आए हुए थे शौर्य ने रघुवीर जी को कंपनी के मर्जर की बात बतायी और शाह ग्रुप के नए ऑफिस के बारे में भी बताया और एक दिन बाद वो उसके पेपर्स साइन करने वाले है ।

कंपनी मर्जर का दिन

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सब आ कर रंधावा के ऑफिस में बने हुए कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे थे यशिका और दिनेश भी आ गए थे बस शौर्य और अभिमन्यु नहीं आए थे सब उन्हीं का इंतजार कर रहे थे

तभी शौर्य  ,अभिमन्यु ,रघुवीर जी  श्याम जी सिद्धार्थ सिंह   के साथ कॉन्फ्रेंस रूम में आए उन्हें देख कर सब खड़े हो गए रघुवीर जी ने सबको बैठने के लिए बोला और खुद भी चेयर पर बैठ गए

वैसे तो शौर्य ही सब कुछ देखते था लेकिन क्योंकि ये कंपनी के मर्जर की बात थी इसलिए रघुवीर जी श्याम जी भी आए

थे ।

रघुवीर जी ने कहा ” आप सबको पता ही है कि ये हम कंपनी मर्जर करने जा रहे है शाह ग्रुप अब हमारे साथ ही काम करेंगे हालांकि कंपनी मिस यशिका गुप्ता की ही रहेगी और उसके जितने डिसीजन है सब वो ही लेंगी , उन्हें अगर जरूरत पड़ेगी तब हम हेल्प करेंगे  हम उम्मीद करते है कि हम मिल कर अच्छा काम करेंगे “

सबने तालियों से रघुवीर जी की बात का समर्थन किया

शौर्य ने पेपर्स उनके सामने रखे तो रघुवीर जी ने पेपर्स शौर्य की तरफ करके मुस्कुरा कर कहा ” ये पेपर्स तुम साइन करो “

“लेकिन  मैं कैसे के सकता हूँ बाउजी  ये  ” शौर्य कुछ कहता उस से पहले श्याम जी ने उसके सामने एक और पेपर रख दिया शौर्य ने वो पेपर देखा तो उसमें रघुवीर जी और श्याम जी के साइन थे जिसमें आर .आर कंस्ट्रक्शन शौर्य के नाम हो गया था ।

शौर्य ने पेपर्स देखे और रघुवीर जी की तरफ देखा

रघुवीर जी मुस्कुराते हुए शौर्य की तरफ देखा कहा ” अब हमें भी तो रिटायरमेंट चाहिए अब तुम संभालो ये कंपनी और अब से सारे डिसीज़न तुम खुद ले सकते हो  ये तुम्हारे जन्मदिन का तोहफा हमारी तरफ से ” शौर्य ने श्याम जी की तरफ देखा तो उन्होंने मुस्कुरा कर अपनी गर्दन हिला दी सब खुश थे सारा हॉल तालियों से गूंज उठा ।

“बधाई हो मेरे यार ” अभिमन्यु ने कहा तो शौर्य ने उसे गले से लगा लिया और बोला “थैंक्स “

शौर्य ने आगे बढ़ कर रघुवीर जी, श्याम जी और सिद्दार्थ के पैर छुए सबने उसे आशीर्वाद दिया रघुवीर जी ने अपनी चेयर पर शौर्य को बैठाया हॉल फिर तालियों से गूंज उठा

शौर्य और यशिका ने पेपर्स साइन किया और एक दूसरे को दिए सबने दोनों को कांग्रेटुलेट किया ।

” एक मिनट सब एक बात सुने कल शौर्य का बर्थडे है तो हमने छोटी सी पार्टी दी रखी है इस मर्जर की खुशी में तो आप सब आएं और जैसे अपने हमारे साथ दिया वाइस शौर्य का भी दें ” रघुवीर जी ने कहा

सबने एक बार फिर से चियर किया ।

शौर्य को सब बधाई दे रहे थे। सबके जाने के बाद, यशिका शौर्य के पास गई और कहा, “कांग्रेचुलेशन मिस्टर रंधावा!” शौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा, “थैंक्स!” उसने फिर कहा, “आप जाना मत, आपको आपका नया ऑफिस दिखना है।” तभी किसी ने शौर्य को पुकारा, और वह “मैं अभी आता हूँ” कहकर चला गया।

यशिका ने दिनेश को रुकने के लिए बोल दिया

सबके लिए लंच आज वहीं रखा गया था।

रघुवीर जी ने यशिका को अपने पास बुलाया और बोले ” कांग्रेचुलेशंस “

“थैंक्यू कैसे है आप “?

” बस बढ़िया है …..वो हादसे के बारे में सुना हमने  , अच्छा हुआ आपने वहाँ से शिफ्ट कर लिया , “।

” जी” यशिका ने कहा

“आप घर नहीं आयी बहुत दिन से अम्मा  और नीलिमा आपको याद कर रहीं थी ” श्याम जी ने कहा

“जी आउंगी मै थोड़ा काम में बिज़ी हो जाती हूँ अभी ये सब नया है मेरे लिए “

“ठीक है ” श्याम जी ने कहा

सबने लंच किया और सारे बोर्ड मेंबर्स चले गए शौर्य ने यशिका को रुकने के लिए बोला था तो वो रुकी हुयी थी सबसे फ्री होकर शौर्य और अभिमन्यु दोनों ही यशिका के पास आ गए और उसे अपने साथ फिफ्थ फ्लोर पर उनका नया ऑफिस दिखाने के लिए चले गए ।

यशिका ने देखा वो ऑफिस काफ़ी अच्छा था और सबसे अच्छी बात ये थी कि वो उनके हिसाब से बना हुआ था

तभी अमर वहाँ आ गया

” हैलो शौर्य “

“अमर बिल्कुल परफेक्ट टाइम पर आए हो तुम ….इनसे तो तुम मिले ही हो ये है मिस यशिका गुप्ता  और इन्हीं का ऑफिस है ये तुम देख लो अगर कुछ चेंज तो कर देना ”  शौर्य ने कहा

यशिका ने हाँ कहा और अमर के साथ उसने पूरा ऑफिस देखकर शौर्य के पास आ गयी

“सब ठीक है मुझे नहीं लगता कि कुछ करवाना है बाक़ी तो शिफ्ट होने पर पता चलेगा किस चीज़ की ज़रूरत है ” यशिका ने कहा

“ठीक है मै फिर भी देख लेता हूँ आपको कब तक शिफ्ट करना है ” अमर ने पूछा

“एक हफ्ते में हो जाएंगे हम शिफ्ट ” दिनेश ने कहा

“ओके , तो फिर मै चलता हूँ और शौर्य कांग्रेटुलेशंस”

“थैंक्स ” शौर्य ने कहा

अमर चला गया

“अब मैं भी जाती हूँ ऑफिस में थोड़ा काम पेंडिंग है ” यशिका ने कहा

” ठीक है… अभी तुम छोड़ आओगे इनको मै नहीं जा सकता इस वक़्त”

“हाँ बिल्कुल ” अभिमन्यु ने कहा

“अरे आप रहने दें चली जाऊंगी मैं दिनेश जी हैं ना “यशिका ने कहा

“अरे नहीं ऐसे कैसे मै चल रह हूँ ना आपके साथ ” अभिमन्यु ने कहा

” आपको पता है मैं आपको अकेले जाने भी दूंगा आप अभिमन्यु के साथ चली जाओ “शौर्य ने थोड़ा ज़ोर देते हुए कहा

“ठीक है “यशिका ने बोला और अभिमन्यु के साथ चली गयी

ऑफिस का काम करके यशिका देविका के साथ घर आ गयी थी डिनर करके वो कुछ काम कर रही थी सोने के लिए वो रूम में गयी तो देखा देविका सो चुकी थी ।

उसने घड़ी की तरफ देखा तो साढ़े ग्यारह बज गए थे वो अपने बेड पर लेटा और आज के फंक्शन की पिक्स देखने लगी उसमें वो वीडियो भी थी  जिसमें रघुवीर जी शौर्य को आर.आर. ग्रुप के पेपर्स दे रहे थे और उसे बर्थडे विश कर रहे थे , उसके होंठों पर मुस्कुराहट आ गयी उसने टाइम देखा तो बारह बजाने ने दो मिनट बाक़ी थे ।

यशिका ने कुछ सोचा उसने शौर्य की चैट ओपन की और टाइप करने लगी

हैप्पी बर्थडे मिस्टर रंधावा

उसने ये टाइप किया फिर मिस्टर रंधावा को कट किया उसने वापस से टाइप किया

“हैप्पी बर्थडे शौर्य “साथ में केक का और चाकलेट का इमोजी भी बना दिया

और शौर्य को सैंड कर दिया ।

क्रमशः

अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी ….🤗

धन्यवाद

स्वरचित

काल्पनिक कहानी

अनु माथुर ©®

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