अब तक आपने पढ़ा :
शौर्य को बारिश में भीगा हुआ देख कर यशिका उसको घर ले आती है, उधर अभिमन्यु और यश भी देविका और गुंजन के साथ घर पहुँच जाते हैं ।
अब आगे :
रंधावा के ऑफिस में
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अभिमन्यु शौर्य के केबिन में आता है शौर्य उसे बैठने के लिए बोलता है और कहता है
” कल यशिका कंपनी मर्जर की बात करने आयी थी “
“वाह ये तो अच्छी बात है , वैसे तो वो कंपनी भी तुम्हारी ही है क्या फर्क पड़ता है मर्जर हो ना हो “
“हाँ लेकिन वो तो फिलहाल यशिका की है और ये सिर्फ फॉर्मेलिटी ही है लेकिन पेपर्स तो ज़रूरी है ना”
“हाँ तो पेपर्स रेडी करवा देते है वैसे तुम कब तक चाहते हो ये सब हो जाए “
“जितना जल्दी हो जाए उतना अच्छा है “
“ऑफिस कहां शिफ्ट करवाना है कुछ सोचा है तुमने “
“नहीं वो तो देखना पड़ेगा “
“क्यों ना हम इसी बिल्डिंग में करवा लें शिफ्ट शायद फिफ्थ फ्लोर खाली हो गया है सचिन से पूछना पड़ेगा “
“ओके तुम पूछो और पेपर्स रेडी करवाओ “
“और कुछ …. “? अभिमन्यु ने पूछा
“नहीं अभी तो बस इतना ही जाए बाक़ी तो सब चल ही रहा है ” शौर्य ने कहा
“तुम शाम को बिज़ी हो “?शौर्य ने पूछा
“नहीं क्यों “?
“वो सुजीत अंकल ने जो बोला था ज्ञानचंद के बारे में तो उन्होंने मिलने के लिए बुलाया है “
“वो अभी भी ज्ञानचंद का साथ दे रहे हैं “?
“नहीं .. साथ तो वो हमारा ही दे रहे है उन्हें ये डिस्कस करना है कि ज्ञानचंद क्या क्या कर सकता है “
” वो बहुत कुछ कर सकता है देख लिया ना तुमने और क्या डिस्कस करना है “अभिमन्यु ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा
“पता नहीं वो तो उन्हीं को पता है तुम रेडी रहना “शौर्य ने कहा
“उसमें रेडी क्या होना क्या कोई जंग में जा रहे है हम “?
“अरे क्या हुआ ? तुम इतना क्यों गुस्सा हो , आज बात नहीं हुयी क्या देविका से “? शौर्य ने थोड़ा छेड़ते हुए कहा
“नही हुयी खुश … और मुझे बताओ तुम ये सुजीत त्रिपाठी क्या ही कर लेंगे ? “
“करेंगे कुछ नहीं उनका प्लान बताएंगे और क्या “
“हाँ और वो कुछ अलग ही करेगा “
तुम करतार को इतना ही समझे हो देखा न तुमने उस दिन फिर ये सुजीत अंकल क्या कर लेंगे “
“शांत हो जाओ तुम बात सही है तुम्हारी फिर भी अब उन्होंने बुलाया है तो चलेंगे हम “
अभिमन्यु थोड़ा शांत हुआ और उसने बोला ” ठीक है …और तुम जाने वाले थे ना आज गेटटुगेदर में क्या हुआ उसका “?
“बस जा ही रहा हूँ ” शौर्य ने कहा और अभिमन्यु उसके केबिन से चला गया ।
होटल ओबेरॉय
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मुंबई के होटल ओबेरॉय के प्राइवेट हॉल में बड़ी सी टेबल के पास कुछ लोग चेयर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे तभी हॉल का दरवाज़ा खुला और वेटर के साथ शौर्य अंदर आया उसे देख कर एक शख्स जिनका नाम शुभम सक्सैना था सबको रोकते हुए बोले ” वेलकम मिस्टर शौर्य ” शौर्य ने मुस्कुराते हुए हाथ उठाया और वहाँ रखी हुयी चेयर पर बैठ गया वेटर ने उसे सॉफ्ट ड्रिंक सर्व की और चला गया ।
“शौर्य रघुवीर जी कैसे है “? शुभम ने पूछा
“जी बिल्कुल ठीक है ” शौर्य ने कहा
“ठीक क्यों नहीं होंगे इतना काबिल ग्रैंडसन है उनका कैसे उसने पूरे बिजनेस को संभाल लिया और इनका तो बिजनेस बढ़ता ही जा रहा है ” वहीं बैठे हुए कृष्णकांत गुलाटी ने कहा
शौर्य बस मुस्कुरा दिया
वहाँ बस शौर्य ही था जो उम्र में कम था बाक़ी सब लगभग चालीस पचास की उम्र के थे ये एक गेटटुगेदर की तरह था जिसमें शहर के बड़े बिल्डर्स शामिल थे साल में एक बार ये सब लोग यूँ ही मिलते थे थोड़ा समय बिताते ।
सब लोग ड्रिंक करते हुए बातें कर रहे थे तभी हॉल का दरवाज़ा खुला और वेटर के साथ यशिका वहाँ आयी शुभम सक्सैना ने उसे देखा और उन्होंने अपनी चेयर पर से उठते हुए कहा ” आज मैने एक स्पेशल पर्सन को यहाँ इनवाइट किया है जिसने बहुत कम समय में ख्याति हासिल की है शौर्य की पीठ यशिका की तरफ थी वो शुभम की बात सुनकर घूमा और उसको बहुत हैरानी हुयी उसने मन में बोला ” यशिका यहाँ”?
“मिलिए शाह ग्रुप की सी.ई. ओ. यशिक गुप्ता से” शुभम ने अपनी बात पूरी की..… यशिका की नज़र सामने बैठे हुए शौर्य पर गयी उसे भी हैरानी हुयी लेकिन ना उसने कुछ कहा और ना ही शौर्य ने शौर्य वापस से घूम कर बैठ गया ।
शुभम ने आगे बढ़कर अपना हाथ मिलाने के लिए यशिका के सामने बढ़ाया …यशिका ने हाथ जोड़कर उनको नमस्ते किया शुभम मुस्कुरा दिया उसने यशिका को बैठने के लिए बोला तभी कृष्णकांत खड़े हुए और बोले “आप यहाँ बैठे “
“आपके पास क्यों बैठेंगी हम भी तो है ये यहाँ बैठे “सुनील आहूजा ने थोड़ा जोर देते हुए कहा
“ओहो !! आप लोग बहस मत करो ये अपने एज वाले के पास बैठेंगी ….यशिका … आपको बुरा तो नहीं लगेगा अगर मैं आपको यशिका कह कर बुलाऊं तो ” शुभम ने पूछा
यशिका ने अपने गर्दन हिला कर ना कहा हाँ तो ये यहाँ बैठेंगी ” शौर्य के पास ” शुभम ने फिर से कहा
यशिका को शुभम ने शौर्य के पास बैठाया और खुद अपनी चेयर पर जा कर बैठ गया ….वेटर ने यशिका को ड्रिंक सर्व की …
यशिका को थोड़ा अजीब लग रहा था वहाँ बस एक वो ही फीमेल थी …. वो सहज होने की कोशिश कर रही थी …ये बात शौर्य नोटिस कर रहा था लेकिन इस वक़्त वो कुछ कह नहीं सकता था….उसने ऐसे शो किया जैसे वो यशिका को बस एक बिजनेस वूमेन के जैसे जनता है ।
” और बताएं मिस यशिका गुप्ता कैसा लग रहा है आपको शाह ग्रुप में ,वैसे क़िस्मत हो तो आपके जैसे हो , इतना बड़ा प्रोजेक्ट दिलाने के बाद शाह ग्रुप आपका हो गया और अमित शाह तो अब हमेशा के लिए गए और फायदा आपका ,,हो गया कृष्णकांत ने कहा
यशिका को कुछ समझ नहीं आया कि वो इस बात का क्या जवाब दे वो बस मुस्कुरा दी
” वो इनकी क़िस्मत है तुम्हें क्यों जलन हो रही है “। शुभम ने कहा
“जलन क्यों होगी .. मै तो बस कह रहा हूँ ” कृष्णकांत ने थोड़ा ऊंचा स्वर करके बोला
“अच्छा छोड़ो ये बातें सब जिसको जो मिलना है वो मिल गया हम सब यहाँ बीती बातों को लेकर बहस करने नहीं बैठे है ” शुभम ने कहा
कृष्णकांत ने मुंह बनते हुए शुभम को देख और फिर पूछा ” वैसे यशिका जी अपने वो रजवाड़ा वाला प्रोजेक्ट में ट्राई किया या नहीं “
“उसके लिए मैने अभी सोचा नहीं ” यशिका ने छोटा सा जवाब दिया
“सोच लो क्या पता वो प्रोजेक्ट भी मिल जाए और फिर शौर्य तो है ही आपके सपोर्ट के लिए ” सुनील आहूजा ने अपने ग्लास में से एक सिप लेते हुए कहा
सुनील की इस बात पर शौर्य ने कहा ” मिस्टर आहूजा आपको क्यों लगता है कि हर बार मैं सपोर्ट करूंगा यशिका खुद भी इतनी काबिल है वो खुद के लेंगी “
” हाँ काबिल तो हैं लेकिन अपनी फील्ड में ना ….ये ज़रा नया है उनके लिए तो मैं बस बोल रहा था कि तुम सपोर्ट कर दोगे ” सुनील आहूजा ने कहा और मुस्कुराने लगा
” मिस्टर आहूजा अपने ये सबके लिए बुलाया मुझे ” शौर्य ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा
“अरे शौर्य अब हम तो ऐसे ही बोल रहे थे वैसे तुम हेल्प ना करना चाहो तो कोई बात नहीं , यशिका जी खुद ही तुम्हें बोल देंगी ” सुनील आहूजा ने कहा
इस बात पर शौर्य को गुस्सा आ गया उसने अपने दोनों हाथों को टेबल पर रखे और खड़ा हो गया ” बाक़ी बातें आप लोग कर लें …अगर आपको को इन्हीं सामने इंटरेस्ट है मै जा रहा
हूँ “”
“रुको शौर्य, तुम तो जानते ही हो ना इनको फिर बुरा क्या मानना बैठो .. सुनील बस करो ” शुभम ने कहा
सुनील इस बार चुप हो गए थे
कुछ देर सबने बात की और फिर लंच शुरू हुआ लंच करके सब जाने लगे इस बीच शौर्य ने यशिका से कुछ बात नहीं की ना ही उसकी तरफ देखा यशिका को शौर्य का ये बिहेवियर समझ नहीं आया लेकिन उसने कुछ ना कहना ही ठीक समझा ।
सब लंच करके निकलने लगे तो सुनील आहूजा यशिका के पास गए और बोले “यशिका आप को कोई हेल्प चाहिए तो मेरे पास सा सकती हो “
यशिका ने कुछ नहीं कहा वो बहुत अनकंफर्टेबल फील कर रही थी सुनीश आहूजा कुछ ज़्यादा ही नज़दीक जाने की कोशिश कर रहे थे शौर्य ने ये देख लिया था … वो अपने कदमों को तेज करता हुआ यशिका के पास पहुँचा और सुनील से बोला “ये क्या तरीका बात करने का आप देख रहे है ना वो अनकंफर्टेबल फील कर रहीं है “
“तो तुम्हें क्यों प्रॉब्लम हो रही ये बात खुद यशिका भी तो बोल सकती हैं ना उन्होंने तुम्हे असिस्टेंट रखा हुआ है ” सुनील ने शौर्य को अपने एक हाथ से पीछे करते हुए बोला
“असिस्टेंट रखा या नहीं इस बात से आपको क्या फ़र्क पड़ता है ” शौर्य ने यशिका को अपने पीछे करते हुए बोला
” कुछ नहीं मुझे क्या फ़र्क पड़ेगा मै तो बस दोस्ती करना चाह रहा था ” सुनील ने कहा
” सुनील अब बहुत हो गया, शौर्य तुम जाओ और इनको भी ले कर जाओ ” शुभम ने वहाँ आते हुए कहा
शौर्य ने यशिका की तरफ देखा और चलने के लिए बोला यशिका शौर्य के पीछे वहाँ से निकल गयी
शौर्य ने ड्राइवर को बुलाया और यशिका को गाड़ी में बैठने के लिए बोला इस वक़्त शौर्य थोड़ा गुस्से में था
“कहाँ चलना है ड्राइवर ने पूछा “
” ऑफिस ” शौर्य ने कहा
रस्ते भर दोनों कुछ नहीं बोले
रंधावा के ऑफिस में
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यशिका शौर्य के पीछे ऑफिस तक आ गई थी , शौर्य अपने केबिन में गया यशिका को अंदर लिया और दरवाज़ा बंद कर लिया
“क्या हुआ यशिका ने पूछा “
“यशिका आप बता नहीं सकतीं थी मुझे की आपको बुलाया गया है गेटटुगेदर में मै आपको मन कर देता “
“मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है”
“मैने कितनी बार समझाया आपको की ये अलग जगह है आप समझती क्यों नहीं हो “
“मिस्टर रंधावा आपने सुनील आहूजा के सामने मुझे सेफ फील करवाया उसके लिए थैंक्स लेकिन ऐसा कुछ नहीं है कि मै कहीं जाऊंगी नहीं जाना तो पड़ेगा ही “
यशिका के ये कहते ही शौर्य उसके नज़दीक आया ये देखकर यशिका थोड़ा पीछे ही गई शौर्य उसके और थोड़ा क़रीब हुआ और बोला ” आज के बाद आप जहाँ भी जाओगी मुझे बता जाओगी समझी “
“मिस्टर रंधावा मै ये नहीं करूंगी मै आपको ये क्यों बताऊं कि मै कहाँ जा रही हूँ। यशिका ने शौर्य को अपने हाथ पीछे करते हुए बोला।
शौर्य ने फिर उसे अपने नज़दीक किया और बोला ” आज सुनील आहूजा ने जो हरकत की मै चाहता तो उसे जवाब दे सकता था बता सकता था कि आप से रिश्ता क्या है लेकिन क्या आप इस बात से कंफर्टेबल होती … आज तो मैने खुद को रोक लिया कल फिर कुछ होगा अगर मै न रुक पाया तब क्या सबके सामने आ जाए हमारा रिश्ता आप उसके लिए तैयार है ?
यशिका ने शौर्य की तरफ देखा और अपनी नज़रें नीची कर ली
“आपकी झुकती हुई ये आँखें सब बोल रहीं हैं आप अभी रेडी नहीं हो और फिर कल को कुछ हुआ और मैने उस पर कोई एक्शन लिया तो क्या करोगी आप “?
यशिका के पास शौर्य की इस बात का कोई जवाब नहीं था ।
क्रमशः
अगले भाग के साथ जल्दी ही मिलूंगी ….
धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®