कुछ तो लोग कहेंगे – खुशी

नताशा और समीर पति पत्नी थें।परिवार में मां पिताजी और ननद शिखा थे। समीर अपनी बहन शिखा को बहुत प्यार करते थे और वो चाहते थे कि क्यों अपने जीवन में ऊंचाइयां प्राप्त करें। शिखा का शहर के बहुत बड़े मैनेजमेंट कॉलेज में एडमिशन करवाया

ताकि वह मैनेजमेंट का कोर्स  करके किसी अच्छी जोब पर लग  सके उसका भविष्य सुरक्षित हो जाए। फिर उसकी शादी किसी अच्छे घर में करवा दी जाए। शिखा कॉलेज के दूसरे साल में थी  उसका अफेयर अपने साथ पढ़ने वाले अदिल से हो गया।

अदिल मुस्लिम था और शिखा हिन्दू । शिखा आदिल के प्यार में दुनिया भूल चुकी थी अब  उसका पढ़ने में भी ध्यान नहीं था वो सारा दिन अदिल के साथ घूमती फिरती ।एक दिन एक होटल में दोनो को समीर ने देख लिया।शाम को जब शिखा घर पहुंची

तो समीर ने उससे पूछा कि तुम वहां क्या कर रही थी। शिखा ने समीर को बताया मै उससे शादी करना चाहती हूं। समीर ने शिखा से उसकी डिटेल्स पूछी  शिखा बोली उसका नाम आदिल है। समीर बोला तुम्हें कोई हिंदू  लड़का नहीं मिला। यह शादी कभी भी नहीं हो  सकती।

शिखा बोली मैं उसी से शादी करूंगी। आज समीर ने  गुस्से मे पहली बार शिखा को एक थप्पड़ लगा दिया।  शिखा गुस्से में अंदर चली गई और समीर ने उसका कॉलेज जाना भी बंद करवा दिया।शिखा अभी भी अदिल से राब्ते में थी।

इधर समीर उसके लिए लड़का ढूंढने लगा ताकि वो कोई गलत।कदम ना उठा ले। इधर समीर आदिल के साथ भागने की तैयारी में थी। पर घर से उसे बाहर निकलने की  मनाही थी।इसलिए उसने घर से निकलने के लिए एक तरकीब लगाई ।

उसने कहा मेरी सहेली निधि की शादी है मै आखिरी  बार मुझे घर से बाहर जाने दीजिए फिर भी जैसा आप कहेंगे मैं वैसा ही करगी। शिखा की बत सुन समीर पिघल गया और उसे जाने की इजाजत दे दे शिखा अपने साथ गहने कैश अच्छे कपड़े सब ले गई।शिखा को खुद समीर छोड़ कर आया और बोला कल शाम में तुम्हे लेने आऊंगा।

समीर के जाते ही शिखा ने अदिल को फोन किया और वो आ गया उसके साथ वो चली गई।दो दिन वो एक होटल में रुके फिर आदिल उसे लेकर मुंबई चला आया ।शिखा बोली हम यहां क्यों आए हैं तुमने तो कहा था कि हम शादी करेंगे।

आदिल बोला हा करेंगे पर पहले रहने खाने का इतंजाम तो कर ले तो ये तो हम अपने शहर में भी कर सकते थे।अदिल बोला अरे तुम्हारा भाई हमे ढूंढ लेता चलो पहले हम अपना कुछ इतंजाम करे फिर तुम्हे अपने घर ले जाऊंगा।

आदिल शिखा से लिपट गया और 15 दिन रंगरेलियों में बीत गए जो पैसा था वो भी खत्म हो गया अब होटल भी खाली करना था।अदिल शिखा को वही छोड़ अपने दोस्त से मिलने आया।आदिल अपने दोस्त शमशाद को बोला वो साली मेरे साथ भाग आई की मैं उससे शादी करूंगा ।

शादी और मैं घर में दो पड़ी हैं तीसरी के झंझट में कौन पड़ेगा।15 दिन ऐश में कटे मजे भी ले लिए पैसा खत्म गहने मेरे पास है अब वो मेरे किस काम की ।शमशाद बोला हमे भी मौका दे फिर इसे बिजन को बेच देंगे अच्छा पैसा मिलेगा।

अदिल ने अगले दिन का शमशाद को वादा कर दिया।शमशाद अदिल के साथ होटल तक आया था।शिखा ने खिड़की से नीचे देखा उसे वो लड़का बहुत गंदा लगा ।तभी घंटी बजी रूम सर्विस वाली लड़की थी।उसने शिखा से पूछा मैडम आप यहां कैसे ।

शिखा ने कहा में और मेरा बॉयफ़्रेंड शादी करना चाहते थे घर वाले तैयार नहीं थे इसलिए भाग कर यहां आ गए अब कुछ दिनों में वो मुझसे शादी करेगा।उस लड़की का नाम रेनू था।उसने पूछा आपका बॉयफ्रेंड कहा है उसने कहा नीचे और खिड़की से उसे दिखाया।

शमशाद को देखते ही वो लड़की बोली यहां से भाग जाओ जो नीचे खड़ा है वो लड़कियों का दलाल है पक्की बात है तुम बिकने वाली हो। शिखा बोली पागल हो अदिल मुझे बहुत प्यार करता है। रेनू बोली ये अदिल हामिद किसी को प्यार नहीं करते

ये हिंदू लड़कियों को फुसला कर उनकी इज्जत से खिलवाड़ करते हैं।मै भी ऐसे ही लॉ कॉलेज की स्टूडेंट् थी मेरा क्लास फैलो आरिफ मुझे अपने साथ भगा लाया पहले उसने मेरे साथ खिलवाड़ किया फिर उसके दोस्तों ने फिर इस अदिल ने और मुझे बेच दिया।

मैने 4 साल नरक  भोगा वो तो एक रेव पार्टी में हमे ले गए वहां आग लगने की वजह से मै और शीना वहां से भाग निकले इतनी रुसवाई के बाद घर भी नहीं जा सकते थे इसलिए होटल में ऐसे छोटे मोटे काम करते है और कोई लड़की यदि मुसीबत में फंसी मिल जाए

तो उसे अपने एनजीओ के साथ मिल कर घर पहुंच।ते हैं।तुम यहां से निकलो तभी दरवाजे पर आवाज हुई आदिल आ गया था शिखा बोली अब ।रेनू बोली मै कल आऊंगी तैयार रहना और वो रूम से निकल गई।

आदिल बोला ये कौन थी ?बड़ी मुश्किल से शिखा ने उतर दिया रूम सर्विस।अदिल बोला आओ जानेमन खाना खा लें मैं लेकर आया हूं।शिखा बोली मेरा मन नहीं है।अदिल बोला खालों फिर मेरी बाहों में भी तो आना है।

शिखा बोली आज नहीं अदिल बोला क्यों वो बोली मेरी डेट आ गई है।आदिल बोला हम 15 दिन से साथ हैं फिर भी शिखा बोली अब मै क्या कर सकती हूं।आदिल बोला सारा मूड खराब कर दिया चल सो जा मै जरा बाहर जाता हूं।

शिखा बोली ये किस लहजे में बोल रहे हो।अदिल बोला एक तो मूड खराब कर दिया और अब लहजा छोड़ो मै आता हूं।आदिल बाहर गया और नीचे खड़े हो कर शमशाद से बात करने लगा अरे अभी 5 दिन इंतेज़ार कर उसकी गड़बड़ हो गई है।

दोनो बात करते रहे फिर ऊपर आ गया और शिखा के पास लेट गया।शिखा को उसका स्पर्श इतना ग दा लग रहा था। अगले दिन सुबह शिखा उठी तो अदिल से उसने कहा मुझे कुछ सामान चाहिए आदिल सामान लेने गया और वो शमशाद के पास चला गया।

पीछे से रेनू आई बोली तुम तैयार हो शिखा बोली हा और रेनू ने उसे बुर्का दिया और वो वहां से निकल गई बड़ी मुश्किल होटल से निकले ही वो एनजीओ पहुंची।शिखा रो रही थीं लोग क्या कहेंगे।मैने मेरे परिवार का नाम खराब कर दिया।

एनजीओ वाली मैडम नंदिनी बोली बेटा तुम यहां सुरक्षित हो अपने परिवार को फोन लगाओ ।शिखा ने समीर को फोन लगाया समीर ने फोन उठाया शिखा रोने लगी भैया समीर बोला यहां कोई भैया नहीं हैं दोबारा फोन मत करना तुम मर चुकी।हो हमारे लिए ।

और समीर ने फोन काट।दिया नंदिनी ने समीर को अपने फोन से फोन लगाया पहले समीर ने फोन नहीं उठाया फिर बहुत देर के बाद उसने फोन उठाया और उसने समीर को सारा सुरते हाल बताया। अगले दिन सुबह की फ्लाइट से समीर मुंबई पहुंचा उधर आदिल पागलों की तरह हर तरफ ढूंढ रहा था।

कैमरे में फुटेज देखी तो एक बुर्के वाली दिखाई दी उसके साथ एक और लड़की थी।अदिल बोला ये तो रूम सर्विस वाली है ये कल हमारे कमरे में आई थी।मैनेजर बोला ये हमारे यहां काम नहीं करती हर जगह वो और शमशाद शिखा को ढूंढते रहे।

पर वो नहीं मिली स्टेशन बस्सटॉप सब जगह उन्होंने अपने आदमी।लगा दिए ताकि वो भाग ना सके।फुटेज में वो taxi भी दिखाई दी जिसमें वो गए थे पता लगाया तो टैक्सी चालक बोला मैने उन्हें विरार में छोड़ा था।उधर समीर को देख शिखा रोने लगी

भैया मुझे माफ करदो मुझे बचा लो घर ले चलो।समीर ने नंदिनी से पूछा ये आपको कहा और कैसे मिली ।नंदिनी बोली यहां ये रोज का काम है ये मवाली लड़कियों को बहला फुसला कर लाते है और फिर उन्हें बेच देते है।

हमारी एक टीम ऐसे होटल्स की निगरानी करती हैं वहीं पता चला 15 दिन से दो लोग यहां रुके हैं लड़की तो कभी बाहर आई नहीं और वो लड़का रोज नए नए लोगों से मिलता है और फिर शमशाद को वहां देख हमारा शक यकीन में बदल गया।

दो बार हमने कोशिश की पर अदिल दरवाज़ा बंद करके जाता था।एक दिन अदिल से चाबी गिर गई और रेनू ने उसकी छाप ले ली फिर वो शिखा तक पहुंची और उसे वहां से बचा लाई बच्ची की गलती समझ उसे माफ कीजिए

और यहां से ले जाइए समीर ने नंदिनी और रेनू का धन्यवाद किया।टिकट बुक की और उसी दिन दोपहर की फ्लाइट से वो शिखा के साथ दिल्ली आ गया।शिखा घर वालों को देख बहुत रोई माफी मांगी। नताशा उसे अंदर ले गई नहलाया कपड़े बदलवा कर खाना खिलाया।

शिखा की मां उसके पास बैठी थीं।शिखा बोली मां लोग क्या कहेंगे सब को पता है कि मैं भाग गई थी। आप लोगों की भी बदनामी होगी मुझे मार दीजिए।समीर बोला लोगो का काम है कहना पर हम तुम्हे नहीं छोड़ सकते।तुम हमारी जान हो गलती सब से होती हैं इसे भूलने की कोशिश करो।

वैसे भी हम अब यहां नहीं रहने वाले मैंने और नताशा ने बैंगलोर ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर दिया था वो अपूर्व भी हो गया है 2 दिन में सामान लोड हो जाएगा और हम वहां चले जाएंगे।एक हफ्ते मे समीर ने सारी फॉर्मेलिटीज निपटाई और वो अपने परिवार के साथ बैंगलोर चला गया।

पर उससे पहले उसने शिखा के कॉलेज में और पुलिस में आदिल की कंप्लेंट कर दी थी।शिखा का कंप्लीट चेकअप नताशा ने करवाया वो गर्भवती थी उसका अबॉर्शन करवा कर उसको फिर से पढ़ाई लिखाई करवाई और आज शिखा की शादी थी।

शिखा अपने भाई से यही बोली भाई आपने लोगों की नहीं मेरी परवाह की उसका धन्यवाद । समीर बोला रो मत पगली उसे एक हादसा समझ भूल जा नई जिंदगी में उस बात की कोई जगह नहीं वैसे भी पुष्पा i hate tears और सब हस पड़े।

दूर कही से गाने की आवाज आ रही थी कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना।

आज शिखा अपने जीवन में खुश है और अदिल जेल में है समीर की जानकारी के कारण। कॉलेज में वो दूसरी लड़की को शिकार बनाता उससे पहले ही वो पकड़ा गया।दोस्तो शिखा की जिंदगी ने उसे दूसरा मौका दिया क्योंकि उसका परिवार उसके साथ था।जिनके परिवार लोगो की परवाह करते रह जाते है या उनकी जिंदगी में कोई रेनू नहीं आती वो बिचारी तो नरक में ही अपना जीवन बिताती है।

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

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