अमित शाह ने यशिका को अपनी कंपनी सौंप दी और प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबको बता भी दिया , हॉस्पिटल में यशिका को पता चल जाता है कि अमित शाह एडमिट है
अब आगे:
यशिका वहीं हॉस्पिटल की बेंच पर बैठी हुई थी , कुछ देर बाद वो उठी और रिसेप्शन पर जाकर उसने पूछा” आपके यहाँ विज़िटिंग ऑवर्स क्या है “
“मैम दस बजे से एक बज तक और शाम को चार बजे से सात बजे तक ” उस रिसेपनिष्ट ने कहा
“ओके” कह कर यशिका और देविका दोनों हॉस्पिटल से बाहर आ गई। देविका ने कैब बुलायी और उसमें बैठ कर घर के लिए चल दी दोनों चुप थी यशिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था और न ही देविका को
“यशी कहीं सर को “?
“क्या पता यार क्या हुआ है “?मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा , क्या इसीलिए उन्होंने कंपनी मुझे दे दी और कभी ना आने के लिए बोल रहे थे “
“हो सकता है “
“लेकिन मै चाहती हूँ कि जैसा हम सोच रहे है वैसा ना हो , अब तो कल ही पता चलेगा “
“ह्म्म “देविका ने कहा
श्री निवास अपार्टमेंट
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गुंजन घर आ गई थी ,और उन दोनों का वेट कर रही थी
यशिका ने चाबी से दरवाज़ा खोला और अंदर आ गई रस्ते में यशिका ने देविका को गुंजन को कुछ ना बताने के लिए बोल दिया था , दोनों नॉर्मल बाते करतीं हुई घर के अंदर आ गई
“दी आप लोग आ गए ? देविका दी कैसी है आपकी फ्रेंड की मम्मी ” गुंजन ने पूछा
“ठीक है , गुंजन यशिका और मै थोड़ा थक गए है , फ्रेश हो कर खाना खा लेते है , और रेस्ट करेंगे “
“अरे हां दी बिल्कुल बल्कि मैं भी आपसे यही कहने वाली थी ” आप दोनों आ जाओ फ्रेश हो कर मै तब तक खाना लगा देती हूँ ।
देविका ने प्यार से उसके गाल पर हाथ रखा और फ्रेश होने चली गई
यशिका और देविका दोनों फ्रेश हो कर आयी खाना खाया और रूम में जा कर लेट गयी
दोनों ही सोच में गुम थी यशिका को किसी तरह नींद नहीं आ रही थी वो बस करवट बदल रही थी , उसे शुभ होने का इंतजार था ।
रात बीती सुबह हो गयी, यशिका उठी और जल्दी से फ्रेश हुई उसने नाश्ता बनाया तब तक देविका और गुंजन भी उठ गए थे .. सबने नाश्ता किया और रेडी हो कर गुंजन अपने ऑफिस के लिए निकल गयी
यशिका और देविका कैब से हॉस्पिटल की तरफ निकल गयी।
हॉस्पिटल
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यशिका और देविका कैब से उतर कर तेज कदमों से सीधे 502 रूम की तरफ बढ़ गयी। यशिका रूम के सामने आ ले रुक गयी, देविका ने उसका हाथ पकड़ा और अपनी आँखों की पलकों को झपका दिया । यशिका ने रूम में नॉक किया ।
“कम इन ” यशिका और देविका एक साथ हैरान थी ये आवाज़ जानी पहचानी थी । यशिका ने देविका की तरफ देखा ” मिस्टर रंधावा की आवाज है ना ये उसने देविका से धीरे से कहा तो देविका ने हाँ में आपना सिर हिला दिया ।
तभी “कौन है “? कहते हुए अंदर वाले शख्स ने दरवाज़ा खोला और उसकी आँखें खुली रह गयी, उसने दरवाज़ा वापस से बंद कर दिया
यशिका ने फिर से दरवाज़े पर नॉक किया और बोली ” मिस्टर रंधावा दरवाज़ा खोलिए प्लीज़।
अन्दर शौर्य था वो सामने लेटे हुए अमित शाह को देख रहा था जो अभी सो रहे थे ।
शौर्य ने सांस भरी और दरवाज़ा खोल कर बाहर आ गया
वो हल्के से मुस्कुराया और बोला ” गुड मॉर्निंग आप दोनों यहाँ” ?
यशिका ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा ” आप यहाँ क्या कर रहे है “?
“वो मेरे एक रिलेटिव है यहाँ बस उन्हें ही देखने आया था ” ऐसा कह कर शौर्य इधर – उधर देखने लगा।
“कौन रिलेटिव है आपके”? देविका ने पूछा
“है जान पहचान के ” शौर्य ने कहा
“मिस्टर रंधावा आपके रिलेटिव का नाम अमित शाह है “? यशिका से अब रहा नहीं गया उसने सीधे ही पूछ लिया
शौर्य ने उसकी तरफ देखा वो कुछ बोलने ही वाला था कि यशिका ने फिर कहा ” झूठ बोलने की जरूरत नहीं है आपको , आप दरवाज़े से हटें मुझे सर से मिलना है “
“वो सो रहें हैं,अभी कुछ देर पहले ही उनके नींद आयी है”
“क्या सर को “? देविका आगे बोले नहीं पायी
“हम्मम थर्ड स्टेज ” शौर्य ने कहा
यशिका ने ये सुनते ही अपनी आँखें बंद कर ली , उसकी आँखों में आंसू आ गए
शौर्य ने उसे और देविका को बाहर रखी हुई चेयर पर बिठाया ।
यशिका कुछ बोल नहीं रही थी
“ये सब कब हुआ ?”कुछ देर बाद यशिका ने पूछा
शौर्य ने याद करते हुए कहा ” मुझे भी कुछ दिनों पहले ही पता चला “
फ्लैशबैक
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शौर्य को वो दिन याद आ गया जब अभिमन्यु के साथ बात करते – करते वो अचानक एक मेसेज देख कर वो कही चल गया था , वो अमित शाह का मेसेज था जिन्होंने शौर्य को अपने घर मिलने के लिए बुलाया था ।
शौर्य जब उनके घर पहुँचा तो वहां दिनेश भी थे
अमित शाह ने शौर्य को सारी बात बतायी… और यशिका का साथ देने के लिए बोला , शौर्य ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो यशिका का और उनकी कंपनी का ध्यान रखेगा शौर्य ने कंपनी के मर्जर की बात तभी अमित शाह से की थी लेकिन तब तक अमित शाह प्रकाश को सब बता चुके थे और पेपर्स रेडी करने के लिए बोल दिया था
एक पेपर में जो अभी यशिका को नहीं मिला था उसमें अमित शाह ने अपने सारे शेयर्स शौर्य को दे दिए थे और उन्हें सही मौके पर इस्तेमाल करने के लिए बोला था ।उसने यशिका को बताया कि अमित शाह ने खुद उसे घर बुलाया था और सब बताया , शौर्य ने उसे बस इतना ही बताया था शेयर्स वाली बात यशिका को नहीं बताई थी।
यशिका और देविका बस शौर्य की कही हुयी बातों को सुन रही थी , यशिका की आँखों में आंसू थे जो अब बहने लगे थे , उसने कहा ” सर मुझे अपनी कंपनी दे सकते है लेकिन उनकी तबियत खराब ये नहीं बता सके वो उठी और रूम में जाने के लिए बढ़ी… शौर्य ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका और बोला “
आप बैठो यहाँ , प्लीज़ , यशिका ने शौर्य की तरफ देखा और बैठ गयी शौर्य उसने सामने घुटनों के ऊपर बैठ गया उसने दोनों हाथों से उसके हाथों को पकड़ा और बोला ” यशिका मैं महसूस कर सकता हूँ कि आपको कितनी तकलीफ़ हो रही होगी , और आप मिलना भी चाहती हो उनसे , लेकिन वो आपको नहीं बताना चाहते कि उनकी तबियत ख़राब है , तो आप उनको पता भी मत चलने दो कि आपको पता है उनके बारे में , शायद वो चाहते ही नहीं है आपको पता चले “
यशिका ने शौर्य की तरफ भरी हुई आँखों से देखा
शौर्य ने फिर कहा ” कभी – कभी हमें जिससे लगाव होता है हम उसे उन सब बातों से दूर रखना चाहते है जो उसे तकलीफ़ दे , कोई तो बात होगी न जो वो आपको नहीं बताना चाहते “
यशिका शौर्य की बातों को समझ रही थी .. उसने अपना सिर हिला कर हाँ कहा शौर्य उठा और उसके पास बैठ गया उसने साइड से यशिका को पकड़ा और बोला ” बी ब्रेव ” और देविका को बोला कि आप बैठो यहाँ मै सर को देख कर आता हूँ।
यशिका देविका को पकड़ कर रोने लगी देविका की आँखों से भी आंसू बहे जा रहे थे ।
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धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©®