तुम सा नहीं देखा भाग – 12 – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

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अब तक अपने पढ़ा :

अमित शाह ने जो  मीटिंग यशिका को अटेंड करने के बोली थी वो उसे अच्छे से हैंडल कर लेती है , यश को एक ऑर्डर मिलता है और अपनी टीम के साथ वो उसे पूरा करने में लग जाता है

अब आगे :

उत्सव के ऑफिस में

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गुंजन के कहने पर यश अपने क्लाइंट से बात करता है …और उनको समझाने की कोशिश करता है , वो क्लाइंट यश की बात ना मान कर उसी मैटेरियल पर काम करने के लिए बोलते है । यश ये बात सबको बताता है … लेकिन गुंजन की बात को ध्यान में रख कर सब यही डिसाइड करते है कि हम दो अलग – अलग मैटेरियल पर काम करेंगे… गुंजन यश को कहती है कि आप एक दिन बाद उस क्लाइंट को बुला ले वो खुद ही देख लेंगे ।

यश वैसा ही करता वो अपने क्लाइंट से बात करता है और वो आने के लिए रेडी हो जाते है ।

दिनेश यशिका को ऑफिस संभालने में मदद कर रहा था और यशिका को ये समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अमित शाह गए कहां?

उसने दिनेश से कई बार पूछा लेकिन उसने नहीं बताया बस इतना कहा जब तक सर आ नहीं जाते इस कंपनी को आपको ही देखना है

ऑफिस में यशिका सारे दिन काम में मसरूफ थी शाम हो चली थी उसे याद ही नहीं रहा कि शौर्य उसे थे रॉयल्स में बुलाया था वो घर जाने के लिए निकली ही थी कि उसके फोन पर शौर्य का मेसेज आया सी”मै आपका वेट रॉयल्स में कर रहा हूँ “यशिका ने मैसेज देखा उसे थोड़ा गुस्सा आया उसने कैब को बुलाया और द रॉयल्स के लिए निकल गयी ..

द रॉयल्स

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शौर्य यशिका का इंतजार कर रहा था एक वेटर यशिका को शौर्य के पास ले गया शौर्य यशिका को देख कर मुस्कुरा कर खड़ा हो गया  और उसे बैठने का इशारा किया

यशिका बैठ गयी और उसने पूछा  “क्यों बुलाया है आपने “?

“यूँ ही आपसे बात करने के लिए थोड़ी जान पहचान बढ़ाने के लिए “

“क्यों मुझसे जान पहचान बढ़ा के क्या करेंगे आप “

“आपसे शादी जो करनी है ” शौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा

“ये बकवास बंद करेंगे आप ,”

” नहीं ये बकवास बिल्कुल भी नहीं है “

“देखिए मिस्टर रंधावा मुझे इन सब बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं है “

“कोई ब्वॉयफ्रेंड है आपका ?”

“यशिका ने घूर कर उसकी तरफ देखा “

“मतलब नहीं है ना?” शौर्य ने जरा ज़ोर देकर कहा

“मिस्टर रंधावा आप इतने बड़े बिजनेस टाइकून है आप इस तरह की बातें कैसे कर सकते है ? आपको प्रोजेक्ट नहीं मिला तो आप इस तरह की हरकतें करेंगे “?  आप एक बात अच्छे से समझ लीजिए मुझे आपमें या आपकी कंपनी में कोई भी इंटरेस्ट नहीं है और मै आपकी कंपनी में बिलकुल भी काम नहीं करना चाहती “

“मुझे मालूम है ” शौर्य ने बड़े आराम से कहा

“जब मालूम है तो यहां बुलाने की और ये सब बोलने की क्या वजह है “?

“पता नहीं बस दिल किया आपसे मिलूं इसलिए आपको बुलाया “

यशिका ने गुस्से से शौर्य की तरफ देखा तो शौर्य मुस्कुरा रहा था

“आपके पास कोई काम नहीं है क्या ?”या आप अब ये सब करेंगे किसी का पीछा करना और ऐसे जबरदस्ती करना “?

शौर्य हंसा और बोला ” बहुत क्यूट हो आप ?” मैं शौर्य रंधावा हूँ  लोग तरसते हैं मुझसे मिलने के लिए , मुझे किसी का भी पीछा करने की जरूरत नहीं है लोग मेरे पीछे भागते है ….खैर छोड़िए क्या लेंगी आप ?

“इजाज़त जाने की ” कह कर यशिका उठ गयी और जाने लगी

“वो मै अभी नहीं दे सकता “

“मतलब “?

“मतलब ये कि मैं चलूंगा आपको छोड़ने आपके घर तक “

“कोई ज़रूरत नहीं है मै चली जाऊंगी “

“उस दिन अमित शाह के कहने पर आप उनकी गाड़ी में बैठ कर जा सकती है तो मेरे साथ क्यों नहीं जा सकतीं “?

“क्या कहना चाह रहे है आप “? यशिका ने पूछा

“अमित शाह के साथ आप कही भी आ जा सकती है उनकी एब्सेंस में मीटिंग अटेंड कर सकती हैं तो मेरे साथ क्यों नहीं जा सकतीं “?

यशिका ने उसकी तरफ देखा और उसे हंसी आ गयी उसने कहा ” तो ये बात है आपने ये सब कहने के लिए मुझे यहां बुलाया है …वैसे आपको क्यों फर्क पड़ रहा है ? मै किसी से साथ भी जाऊं या रहूं “

शौर्य उसके नज़दीक आया यशिका पीछे होने लगी शौर्य ने उसकी कमर में हाथ डाला और उसे अपनी तरफ खींच लिया”  छोड़े आप मुझे” यशिका उस से छुड़ाने की कोशिश करने लगी शौर्य ने कहा ” मुझे फर्क पड़ता है पता नहीं क्यों लेकिन पड़ रहा है ….

यशिका ने उस से हाथ छुड़ाया और उसे पीछे कि और धकेलते हुए बोली ” बस मिस्टर रंधावा मै कुछ बोल नहीं रही हूं तो आप ज़्यादा ही बोल रहे है ये आपकी ज़ोर जबरदस्ती मुझ पर नहीं चलेगी समझे आप “

शौर्य हंसा और बोला ” मैने अभी ज़बरदस्ती की ही कहा है मै कुछ करने पर आऊं तो सब ले सकता हूँ कुछ ऐसा नहीं जो मै पा नहीं सकता “

“ये टेंडर तो नहीं मिला आपको ? बड़े आए कहने वाले की ऐसा कुछ नहीं जो मै पो नहीं सकता ,….और मै आपके साथ नहीं जाने वाली समझे आप “?

नहीं समझा .. और आपको छोड़ने तो मैं ही चलूंगा। शौर्य ने अपना मास्क लगाया और ग्लासेस पहन लिए। उसने यशिका का हाथ पकड़ा और बोला, यहां कोई तमाशा नहीं। अगर किसी को पता चल गया कि मैं आपके साथ हूं, तो मीडिया वाले आपको परेशान करेंगे। शौर्य ने  ड्राइवर को कॉल किया और पार्किंग में गाड़ी लाने के लिए बोल दिया , ड्राइवर गाड़ी लेकर आया शौर्य ने यशिका को अपने घर का पता बताने के लिए बोला और ड्राइवर यशिका के घर की तरफ चल दिया । रस्ते में शौर्य यशिका से कुछ भी नहीं बोला । उसे घर छोड़ा और वापस रंधावा मेंशन आ गया ।

श्री निवास अपार्टमेंट

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यशिका घर पहुंची तो गुंजन नहीं थी और न ही देविका अभी तक आयी थी उसने अपना बैग सोफे पर फेंका और बड़बड़ाती हुई वॉशरूम में चलो गई।

यशिका गुस्से में थी उसने खाना बनाया और बैठ गई उसे रह रह कर आज की सारी बातें याद आ रही थी

गुंजन और देविका कुछ देर में आ गई खाना खाते खाते गुंजन ने आज जो सब हुआ वो यशिका और देविका को बताया

देविका देख रही थी कि यशिका फिर से कुछ परेशान खाना खाने के बाद देविका ने कॉफी बनाई और ले कर यशिका के पास गई

” यशी आज फिर कुछ हुआ है”?

” ये शौर्य रंधावा सिर दर्द हो गया है मेरे लिए आज मै गई थी उसे समझाने कह कर उसने सब बताया ,अब उसे इस बात से भी प्रॉब्लम है कि मै अमित सर के साथ क्यों जा रही हूँ “?

“लगता है टेंडर ना मिलने से दिमाग घूम गया है उसका “

“हाँ सही बोल रही हो बस किसी भी तरह मुझे आपने साथ रखना है उसे , उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े ..एक तो ये सर पता नहीं कहां चले गए है ? मेरा काम नहीं है ये कंपनी को मैनेज करना “

“उनके सेक्रेट्री ने कहा ?”

“वो बात ही नहीं करवा रहे मेरी बोल रहे है अभी सर से बात नहीं कर सकते “

“क्यों “

“पता नहीं” अरे कंपनी तो मै फिर भी देख लूंगी लेकिन ये शौर्य रंधावा इस बार इसने कुछ किया न तो मै इसकी कंप्लेंट कर दूंगी “

“चलो तुम थक गई हो सो जाओ उसे फिर देख लेंगे “

ह्म्म कह कर यशिका और देविका वही लेट गई ।

कुछ दिन सब ठीक रहा ना ही शौर्य ने यशिका को कॉल किया ना मेसेज यशिका ऑफिस संभालने में बिज़ी थी इस बीच रघुवीर जी ने शौर्य और अभिमन्यु से बात की और उनको कुछ और एम्प्लॉयज को रखने के लिए बोला ।

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टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के वी आई.पी. रूम में एक शख्स बेड पर लेता हुआ था जिसे स्लाइन लगी हुई थी

पास में एक डॉक्टर थे जो उसको देख रहे थे और नर्स को आगे क्या करना है वो बता रहे थे

तभी नॉक करके दिनेश अंदर आया

उसने डॉक्टर को सर झुका कर हैलो बोला और पूछा ” अब इनकी तबियत कैसी है “?

“थोड़ी बैटर है ” डॉक्टर ने कहा

बेड पर लेते हुए शख्स ने कहा ” अब मुझे कोई चिंता नहीं कुछ भी हो जाए “

“अमित सर आप ऐसे क्यों बोल रहे है? “दिनेश ने कहा

बेड पर लेटा हुआ वो शख्स कोई और नहीं अमित शाह थे जो कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे वो भी थर्ड स्टेज।

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