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अब तक अपने पढ़ा:
“एस. एस.का नया ब्रांड उत्सव का लॉन्च हो जाता है जहां एक बार फिर शौर्य और यशिका की मुलाक़ात होती है…दिनेश यशिका को मीटिंग अटेंड करने के लिए बोलता है
अब आगे :
शाह ग्रुप के ऑफिस में
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यशिका दिनेश के साथ फाइल लेकर अमित शाह के केबिन में आ जाती है …. और फाइल देखने लगती है
बीच में वो दिनेश की है बातें डिस्कस भी करती है ….कुछ देर बाद दिनेश उसे वहीं छोड़ कर चला जाता है
दोपहर में लंच के बाद दिनेश ने केबिन में नॉक किया और अंदर आ गया
“मैम सब आ चुके है आपका वेट कर रहे है आप रेडी है ” दिनेश ने पूछा
“हाँ भी और नहीं भी “यशिका थोड़ा परेशान होते हुए कहा
“आप क्यों परेशान है आप फाइल देख ली ना और मै हूँ आपकी हेल्प के लिए “
“आप सर से मेरी बात करा सकते है”?
“नहीं मैम उन्होंने फोन करने के लिए मना किया है”
“ठीक है … चलिए फिर “
मीटिंग रूम के बाहर आकर यशिका रुक गयी उसने एक पल के लिए अपनी आँखें बंद की और एक मुस्कुराहट के साथ कमरे में दाखिल हुई
दिनेश ने सबको पहले ही बता दिया था कि आज की मीटिंग अमित शाह की जगह यशिका लेने वाली है
सबने यशिका की तरफ देखा यशिका बीच में रखी हुयी कुर्सी पर जाकर बैठ गयी
“तो हम मीटिंग शुरू करते है और मै पहली बार ऐसे मीटिंग कर रही हूँ तो उम्मीद करती हूँ आप मेरा साथ देंगे “
उनमें से एक जिनका नाम दिवाकर था वो बोले ” हमें आपकी काबिलियत पर भरोसा है और आप काम पर भी और आप अच्छा ही करेंगी बाकी हम सब है ही अपना अपना सजेशन देने के लिए “
मीटिंग शुरू हुई यशिका ने फाइल में जो भी लिखा था उसी की अनुसार बात की और सबकी बात सुनी भी
कुछ देर में मीटिंग ख़त्म हुई, यशिका ने बहुत अच्छे से सब कुछ हैंडल किया सबसे मिल कर यशिका वापस से अमितशाह के केबिन में आ गई
“मैम आपने बहुत अच्छे से सब हैंडल किया ” दिनेश ने कहा
“ह्म्म ..सब लोगों के कॉपरेशन से हो पाया ये “
” मैम दो दिन बाद वाली मीटिंग भी आपको ही अटेंड करनी है ” दिनेश ने कहा
“क्यों कल तो सर आ जाएंगे ना ” यशिका ने कहा
“नहीं अभी वो नहीं आयेंगे “
“दिनेश जी ये मै रोज रोज नहीं कर सकती ये मेरा काम नहीं है “
“लेकिन सर को आप के ऊपर भरोसा है इसलिए तो आपसे बोला उन्होंने “
“मेरा काम अलग है और ये सब अलग चीज है मै नहीं कर पाऊंगी ये सब आप समझने की कोशिश कीजिए “
“जब तक सर नहीं आ जाते तब तक तो आप ही को सब देखना पड़ेगा “
“दिनेश जी इसलिए तो मै कह रही हूँ कि सर से मेरी बात करवाइए “
“अभी तो नहीं करवा सकता मै उनका फोन स्विच ऑफ है …”
“आप मुझे उनका नंबर दे दीजिए मैं खुद ही उनसे बात कर लेती हूँ”
“वो उन्होंने किसी को भी नम्बर देने के लिए मना किया है”
“किसी को नहीं आप मुझे नंबर दे रहे है “
“सॉरी मैम सर ने मना किया है ,और ये फाइल है दो दिन बाद जो मीटिंग होने वाली है उसकी “
फाइल रख कर दिनेश जाने लगा तो यशिका ने कहा ” कुछ हुआ है क्या दिनेश जी ?
दिनेश उसकी तरफ घूमा और बोला ” नहीं कुछ भी तो नहीं “
“ह्म्म … ठीक है आप जा सकते है “यशिका ने कहा
दिनेश के जाने के बाद यशिका ने फाइल देखी तो वो “ड्रीम फ्रेम कंस्ट्रक्शनस” की फाइल थी
“अब इनको क्या मीटिंग करनी है अभी तो सब हुआ है फाइनल “उसने मन में ही सोचा
शाम को यशिका ऑफिस से घर आकर फाइल देखने लगी उसने कुछ पॉइंट्स कुछ नोट किए ।
दो दिन बाद शाह ग्रुप के मीटिंग रूम में सब बैठे हुए थे आज बाकी बोर्ड मेंबर्स के साथ शौर्य और अभिमन्यु भी आए थे
कुछ देर में यशिका दिनेश के साथ रूम में आयी उसने सबको हैलो बोला और बैठ गयी
शौर्य उसके पास वाली साइड चेयर पर बैठा हुआ था
यशिका ने बोलना शुरू किया ” ड्रीम फ्रेम कंस्ट्रक्शनस ” को लेकर आपको जो भी बात करनी है आप कर सकते है
वैसे जब कोलैबोरेशन के पेपर्स साइन हुए थे तो सब कुछ डिस्कस करके ही हुए थे फिर अब क्या प्रॉब्लम आ रही है ?”
“मैटेरियल को लेकर ” शौर्य ने कहा
“मैटेरियल तो आप की कंपनी से ही आयेगा जैसा कि डिसाइड हुआ है इसमें लिखा भी है ” यशिका ने कहा
“हाँ.. लेकिन हम जिनसे मैटेरियल लेते थे फिलहाल उनके पास उतना नहीं है और हमें दूसरे से लेना पड़ेगा ” शौर्य ने फिर कहा
“तो फिर प्रॉब्लम क्या है ले लेंगे काम नहीं रुकना चाहिए “? यशिका ने कहा
“प्रॉब्लम ये है कि हमें पता नहीं है कि वो कैसा मैटेरियल देंगे ” अभिमन्यु ने कहा
“तो चेक करवाइए आपकी कंपनी से किसी को भेज कर “
यशिका ने कहा
“बिना चेक करे तो हम लेंगे ही नहीं ना अभी तो चेक कर लिया लेकिन बार बार तो ये सब नहीं कर सकते ना और काम भी रोक नहीं सकते ” शौर्य ने कहा
यशिका कुछ सोचने लगी और बोली “जिनसे आप मैटेरियल लेते है वो कितने दिन में अरेंज कर देंगे बाकी का “?
“ठीक ठीक तो नहीं पता लेकिन शायद एक महीना लगेगा उसके बाद कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी ” शौर्य ने कहा
“तो क्यों ना इस एक महीने हम काम को थोड़ा स्लो कर दें सिर्फ एक महीने की ही तो बात है उसके बाद हम उसे स्पीड से करेंगे या फिर सीधे एक महीने के बाद ही काम शुरू करें आप सब क्या कहते है “
शौर्य ने अभिमन्यु और बाकी सबकी तरफ देखा …और बोला ” काम बंद तो नहीं करेंगे हाँ ये स्लो करने वाला ऑप्शन ठीक है हम कर सकते है “
बाकी मेंबर्स को भी ये बात ठीक लगी सबने इसी बात का समर्थन किया
यशिका ने राहत की सांस ली कुछ देर में और भी बातें डिस्कस करके सब लोग चले गए
यशिका जाने लगी तो शौर्य उसके सामने आ गया और बोला ” आप मुझे अवॉइड कर रही है “
” मिस्टर रंधावा मीटिंग ख़त्म हो गई है “
वो ये कह कर जाने लगी तो शौर्य ने उसका हाथ पकड़ लिया “
शौर्य उसके पास आया और बोला ” आप उस दिन वाली बात से नाराज़ है इसलिए अवॉइड कर रहीं ही मुझे “
“मै कब आपको अवॉइड कर रही हूँ ?अभी तो बात की मैने …आपके साथ ही सब डिस्कस किया मैने “
“मतलब आप नाराज़ नहीं हैं”?शौर्य ने कहा
“आप मेरा हाथ छोड़ेंगे “?
“छोड़े दूंगा … लेकिन आप मेरी बात का जवाब दे पहले ?”
“किस बात का जवाब “?
“यही की आप नाराज़ नहीं है “
“आपकी फिजूल की बात के लिए मेरे पास समय नहीं है आपको कुछ काम नहीं होंगा लेकिन मुझे है ” यशिका ने अपना हाथ झटका शौर्य ने बहुत मजबूती से उसका हाथ पकड़ा हुआ था उसने यशिका को अपनी तरफ खींचा और उसकी आँखों में देखते हुए बोला ” कल शाम ऑफिस के बाद ” द रॉयल्स ” में आपका इंतजार करूंगा “
यशिका शौर्य की आँखों में देख रही थी शौर्य ने उसका हाथ छोड़ा यशिका से दूर हुआ और मुस्कुराता हुआ कमरे से बाहर निकल गया ।
यशिका ने अपने सिर को झटका और अपनी तेज चलती हुई सांसों को काबू में किया उसने टेबल पर रखा हुआ पानी पिया थोड़ा नॉर्मल हुई और कमरे से बाहर निकल गई।
“उत्सव” के ऑफिस में “
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यश को बहु बड़ा ऑर्डर मिला और वो अपनी सारी टीम के साथ बैठ कर कुछ डिजाइंस देख रहा था जिन्हें फाइनल करना था मैनिक्विन पर सब लोग डिजाइंस को लगा कर दिखा रहे थे लेकिन गुंजन अलग ही सोच में बैठी थी
यश ने उसे पुकारा ” मिस गुंजन आप क्या सोच रहीं है “?
गुंजन ने सुना ही नहीं वो कहीं और ही देख रही थी
यश ने फिर पुकारा ” मिस गुंजन “
“एस सर” गुंजन ने हड़बड़ा कर कहा
“क्या सोच रहीं है आप “?
“सर ये डिजाइन इस मैटेरियल पर नहीं बन सकता जो क्लाइंट ने दिया है “
“बाकी सब उसकी तरफ देखने लगे “
“क्यों नहीं बन सकता “?
“सर हर ड्रेस के लिए मैटेरियल अलग होता है अगर हम कोशिश भी करेंगे तो ये जो डिजाइंस है इस कपड़े पर अच्छे नहीं लगेंगे हमारी सारी मेहनत बेकार हो जाएगी ।
“लेकिन क्लाइंट को ये ही चाहिए ” उनमें से एक ने कहा
“वो इसलिए कि ये मैटेरियल थोड़ा सस्ता है हम अगर इसे बना भी देंगे तो भी कस्टमर्स को पसंद नहीं आएगा “”इसके लिए ये डिजाइन चाहिए गुंजन ने अपना बनाया हुआ स्केच दिखाया “
“हम क्लाइंट की डिमांड के अनुसार ही काम करेंगे ना “? उनमें से एक जिसका नाम कबीर था उसने कहा
“हाँ उनकी डिमांड को ध्यान में रखना है .. हम उन्हें यही डिजाइन दूसरे मैटेरियल पर बना के दिखा देते हैं “
” सर वो नहीं मानेंगे मेरी बात हुई थी उनसे उनको ये ही मैटेरियल चाहिए और ये ही डिजाइन” कबीर ने फिर कहा
“अब उनको ये ही चाहिए तो हम क्या सकते है ?”यश ने कहा
“उनको कन्वेंस कर सकते है सही बात बता कर …सर हमारी इतनी मेहनत बेकार हो जाएगी आप एक बार उनसे बात करके देखिए या फिर हम उनको दोनों डिज़ाइन बना कर दिखा देते है हमें एक दिन का टाइम दीजिए आप ” गुंजन ने कहा
“ठीक है मै बात करके देखता हूँ” यश ने कहा
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धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर ©