अब तक अपने पढ़ा : यशिका पार्टी से लौट कर अपने घर आ जाती … शौर्य यशिका से मिलने के लिए कहता है लेकिन यशिका मना कर देती हैं ।
अब आगे :
यशिका के मना करने पर शौर्य कुछ सोचने लगा
“अब क्या? उसने तो मना कर दिया किसी को जबरदस्ती तो ज्वाइन नहीं करा सकते ना ” अभिमन्यु ने कहा
शौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा, “वो कहावत सुनी है ना ? ‘एवरीथिंग इज़ फेयर इन लव एंड वार’ तो अब यह एक जंग है मेरे लिए यशिका को यहाँ लाने के लिए।”
“क्या बेकार की बातें कर रहे हो तुम “?
“बेकार तो बेकार सही लेकिन यशिका अगर शाह ग्रुप में रही तो हमारे किए ठीक नहीं होगा “
“कोई ज़रूरी है कि अगर ये प्रोजेक्ट चल गया तो बाक़ी भी चले जाएं “
” ज़रूरी नहीं लेकिन हम रिस्क नहीं ले सकते …तुमने उसके बात करने का अंदाज नहीं देखा ….इतना कॉन्फिडेंस और वो बाउजी की बात का जिस तरह से जवाब दे रही थी वो कबीले तारीफ था ….वरना बाउजी किसी की तारीफ करे ऐसा हो सकता है कुछ तो बात है उसमें ” शौर्य ने कहा
“तो अब क्या करोगे “? अभी अभिमन्यु ने पूछा
“अभी तो मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूंगा फिलहाल तो यशिका से बात करूंगा और एक मीटिंग के लिए बोलूंगा ” शौर्य ने कहा
“ह्म्म ठीक है कर लो कोशिश …मै चलता हूँ “अभिमन्यु ने कहा
“विश मी गुड लुक ” शौर्य ने कहा
अभिमन्यु मुस्कुरा कर शौर्य के केबिन बाहर निकल गया
शौर्य ने अपने सिर को झटका और अपनी चेयर पर बैठ गया उसने फोन में यशिका का नंबर सेव किया और उसको मैसेज किया
हैलो ….शौर्य रंधावा हेयर
हाउ आर यू .?
शौर्य यशिका के मेसेज का रिप्लाई आने का वेट करने लगा
यशिका ऑफिस में कुछ काम कर रही थी उसने एक नज़र फोन की तरफ देखा अननोन नंबर से मेसेज था उसने मेसेज देखा एक मिनट सोचा और जवाब दिया
“हैलो “
“आई एम फाइन “
“हाउ आर यू ?”
” गुड…. क्या हम मिल सकते है” ? शौर्य ने पूछा
“मैने आपके सेक्रेट्री को बता दिया था कि मैं आपसे नहीं मिलना चाहती ” यशिका ने रिप्लाई किया
“लेकिन क्यों “?शौर्य ने फिर मेसेज किया
“क्योंकि आप मुझे रंधावा ग्रुप ज्वाइन करने के लिए बोलेंगे और मुझे नहीं करना ” यशिका ने गुस्से वाला इमोजी बनाया
“अगर मै कहूँ की मैं ऐसा कुछ नहीं कहने वाला “
एक मिनट के लिए यशिका शौर्य के मेसेज को देखने लगी फिर उसने रिप्लाई किया ” फिर क्यों मिलना हैं आपको अभी कल ही तो मिले थे हम “?
“बस उसी मुलाक़ात को बढ़ाने के लिए आपके ऑफिस के बाद कॉफी पर मिलते है आपकी पसंद की जगह पर “
“मै आज बिज़ी हूँ”
” तो कल मिल लेते है आप बता देना जगह मै पहुँच जाऊंगा “
“मै सारे वीक बिज़ी हूँ “
“तो मै शाह ग्रुप के ऑफिस में ही आ जाता हूँ वहीं मिल लेते है वैसे भी अब वो हमारे पार्टनर है तो मै आ सकता हूँ “
अजीब जिद्दी है यशिका ने सोचा ” नहीं नहीं आप यहाँ मत आइए “
शौर्य ये मेसेज देख कर मुस्कुरा दिया
उसने फिर पूछा ” आपका ऑफिस कितने बजे तक है मैं आपको वहीं से पिक कर लेता हूँ “
“हम सैटरडे मिल सकते है “? यशिका ने कहा
शौर्य ने मैसेज देखा और रिप्लाई में ओके लिखा
यशिका ने राहत की सांस ली वो मिलना चाहती ही नहीं थी लेकिन जैसे शौर्य ने उस से बात की थी उसे लग रहा था कि उसे मिलना तो पड़ेगा ही
शौर्य को समझ आ गया था कि यशिका बहाना बना रही है फिर भी उसने सचिन को बुला कर द रॉयल्स में टेबल बुक करने के लिए बोल दिया था ।
दो दिन बाद कमला सदन
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शौर्य अभिमन्यु के साथ उसके घर आया था ।
यश अपने कमरे में लैपटॉप पर नए प्रोडक्ट के लॉन्च होने की लास्ट प्रिपरेशन देख रहा था
अभिमन्यु ने उसके कमरे में नॉक किया और शौर्य के साथ अंदर आ गया
यश ने शौर्य को देख तो वो उठा और मुस्कुराते हुए शौर्य के गले लगते हुए बोला “शौर्य भाई कैसे हो आप ?”
“ठीक है हम तुम बताओ एक बार भी तुम आए नहीं मिलने “
उसने आप सिर पर हाथ रखते हुए कहा ” इतना काम हैं मुझे तो पता ही नहीं था कि किताब ज्ञान और रियल वर्ल्ड में इतना फर्क होता है वहां तो किसी तरह पढ़ कर काम चल जाता है लेकिन यहाँ तो उफ्फ इतना देखना पड़ता है “
” हाँ ऊपर से इनकी बुद्धि मोटी है “अभिमन्यु ने हँसते हुए कहा
“क्या मोटी बुद्धि ?, क्यों भाई ऐसा क्या हो गया ? और वैसे भी डोंट वरी हम सब है न तो तुम्हे फिक्र करने की क्या जरूरत है ” शौर्य ने कहा
“फिक्र तो होगी ना इतना इन्वेस्टमेंट हुआ है तो रिजल्ट अच्छा आना चाहिए ” यश ने कहा
“हाँ ये बात तो है ” शौर्य ने कहा
“वैसे कांग्रेचुलेशंस आपको वो प्रोजेक्ट मिल ही गया मै तो बोला ही था कि आप कुछ ना कुछ कर ही लेंगे “
“नहीं यश मिला नहीं है वो एक तरह का समझौता ही है और मुझे अब आगे की फिक्र है ” शौर्य ने थोड़ा उदास होते हुए कहा
“अरे भाई हमेशा थोड़ी होगा ऐसा ,,,,यश की इस बात पर शौर्य मुस्कुरा दिया
“खैर छोड़ो तुम बताओ कुछ हेल्प चाहिए “
“फिलहाल तो नहीं सब हो ही गया है कल मुझे स्टाफ से मिलना ही और कुछ नए एम्प्लॉय भी है इस बार हम खुद ही डिजाइन कर रहे है आई होप नए एम्प्लॉयज मेरा साथ दें और हम एक अच्छी टीम लेकर मार्केट में उतरे”
शौर्य ने सिर हिला कर हाँ कहा
तभी एक नौकर ने आकर बताया कि सब खाने पर इंतजार कर रहे है वो तीनों डाइनिंग एरिया में आ गए जहाँ
सिद्दार्थ और नीता उनका इंतजार कर रहे थे
“शौर्य …कैसे हो बहुत दिन बाद आए हो तुम ….? बैठो साथ में डिनर करते है ” नीता ने कहा
“मै अच्छा हूँ,, और डिनर के लिए थैंक्स वो अम्मा इंतजार के रही होंगी “
“अरे आज हमारे साथ डिनर कर लो अम्मा जी को मै फोन कर देती हूँ “
“भाई बैठिए ना ” यश ने कहा
शौर्य बैठ गया और उसने घर फोन कर के बता दिया कि वो डिनर कर के आयेगा
डिनर के बाद शौर्य जाने लगा तो अभिमन्यु ने पूछा ” मै पूछना ही भूल गया तुमसे यशिका से बात हुयी “?
” ह्म्म हुयी तो है और मीटिंग का दिन भी फिक्स हुआ है “
“किस दिन “?
“सैटरडे”
“मतलब परसों “
“ह्म्म…लेकिन मुझे लगता नहीं है यशिका आयेगी …मुझे लगता है उसने बहाना बना दिया है ..या मै जो सोच रहा हूँ गलत भी हो सकता है “
“क्यों .. ?
“ऐसे ही लग रहा है मुझे …चलो देखते है “गुड नाइट कह कर शौर्य चल गया ।
श्री निवास अपार्टमेंट
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डिनर हो चुका था देविका ने अपना लैपटॉप बंद किया तो देखा यशिका बैठी हुयी कुछ सोच रही थी
“क्या हुआ क्या सोच रही हो तुम “?देविका ने पूछा
” आज शौर्य रंधावा का मेसेज आया था “उसने सांस भरते हुए कहा
“क्या “? शौर्य रंधावा का मेसेज ? गजब ..क्या बोल रहे थे”?
“वो मिलने के लिए बुला रहे था …और मुझे पता है वो क्यों बुला रहे है ..मै पहले ही उनके सेक्रेट्री से मना कर चुकी हूँ .. इस से भी बड़ी बात ये है कि मैं जब अभिमन्यु से मिलने गयी थी तो अमित सर को पता चल गया था ..उन्होंने कुछ कहा नहीं लेकिन फिर भी मैं नहीं चाहती कि ये सब हो “
” ह्म्म बात तो ठीक है तुम्हारी,, तो फिर तुम जाओगी ” ?
“फिलहाल तो मैने सैटरडे मिलने के लिए बोल कर बात को टाल दिया है बाक़ी सोचा नहीं , वो तो ऑफिस में ही मिलने के लिए आ रहे थे “
“ऑफिस में ?”
“हाँ बोले अब पार्टनर है तो मै आ सकता हूँ वहीं मिल लेंगे “
“शौर्य रंधावा ऐसा भी कर सकते है? ये तो कोई जैसे मजनू टाइप नहीं होते है पीछे पड़ गए है बच के रहना यशी “
“क्या तुम भी कुछ भी बोलती हो ?”
“गुन्नू कहाँ है ?
वो दूसरे कमरे में सो गयी है “
“चलो तुम भी सो जाओ ” यशिका ने कहा
“ह्म्म “कह कर देविका यशिका के साथ वहीं लेट गयी और कुछ देर में दोनों सो गयी ।
दो दिन बाद शाह ग्रुप की ऑफिस में
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जैसे – जैसे दिन ढल रहा था यशिका की बेचैनी बढ़ती जा रही थी ..वो कुछ सोच नहीं पायी थी कि अब क्या बहाना बनाएगी ? इस वक़्त चार बज रहे थे उसने अपना बैग लिया और ऑफिस से बाहर आ गयी ….. कैब ली और अपनी पसंदीदा जगह मैरीन ड्राइव पहुंच गयी…. उसने हेडफोन लगाया और समुंदर की तरफ घूम कर बैठ गयी उसने अपनी आँखें बंद कर ली ।
कुछ देर बाद उसने आँखें खोली और इधर उधर देखा उस से थोड़ी ही दूर पर उसे एक शख्स दिखायी दिया जो मास्क लगाए हुए था और ब्लैक सन ग्लासेज़ पहने हुए था था और उसी की तरफ देख रहा था यशिका ने दूसरी तरफ अपना मुंह घूमा लिया …और फिर झटके से घूमकर उसकी तरफ देखा उसकी आँखें बड़ी हो गई
“शौर्य रंधावा “
शौर्य उसके थोड़ा क़रीब आ गया और बोला ” हैलो “
“आप …आप .. आप यहाँ..? आपको कैसे पता मै यहाँ हूँ आप मेरा पीछे कर रहे थे “?
शौर्य ने समुंदर की तरफ देखते हुए हुए कहा ” मुझे पता था आप कुछ ऐसा ही करेंगी तो मुझे भी ऐसा करना पड़ा “
” मै आपसे नहीं मिलना चाहती “
“क्यों”
“क्योंकि मुझे पता है आप क्या कहेंगे और मैं आपकी कंपनी ज्वाइन नहीं करना चाहती मैने आपको पहले ही बताया है “
“और मैने भी कहा था कि मैं आपसे ऐसा कुछ नहीं कहने वाला “
“तो फिर और कोई वजह मुझे तो समझ नहीं आती “
” वजह तो कुछ भी हो सकती है
“जैसे कि वो वजह मुझे भी बताएं आप “?
“शादी करोगी मुझसे ? “शौर्य ने थोड़ा रुक कर कहा
” क्या ? होश में तो हैं आप “? मै आपकी कंपनी ज्वाइन करूं इसके लिए आप इस हद तक जाएंगे “?
शौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा ” आपने वजह पूछी मैने बता दी “
“मै जा रही हूँ ” यशिका ने कहा और वहाँ से उठ कर जाने लगी …
शौर्य अभी वहीं बैठा था यशिका ने जाते हुए उसकी तरफ पलट कर देखा
सूरज धीरे – धीरे समुंदर में समाता जा रहा था ।
क्रमशः