तुम सा नहीं देखा भाग – 5 -अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक अपने पढ़ा …

शौर्य और अभिमन्यु एक प्रपोजल ले कर अमित शाह से मिलने जाते है यशिका अपनी अभिमन्यु और अमित शाह से हुयी मीटिंग के बारे में देविका को बताती है

अब आगे ….

यशिका और देविका गुन्नू को एयरपोर्ट से लेने जाती हैं। वहीं, अभिमन्यु भी यश को लेने के लिए एयरपोर्ट पहुँचता है। गुन्नू, यानी गुंजन गुप्ता, यशिका की छोटी बहन है, जिसने बैंगलोर से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है। गुन्नू अपना सामान लेकर पार्किंग तक जाने वाली लिफ्ट के सामने खड़ी थी, लेकिन अचानक उसे धक्का लगा और उसका फोन हाथ से छूटकर नीचे गिर गया।

उसने फोन उठाया और पीछे खड़े हुए शख्स को देख कर बोली  बोली ” ओ मिस्टर ठीक से खड़े नहीं रह सकते क्या आप ?”

उस शख्स ने अपनी तरफ प्वाइंट करते हुए कहा ” आपने मुझसे कुछ कहा

“जी आपसे कहा ” आप ठीक से खड़े नहीं हो सकते आपकी वजह से मेरा फोन गिर गया “

“लेकिन मैने कुछ नहीं किया “उसने बोला

“अरे आपने नहीं आपकी ट्राली से मुझे धक्का लग गया और मेरा फोन गिर गया “

“ओह !! सॉरी”

“मोटी बुद्धि देर से समझ में आता है  ” गुंजन ने कहा

“क्या कहा आपने “?उस शख्स ने पूछा

“कुछ नहीं ” गुंजन ने कहा

“आपने मुझे कुछ कहा “

तब तक लिफ्ट आ गई

गुंजन ने जल्दी से अपनी ट्राली लिफ्ट के अंदर की उस शख्स ने भी अपनी ट्राली अंदर की और गुंजन को देख कर

बोला ” मोटी बुद्धि आपकी होगी “

“मुझे सब समझ में आता है एक ही बार में समझे आप ” गुस्सा होते हुए गुंजन ने कहा

लिफ्ट में सब उनकी तरफ देखने लगे तब तक पार्किंग में आकर लिफ्ट रुक गई

गुंजन ने अपनी ट्रॉली को आगे बढ़ाते हुए आगे गयी और लिफ्ट से बाहर निकल गई ….वो शख्स भी लिफ्ट में से बाहर निकला और घूर कर गुन्नू को देखने लगा

गुन्नू ने उसे मुंह बना कर देखा और आगे चलो गई

“पागल मोटी बुद्धि “वो बड़बड़ाई उसने अपना सिर झटका और यशिका ने जो उसे पार्किंग की जगह बतायी थी वहाँ तक आ गई सामने ही उसे यशिका खड़ी हुई दिखाई

“यशी दी “कहते हुए वो यशिका के पास आई और उसने उसे गले से लगा लिया

“यशी दी कैसी हो आप ?”

“बढ़िया “

“उसने देविका की तरफ देख कर कहा आप कैसी हो दी “?

“मै भी बढ़िया हूं  चलो बैठो अब “

ड्राइवर ने सामन रखा और वो तीनों कैब में बैठ कर निकल गई

अभिमन्यु यश के इंतजार में पार्किंग में खड़ा हुआ था… उसे यश आता हुआ दिखाई दिया तो अपना हाथ हिलाया उसके पास आकर वो यश बोल “कैसे हो भाई “?

“बस बढ़िया हूँ “

“क्या हुआ तुम्हारा मूड ख़रब लग रहा है “गाड़ी में सामन रखते हुए अभिमन्यु ने कहा

“अरे एक पागल लड़की मुझे मोटी बुद्धि का कह रही थी ” यश ने गुस्सा होते हुए कहा

“क्या मोटी बुद्धि “अभिमन्यु हंसकर बोला

“हाँ खुद होगी मोटी बुद्धि की “

“अच्छा छोड़ो ना तुम बैठो ” अभिनय ने कहा और दोनों गाड़ी में बैठ कर घर की तरफ निकल गए

अभिमन्यु ने कमला सदन के गेट पर आकर गाड़ी रोकी और वॉचमेन ने गेट खोल दिया। इसके बाद अभिमन्यु ने गाड़ी को अंदर ले जाकर पार्क किया। वह यश के साथ अंदर जाने लगा, जहां उन्हें सिद्धार्थ और नीता खड़े हुए दिखाई दिए। यश ने आगे बढ़कर दोनों के पैर छुए और नीता ने उन्हें गले से लगा लिया।

यश ने पूछा, “कैसे हैं आप दोनों?”

नीलिमा ने जवाब दिया, “देख लो, हम बढ़िया हैं।” यश मुस्कुरा दिया और सब अंदर आ गए।

सिद्दार्थ सिंह गारमेंट्स की दुनिया का एक जाना-माना नाम था  एस.एस .ग्रुप के फाउंडर थे उन्होंने कई ब्रांड्स को लॉन्च किया था, जो अच्छा प्रॉफिट दे रहे थे। अगले हफ्ते उनके नए ब्रैंड “उत्सव” का लॉन्च था, जिसका  सारा काम यश ने किया था। अब बस लास्ट मोमेंट्स के काम बाकी थे।

सिद्दार्थ ने यश से कहा ” तुम फ्रेश हो जाओ थोड़ा रेस्ट करो और कल ऑफिस जाना अपने स्टाफ से मिलना और कुछ नए एम्प्लॉय भी आयेंगे उनसे भी मिल लेना ।”

“ओहो !! आते ही आप ने तो यश का पूरा रूटीन सेट कर दिया उसे सांस तो लेने दें आप…  ” नीलिमा ने कहा

“सांस तो ले ही रहा है ये मम्मी ” अभिमन्यु ने हंसते हुए कहा

” अरे मैं तो बस बता रहा था ” सिद्दार्थ ने कहा

“आज तुम्हे जाना नहीं है अभिमन्यु “? नीता ने पूछा

“बस जा ही रहा हूँ अब हमें कौन पूछेगा ? इनका लाडला बेटा जो आ गया … वैसे मम्मी किसी ने अभी आपके बेटे को मोटी बुद्धि वाले की उपाधि से नवाज़ा है ” अभिमन्यु ने हंसते हुए कहा

“भाई ” यश ने उसे जोर से पुकारा

” किसने “? नीता  ने पूछा

” थी कोई पागल लड़की ” यश ने कहा

“पापा सोच लीजिए मोटी बुद्धि वाले को आप एक पूरा ब्रांड का  है चार्ज दे रहे है ” अभिमन्यु ने घर से बाहर जाते हुए कहा

सिद्दार्थ दुर्ग मुस्कुरा दिया ।

श्रीनिवास अपार्टमेंट

~~~~~~~~~~~~

कैब श्री निवास अपार्टमेंट के आगे आकर रुकीं।  तीनों कैब से उतरीं और सामान लेकर घर पहुँच गईं।

“गुन्नू मम्मी को कॉल कर दिया ” ?यशिका ने पूछा

“एयरपोर्ट से तो के दिया था अभी कर देती हूँ “कहते हुए गुंजन ने अपना फोन निकाला तो देखा उसके टेंपर ग्लास पर क्रैक आ गया था ” वो थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली “पागल कही का क्रैक आ गया फोन पर “

“क्या हुआ”  देविका ने पूछा

“अरे दी एक पागल था मुझे धक्का मारा और मेरा फोन गिर गया अब देखो क्रैक आ गया इसमें “

“कोई ना चेंज करवा लेना “

हाँ में गर्दन हिलते हुए गुंजन ने अपनी मम्मी से बात की ।

“दी अपने देखा मेरे जॉब का  “

“हाँ देखा सिद्दार्थ सिंह का ब्रांड है न्यू लॉन्च कर रहे है वैसे भी इनका बहुत नाम है  … बहुत अच्छी कंपनी है और ये शुरुआत है  तुम्हारे लिए बहुत अच्छा है “

“वैसे आज तुम थोड़ा रेस्ट कर लो शाम को चलेंगे घूमने ” देविका ने अपना बैग पैक करते हुए कहा और शाम को घूमने का बोल कर अपने ऑफिस चली गई । यशिका ने आज भी छुट्टी ली हुई थी ।

दो दिन बाद रंधावा के ऑफिस में

~~~~~~~~~~~~~~~~~~

सारे बोर्ड मेंबर्स बोर्डरूम में आए हुए थे  और सभी प्रोजेक्ट के बारे में बात कर रहे थे तभी रघुवीर जी , श्याम जी और सिद्दार्थ सिंह के साथ रूम में आए सिद्दार्थ  टेन परसेंट शेयर होल्डर थे कंपनी में

रघुवीर जी को देखते ही सब खड़े हो गए उन्होंने सबको बैठने का इशारा किया । शौर्य और अभिमन्यु भी बैठ गए ।

रघुवीर जी ने बोलना शुरू किया ” जैसा कि आप सब जानते है कि “भारतमाला ” प्रोजेक्ट हमारे हाथों से निकल गया और शाह ग्रुप को मिल गया है ..तो शौर्य और अभिमन्यु ने कुछ सोच है वो आप सब लोग सुने “

अभिमन्यु ने बोलना शुरू किया और बताया कि हम शाह ग्रुप को एक प्रपोजल दे कर आए है ….हम पूरा एक ऑफिस नया बनायेंगे एक नए नाम के साथ

सभी बोर्ड उसकी इस बात पर सोच में पड़ गए उनमें से एक ने अपना हाथ ऊपर किया

“जी दिवाकर सर बताएं क्या कहना चाहते है आप” अभिमन्यु ने पूछा

“प्रपोजल अच्छा है लेकिन अमित शाह मानेगा ये क्या गारंटी है ? और हम जो भी नाम कहेंगे वो उसे रिजेक्ट कर देगा ” दिवाकर ने कहा

“हमने उसके बारे में भी सोचा है “शौर्य ने उठते हुए कहा

” ये एकदम फेयर होगा हम ग्रुप का नाम लिख कर एक चिट निकलने के लिए बोलेंगे और जो चिट निकलेगी वहीं नाम होगा और सबको उसी के साथ रहना होगा ….हम पूरा स्टाफ चेंज कर देंगे कुछ उनके एम्प्लॉय और कुछ हमारे “

शौर्य की बात सुनकर बोर्ड मेंबर्स एक दूसरे से बात करने लगे तभी रघुवीर जी ने कहा अब वोटिंग टाइम आप अगर इस प्रपोजल के लिए रेडी है तो अपने हाथ खड़े कीजिए सबने अपने हाथ खड़े कर दिए ।

“शौर्य कोलेबोरेशन के पेपर्स रेडी करवाओ “रघुवीर जी ने कहा

शौर्य ने हाँ कहा वो और अभिमन्यु खुश थे बस अब अमित शाह के फोन का इंतजार था

शौर्य अपने केबिन में था और अभिमन्यु के साथ प्रोजेक्ट को लेकर कुछ डिस्कस कर रहा था तभी उसका फोन बजा उसने देखा तो अमित शाह का फोन था उसने अभिमन्यु को फोन दिखाया और बड़ी सी स्माइल के साथ फोन उठाया

“हैलो “

“हैलो यश आई होप मैने आपको डिस्टर्ब नहीं किया “

“नहीं सर आप बोलें “

” शौर्य मैने बात की अपनी टीम से बात की और हमें किसी के साथ तो काम करना है तो हम तैयार है आपके प्रपोजल साथ काम करने के लिए तुम देख लो कब मीटिंग रखी है “

“सर पेपर्स रेडी करने में एक दो दिन लग जाएंगे मै बताता हूँ आपको ” शौर्य ने कहा

ओके कह कर अमित शाह ने फोन कट कर दिया

शौर्य मुस्कुरा रह था और अभिमन्यु भी।

क्रमशः

Leave a Comment

error: Content is protected !!