कन्यादान – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi
ओ. रामपति बहन, सभी दो दिनों के लिए हरिद्वार जा रहे हैं तू भी चल! नहीं बहन.. एक बार बेटी का कन्यादान कर दूं फिर गंगा नहाऊं! जवान बेटी को अकेली कैसे छोड़ कर जाऊं? एक बार बेटी ससुराल चल जाए फिर मेरी जिम्मेदारी खत्म! बेटी की चिंता अकेली मां के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी … Read more