पत्थर दिल – ममता चित्रांशी : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोर पर खड़ी थी पुरानी हवेली — वीरान, सुनसान और खामोश। चारों ओर झाड़ियाँ उग आई थीं, खिड़कियाँ जंग खा चुकी थीं, और छत से टपकती बूंदों की आवाज़ें रात की खामोशी में चीख़ों जैसी लगती थीं।    इस हवेली को गाँव वाले “पत्थर दिल हवेली” कहते थे, और उसमें रहने वाले कर्नल … Read more

समधन जी – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

समधन जी !”आपकी बिटिया को कुछ सिखाया नहीं है क्या? सिर्फ पढ़ाई लिखाई और नौकरी ही कराया है आपने?” कमला जी ने फाल्गुन की मम्मी को सुनाना शुरू कर दी। अभी अंदर आए कुछ ही समय हुआ था रमा जी को,ना ढंग से चाय – पानी पूछा और ना ही हाल खबर। ऐसा लग रहा … Read more

निक नेम – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

     ये क्या मां…?  इतने सारे पुए क्यों बना रही हो…? आजकल कौन खाता है ये सब….? सभी लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं….और तुम हो कि पुए पे पुए बनाए जा रही हो…!      बेटी भैरवी ने मां शैली से शिकायती भरे अंदाज में  कहा….।       अरे बेटा… वो रामदीन काका , दूध वाले भैया ,  … Read more

ऐसे कारज कीजिए – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

किसी ने सच ही कहा है कि हर इन्सान को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है और यह भी सच है कि इसी धरती पर भुगतना पड़ता है। अगला जन्म, दूसरा जहान, नर्क – स्वर्ग किसने देखा है। जब कोई व्यक्ति अपनी अच्छी उम्र , अच्छा जीवन भोग कर जाए तो सब यही कहते … Read more

ये कहां आ गए हम …? – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 ‌कल मिसीज गुप्ता को अपने किन्हीं विशेष कार्यों के लिए पोस्ट ऑफिस जाना पड़ा। यह सामान्य बात है कि पोस्ट ऑफिस में विभिन्न प्रकार के , विभिन्न क्षेत्रों के तथा आर्थिक दृष्टि से अलग-अलग स्तरों के अनेक लोगों का आना-जाना लगा ही रहता है।  मिसीज गुप्ता के काम की प्रक्रिया चल रही थी कि तभी … Read more

“दो गुलाब” – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मेट्रो में अंदर घुसते ही ऋतुराज ने चारों तरफ बैठने के लिए जैसे ही नजर दौड़ाई तो उसकी नजर कोने की सीट पर बैठी एक लड़की चश्मा लगाए एक पत्रिका पढ़ती नजर आई। पत्रिका के कवर पर  “दो गुलाब” लिखा देख ऋतुराज के चेहरे पर मुस्कान आ गई और वह पढ़ने वाली लड़की का चेहरा … Read more

सिसकती सांसें – सरिता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों के बाद मायके आ पाई। मां पापा के साथ भाई बहन -सभी फोन कर करके मनुहार करते रहे–दीदी तू तो हमें भूल ही गई, शायद रास्ता ही भूल गई हो ,हम आ जायें लेने ! मुझे हंसी भी आती और अपने ऊपर गुस्सा भी,पर क्या करें!जब तक बच्चों के पेपर नहीं हो जाते,ट्यूशन … Read more

समय का पहिया – खुशी : Moral Stories in Hindi

रमा एक पढ़ाकू लड़की थी जो हमेशा कक्षा में अव्वल आती ।घर में मां शांति और पिता रामपाल और दो भाई रतन और मदन।रतन और मदन पढ़ने में जरा कच्चे ही थे।पिता रामपाल मुनीम थे फैक्ट्री में और शांति घर संभालती।बेटों से ज्यादा जुड़ाव था उन्हें पर रामपाल रमा को बहुत चाहते थे उनका मानना … Read more

मत भूलो यह मेरा परिवार है – पुष्पा पोरवाल : Moral Stories in Hindi

आदित्य और आभा है एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। आदित्य का व्यक्तित्व सुदर्शनी है वह एमबीबीएस कर रहा है। वही आभा डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही है। आभा और आदित्य की मित्रता अब प्यार में बदलने लगी है। आभा की मीठी-मीठी बातें आदित्य का मन मोह लेती हैं। आदित्य धनवान परिवार से है उसके … Read more

ननंदरानी इतनी पत्थर दिल कैसे हैं ?? – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

भाभी , यह क्या आज भी खिचड़ी , नेहा ने मुंह बनाकर खिचड़ी का बाउल हाथ में लेते हुए कहा !! डिंपल बोली – दीदी , पुरे दिन मांजी की सेवा करनी होती हैं और मांजी को डॉक्टर ने खिचड़ी खाने की ही हिदायत दी हैं इसलिए मैं सभी के लिए ही खिचड़ी बना रही … Read more

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