कान भरना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi
रामायण के प्रमुख पात्र दशरथनन्दन श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। पूरे अयोध्यावासी राम के राजा बनने की खुशी में नाच-गाकर उत्सव मना रहे थे।अगले दिन राज्याभिषेक की तैयारी में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र अन्य पंडित -पुरोहितों के साथ विचारमग्न थे।राजा दशरथ और रानी कौशल्या अपने ज्येष्ठ पुत्र राम के राज्याभिषेक…
अपने हुए पराए – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi
सरोज जी को औलाद न होने से सुंदर से लगाव हो गया था ,ससुर के समय से ही जब गिरधारी लाल चौकीदारी करता था। तब वह अपने बेटे को हवेली ले आता, क्योंकि उसकी पत्नी जन्म देते ही गुजर गयी, जिस कारण गिरधारी लाल हमेशा सुंदर को साथ रखता,तब सरोज बड़े ही प्यार से उसे…
सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi
आशा ने घड़ी देखी, सुबह के 6:00 बजे थे वह उठ गई ।निवृत हो कर वह चाय का कप लेकर कमरे में बैठी ही थी कि, बेटे के कमरे से बहू और बेटे की ‘तू -तू मै -मै’ की आवाज आने लगी जो धीरे-धीरे झगड़े की तरफ बढ़ने लगी। आशा का मन चिंतित हो उठा।…
विश्वास की डोर – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi
जानकी.. आजकल मन बहुत व्यथित हो रहा है एक डर है जोमुझे अंदर ही अंदर खाए जा रहा है समझ नहीं आ रहा तुमसे कैसे कहूं.? कहूंगा तो तुम हंसोगी, 70 वर्षीय रामनारायण जी ने अपनी पत्नी जानकी से कहा! तब जानकी बोली… नहीं जी बिल्कुल नहीं हंसूंगी आप बताइए तो सही आपको ऐसा कौन…
विश्वास की डोर – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi
ऑफिस में बैठे आलोक के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। “हैलो…?” फोन उठाते ही एक जानी-पहचानी आवाज़ सुनाई दी — “भैया… मैं सावित्री बोल रही हूँ।” “अरे, तुम दोपहर में कॉल क्यों कर रही हो? सब ठीक है?” आलोक ने पूछा। “भैया… मैं कल से काम पर नहीं आऊँगी। भाभी से कह…
घर का आधार – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi
ममता जब ब्याह कर इस घर में आई थी, तबसे ही उसकी दुनिया बदल गई थी। नए रिश्ते, नई जिम्मेदारियाँ और सबसे बड़ी बात हर पल खुद को साबित करने की चुनौती। ममता स्वभाव से सीधी-सादी, समझदार और मेहनती थी। उसने आते ही पूरे घर की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी। सुबह सबसे…
माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
रीना की बेटी प्रज्ञा एक सीधी-सादी, शांत स्वभाव की लड़की थी। बचपन से ही उसने कभी झूठ नहीं बोला था। रीना को उस पर आंख बंद करके भरोसा था। प्रज्ञा अपनी माँ से हर छोटी-बड़ी बात साझा करती थी — चाहे वह स्कूल की परेशानी हो, कोई दोस्ती का किस्सा, या दिल की कोई उलझन।…
विश्वास की डोर – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi
बड़े शहर की तेज़ रफ़्तार में, जहाँ हर कोई अपनी धुन में भागा जा रहा था, वहीं एक घर की पहली मंज़िल पर, आरोही ने अपना नया ठिकाना बनाया था। वह एक अनाथ लड़की थी ( माता पिता की एक एक्सिडेंट में मृत्यु होने के बाद दूर के रिश्तेदारों ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया…
- #अब तो पड़ जाएगी ना , तुम्हारे कलेजे में ठंडक
- #अस्तित्व
- #आंसू बन गए मोती
- #उपहार की क़ीमत नहीं, दिल देखा जाता है
- #एक माफी ने रिश्ते को बिगड़ने से पहले ही बचा लिया
- #कठपुतली
- #तिरस्कार कब तक
- #तुम्हें बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए
- #देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है
- #बहू यह मत भूलो कि भगवान सब देखता है
- #मन की गांठ
- #रिश्तों की मर्यादा
- #लघुकथा
- #विश्वास की डोर
- #शुभ विवाह
- #समझौता अब नहीं
- #सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती है
- #स्नेह का बंधन
- #हाय राम! मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई
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- पत्नी तो वह बन गई थी पर बहू और भाभी आज बनी है
- सम्मान की सूखी रोटी
- संयुक्त परिवार
- हमारा बुरा वक़्त हमारे जीवन की दिशा बदल देता है