वैभव ही सुख नहीं – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ : Moral Stories in Hindi
“निया, क्या बात है? मम्मी रसोई में चाय बना रही हैं और तुम सो रही हो। क्या तबियत सही नहीं है।” मयंक ने पूछा। “ठीक है।” निया ने जवाब दिया। “फिर क्या बात है? अभी तक क्यों सो रही हो? सूरज ढलने के बाद सोना अच्छी बात नहीं है। घर भी बिखरा हुआ है। कई … Read more