• समय का पहिया – खुशी : Moral Stories in Hindi

    समय का पहिया – खुशी : Moral Stories in Hindi

    रमा एक पढ़ाकू लड़की थी जो हमेशा कक्षा में अव्वल आती ।घर में मां शांति और पिता रामपाल और दो भाई रतन और मदन।रतन और मदन पढ़ने में जरा कच्चे ही थे।पिता रामपाल मुनीम थे फैक्ट्री में और शांति घर संभालती।बेटों से ज्यादा जुड़ाव था उन्हें पर रामपाल रमा को बहुत चाहते थे उनका मानना…


  • मत भूलो यह मेरा परिवार है – पुष्पा पोरवाल : Moral Stories in Hindi

    मत भूलो यह मेरा परिवार है – पुष्पा पोरवाल : Moral Stories in Hindi

    आदित्य और आभा है एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। आदित्य का व्यक्तित्व सुदर्शनी है वह एमबीबीएस कर रहा है। वही आभा डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही है। आभा और आदित्य की मित्रता अब प्यार में बदलने लगी है। आभा की मीठी-मीठी बातें आदित्य का मन मोह लेती हैं। आदित्य धनवान परिवार से है उसके…


  • ननंदरानी इतनी पत्थर दिल कैसे हैं ?? – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

    ननंदरानी इतनी पत्थर दिल कैसे हैं ?? – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

    भाभी , यह क्या आज भी खिचड़ी , नेहा ने मुंह बनाकर खिचड़ी का बाउल हाथ में लेते हुए कहा !! डिंपल बोली – दीदी , पुरे दिन मांजी की सेवा करनी होती हैं और मांजी को डॉक्टर ने खिचड़ी खाने की ही हिदायत दी हैं इसलिए मैं सभी के लिए ही खिचड़ी बना रही…


  • पत्थर दिल – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

    पत्थर दिल – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

    “कैसी औरत हो तुम पत्थर दिल? औरत हो कर भी तुम औरत के साथ अन्याय कर रही हो? इसीलिए कहा जाता है कि औरतें हीं औरतों की दुश्मन होती हैं वरना किसी की बेटी और अपनी बेटी में इतना फर्क कौन दिखाता है सुधा जी !” मयंक जी के धैर्य की सीमा अब टूट चुकी…


  • तालाब से सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

    तालाब से सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

    चल यार मैं चलती हूं । सात बज गए , खाना बनाऊंगी, सोमेश के आने का टाइम हो गया। आज वो जल्दी आने वाले हैं और कई दिनो से आइसक्रीम खाने का मन हो रहा था तो अपनी वो हसरत भी आज पूरी कर लूंगी…. उनके साथ बाहर जाकर  कई बार दिल चाहता है कि…


  • “दादी का अडिग फ़ैसला” – ज्योति आहूजा  : Moral Stories in Hindi

    “दादी का अडिग फ़ैसला” – ज्योति आहूजा  : Moral Stories in Hindi

    कमरे के कोने में धूप धीरे-धीरे उतर रही थी — वहीं, जहाँ रीमा बैठी थी। टेबल पर बिखरी किताबें, कॉपियों के बीच बच्चों के बनाए रंगीन कार्ड — थैंक यू मैम, यू आर द बेस्ट टीचर ।उसकी मेहनत और आत्मनिर्भरता के साक्षी थे। वो विज्ञान की अध्यापिका थी — पढ़ी-लिखी, समझदार और सबसे बड़ी बात,…


  • आंसू पीकर रह जाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

    आंसू पीकर रह जाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

    अरे तन्वी निकल रही हूं मैं घर से और तेरे ही घर आ रही हूं। तु तो एक बार बुलाने लगती है,तो फिर रूकती ही नहीं है। बस मैं दो मिनट में तेरे घर पहुंच जाऊंगी । लगता है आंटी ने आज गरम-गरम समोसे बनाए हैं,इसीलिए तो तु मुझे इस तरह बुला रही है। वह…


  • विश्वास की डोर से बंधे रिश्ते – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

    विश्वास की डोर से बंधे रिश्ते – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

    रामपुर एक छोटा-सा गाँव, जहाँ ज़िंदगी आज भी पुराने ढर्रे पर चलती थी। मिट्टी के घर, पेड़ की छाँव में बैठकर बतियाते लोग, और खेतों की हरियाली में खिलखिलाते बच्चों की आवाज़ें ,यही पहचान थी इस गाँव की। इसी गाँव के एक कोने में, एक कच्चे घर में रहते थे हरिशंकर जी और उनकी पत्नी…


  • नारी, अब नहीं बिचारी  – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

    नारी, अब नहीं बिचारी  – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

    क्या बात है अनु? आज तुझे आए हुए 15 दिन हो गए, पर तू अपने ससुराल जाने का नाम ही नहीं ले रही और ना ही इन दिनों मैंने तुझे दामाद जी से बात करते हुए देखा, क्या बात है सब ठीक तो है ना? सविता जी ने अपनी बेटी अनु से कहा  अनु अपनी…


  • मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है – मणि त्यागी : Moral Stories in Hindi

    मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है – मणि त्यागी : Moral Stories in Hindi

    घर के लिविंग रूम में शर्मा जी अपने परिवार के साथ बैठे थे , बहु श्रद्धा रसोई से चाय लाकर मेज़ पर रख देती है और वहीँ खड़ी हो जाती है। शर्मा जी श्रद्धा से भी बैठने के लिए कहते है ..अरे बेटा खड़ी क्यों हो ? तुम भी बैठो …ये सुनते ही श्रद्धा भी…


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