कृष्णा ,तुम्हे आना होगा – नम्रता सरन “सोना”
नारी, जो माँ है बहन है,बेटी है, छलनी हुए आँचल में मुँह दबा रोतीं है . द्रौपदी , तुम तो भाग्यवान थीं तुम्हे कृष्ण मिले , दुर्योधन तो तब भी थे . हम किसे पुकारें बिखरी पड़ी यहाँ वहाँ अस्मिता हमारी , घायल तन ,और द्रवित मन लिए तार-तार हुई नारी. दुर्योधनों … Read more