कृष्णा ,तुम्हे आना होगा  –  नम्रता सरन “सोना”

नारी,  जो माँ है  बहन है,बेटी है, छलनी हुए आँचल में  मुँह दबा रोतीं है .   द्रौपदी , तुम तो भाग्यवान थीं  तुम्हे कृष्ण मिले , दुर्योधन तो तब भी थे .   हम किसे पुकारें  बिखरी पड़ी यहाँ वहाँ  अस्मिता हमारी , घायल तन ,और  द्रवित मन लिए  तार-तार हुई नारी.   दुर्योधनों … Read more

अधिकारों को आग लगा दी है – गीता वाधवानी

नई नवेली बहू सुरभि घर में आ चुकी थी। आशा जी का बेटा सौरभ उसे ब्याह कर लाया था। सुरभि और सौरभ एक ही ऑफिस में साथ काम करते थे।       आशा जी एक शांत, गहरे व्यक्तित्व की स्वामिनी थी। माथे पर बिंदी, बालों का जूड़ा, दोनों हाथों में सिर्फ एक एक सोने की चूड़ी, गले … Read more

मेरा अंश !! – पायल माहेश्वरी

” चलो जाने देते हैं सब हमारी तरह समझदार नहीं होते हैं  ” मैंने आदतनुसार उससे कहा और उसने अपनी बड़ी बड़ी पलकें झपकाकर मेरा समर्थन किया, उसके चेहरे पर एक स्मित हास्य वाली मासूमियत आ गई और एक बार फिर मैं उसका व मेरा अपमान भूल गयी।  आप सोच रहे होंगे की वो कौन … Read more

भीड़ के उसपार ! – रमेश चंद्र शर्मा

अचानक पैंतालीस  साल बाद शहर के शॉपिंग मॉल में अनीता और संकेत की मुलाकात हो गई । अनीता “संकेत, आप यहां ! इस शॉपिंग मॉल में ! कितने वर्षों बाद आपको देखा, बिल्कुल नहीं बदले”! संकेत “जीवन में बहुत कुछ बदला है। आज अचानक तुम्हें देखकर अतीत में लौट जाने का मन हो रहा है”। … Read more

एक पीर गूंगी सी – विजया डालमिया

विभा ने सोचा भी नहीं था कि उसकी सामान्य तरीके से हँसकर की गयी बातचीत का यह अंजाम होगा ।कुछ दिनों पहले ही तो फोन के माध्यम से दोनों जुड़े थे ।वह भी एक खूबसूरत गलती की वजह से। हुआ यूँ था कि विभा से रॉन्ग नंबर डायल हो गया था । उसने तुरंत फोन … Read more

अनकहा बंधन   – रचना कंडवाल

“हां मुझे मोहब्बत है उससे” सतीश बहुत जोर से चिल्लाया।  ये सुनकर सावी तो जैसे किचन में जम कर पत्थर की मूरत बन गई। चाय का कप उसके हाथ से नीचे गिर कर टूट गया। उसकी सास बेहद कर्कश स्वर में छाती पीट पीट कर चिल्ला रही थी। सुनते हो  सतीश क्या कह रहा है???  … Read more

हे मानुष!  – गीता वाधवानी

हे मानुष!  रुक, थोड़ा ठहर और सोच  कहां भाग रहा है तू?  क्यों भाग रहा है तू?  जिंदगी की आपाधापी में  क्या-क्या खो चुका है तू?  और क्या कुछ पाया है तूने?  रुक, थोड़ा ठहर और सोच  मोबाइल हाथ में लेकर  पूरी दुनिया से जुड़ने का दावा करता है तू  पर अपनों से किए वादे … Read more

सही खाया तो कंचन सी काया (हेल्थ) – कुमुद मोहन 

मेहा नई नई शादी करके ससुराल आई तोअपनी सास नीरा के साथ कहीं भी जाती लोग उन दोनों को बड़ी छोटी बहन समझते। सास  की फिगर,उनकी चेहरे की लुनाई,उसपर चमकीले घने रेशम से काले बाल और स्मार्टनेस देख कर मेहा  को अपने ऊपर शर्म सी महसूस हुई! दरअसल नीरा ने खुद को इतना मेंटेन कर … Read more

“कोरोनमा” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा 

मैं एक शिक्षिका हूँ, तो आप जानते ही होंगे की शिक्षक की आदत होती है शिक्षा देते रहना।कोई ले या न ले उसकी मर्जी।सो मैं भी आदत से मजबूर थी। मेरे घर हमेशा एक सब्जीवाली आती थी सबसे अन्त में।  एक दिन मैंने पुछ लिया कि तुम सारे मुहल्ले में घूम लेती हो तो तुम्हें … Read more

बस अब और नहीं! – प्रियंका सक्सेना

“सीमा,ये क्या! तुम फिर किताब लेकर बैठ गई। आज तो तुम्हें ब्यूटी पार्लर जाना है। जाओ तैयार हो जाओ, भाभी के साथ चले‌ जाना।” माॅ॑ ने हाथ से किताब लेने का उपक्रम किया सीमा बोली,”माॅ॑,परसों मेरा बहुत जरुरी व्याख्यान है। तैयारी नहीं करूंगी तो कांफ्रेंस में हड़बड़ा जाऊंगी।” “हर समय काॅलेज दिमाग में चढ़ा रहता … Read more

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