• प्रेम और विश्वास की जीत – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

    प्रेम और विश्वास की जीत – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

    “पापा… मम्मी मुझे पहचानती क्यों नहीं हैं “ 10 साल की साक्षी की यह मासूम, डरी-सहमी सी आवाज़ राजीव के सीने में कहीं चुभ गई। राजीव ने बेटी को अपनी गोद में उठाया और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, “बस थोड़ा और वक्त बेटा… तुम्हारी मम्मी सबकुछ याद कर लेंगी। हमें हिम्मत नहीं…


  • “जब माँ साथ चलीं…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

    “जब माँ साथ चलीं…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

    “मेघा कहाँ हो?” पति विवेक ने पत्नी मेघा को आवाज दी। तभी मेघा किचन से आकर पति को कहती है, “कहिए! क्या बात है?” इस पर विवेक मेघा से कहता है, “इस बार मुझे सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और बोनस भी ठीक मिला है। तो मैं सोच रहा था कि इस बार बच्चों…


  • विश्वास की डोर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

    विश्वास की डोर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

    “…लेकिन रितेश… हम मां को ऐसे तो नहीं छोड़ सकते ना… उनके लिए कुछ व्यवस्था तो करनी पड़ेगी…!” ” व्यवस्था… मतलब… तुम कहना क्या चाहती हो…!” ” देखो… मां हमारे साथ नहीं रह सकती… तुम्हारी मां के साथ उनकी नहीं बनती… यह तो हम दोनों जानते हैं… लेकिन मैं उन्हें अकेले घर में बिना किसी…


  • मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi 

    मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi 

    पवन ने रीना से कहा मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। तुम सुबह-सुबह फेसबुक पर नकारात्मक कमेंट्स पढ़कर प्रतिक्रिया देने की बजाय तैयार हो जाओ। मैंने दफ्तर से छुट्टी ले रखी है। दोनों बेटियों के कॉलेज से आने से पहले ही हम तुम्हारी मम्मी को उनके जन्मदिन की मुबारकबाद देकर आ जाएंगे।     आइए आपको…


  • विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी

    विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी

     आज पल्लवी के पास, जब जेठानी शारदा का फोन आया, तब पल्लवी का  मन खिन्न हो गया। जेठानी की बातों से ईर्ष्या और नकारात्मकता साफ झलक रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके बेटे से जेठ और जेठानी जी इतना जलते क्यों है?         उनके अपने भी तो दो बेटे हैं। हम तो…


  • क्या यही प्यार है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    क्या यही प्यार है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    देखो जी , मैं कैसी लग रही हूँ? मोहिनी ने नई साड़ी पहनकर इठलाते हुए पूछा। सुदंर मोहन ने बगैर मोहिनी की और देखे ही कहा। हमेशा की तरह मोहिनी चिढ़ सी गई। वो भी कैसी बेवक़ूफ़ है, आज तीस साल हो गए शादी को, फिर भी मोहन को समझ नहीं पाई। अजीब ही बंदा…


  • शादी के बाद दो जन नहीं, दो परिवार भी एक होते है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    शादी के बाद दो जन नहीं, दो परिवार भी एक होते है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

       पिछले कई दिनों से राशि का मूड खराब ही चल रहा था।उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो क्या करे कि यह समस्या सुलझ जाए। राशि दो भाईयों सागर और सरल की इकलौती और छोटी बहन थी। सब शादी शुदा और अपने घरों में सुखी थे। दोनों भाई और मां बाप सब इकट्ठे…


  • विश्वास की डोर – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

    विश्वास की डोर – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

    माॅं का अपने बच्चों के साथ विश्वास की डोर किसी भी परिस्थिति में ढ़ीली नहीं पड़ती है।उसे अपनी संतान पर पूर्ण विश्वास रहता है,भले ही उसकी संतान उसके विश्वास पर खरा उतरे या न उतरे। कथा नायिका सीमा को सुबह से ही चक्कर और उल्टियाॅं हो रहीं थीं। उसकी शादी के आठ वर्ष बीत  चुके…


  • मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

    मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

     आज सुबह-सुबह ही श्यामली मेरे पिछे पड़ गई! कहने लगी मां तुम कहो ना ! तुम कभी थकती क्यों नहीं . तुम हर वक्त क्यों काम में लगी रहती हो ! तुम दो घड़ी भी आराम क्यों नहीं करती हो? मैं जब बड़ी हो जाऊंगी ! मेरा ब्याह हो जाएगा तो क्या मुझे भी तुम्हारी…


  • “मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

    “मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

    पापा आपने फिर घर गंदा कर दिया -यह बहू मधु थी । अरे बेटा -हाथ हिल जाने के कारण -वे सफाई देने लगे।अभी अभी दुकान से आए थे। फिर तो कपड़े बदलकर खाने बैठ गये-वही भुजिया,रोटी प्याज। मेरे लिए थोड़ा रसदार सब्जी बना दिया करो-मेरा दांत कमजोर है-वे सफाई देते बोले। अब दो तरह का…


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