विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी
आज पल्लवी के पास, जब जेठानी शारदा का फोन आया, तब पल्लवी का मन खिन्न हो गया। जेठानी की बातों से ईर्ष्या और नकारात्मकता साफ झलक रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके बेटे से जेठ और जेठानी जी इतना जलते क्यों है? उनके अपने भी तो दो बेटे हैं। हम तो…
शादी के बाद दो जन नहीं, दो परिवार भी एक होते है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
पिछले कई दिनों से राशि का मूड खराब ही चल रहा था।उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो क्या करे कि यह समस्या सुलझ जाए। राशि दो भाईयों सागर और सरल की इकलौती और छोटी बहन थी। सब शादी शुदा और अपने घरों में सुखी थे। दोनों भाई और मां बाप सब इकट्ठे…
विश्वास की डोर – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi
माॅं का अपने बच्चों के साथ विश्वास की डोर किसी भी परिस्थिति में ढ़ीली नहीं पड़ती है।उसे अपनी संतान पर पूर्ण विश्वास रहता है,भले ही उसकी संतान उसके विश्वास पर खरा उतरे या न उतरे। कथा नायिका सीमा को सुबह से ही चक्कर और उल्टियाॅं हो रहीं थीं। उसकी शादी के आठ वर्ष बीत चुके…
मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi
आज सुबह-सुबह ही श्यामली मेरे पिछे पड़ गई! कहने लगी मां तुम कहो ना ! तुम कभी थकती क्यों नहीं . तुम हर वक्त क्यों काम में लगी रहती हो ! तुम दो घड़ी भी आराम क्यों नहीं करती हो? मैं जब बड़ी हो जाऊंगी ! मेरा ब्याह हो जाएगा तो क्या मुझे भी तुम्हारी…
“मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi
पापा आपने फिर घर गंदा कर दिया -यह बहू मधु थी । अरे बेटा -हाथ हिल जाने के कारण -वे सफाई देने लगे।अभी अभी दुकान से आए थे। फिर तो कपड़े बदलकर खाने बैठ गये-वही भुजिया,रोटी प्याज। मेरे लिए थोड़ा रसदार सब्जी बना दिया करो-मेरा दांत कमजोर है-वे सफाई देते बोले। अब दो तरह का…
“घर को घर बनाया उसने” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi
अवनी और जतिन की लव मैरिज है। अवनी बहुत ही सुंदर और साथ ही दिल की भी बहुत अच्छी थी। उधर जतिन भी गुड लुकिंग, स्मार्ट एवं अच्छी कंपनी में कार्यरत था। पहली बार अवनी और जतिन की मुलाकात कॉलेज में हुई थी, जहां जतिन अपने एमबीए का आख़िरी साल पूरा कर रहा था। वहीं…
उपहार में मिली खुशियों की दीपावली – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi
रजनी की ससुराल में उसकी पहली दिवाली थी अभी दो महीने पहले ही उसका विवाह रमन से हुआ था। उस की ससुराल बहुत अच्छी थी सभी उसे बहुत प्यार और सम्मान देते थे ऐसी ससुराल पाकर रजनी की खुशी का ठिकाना नहीं था।उसकी सास इंदू जी बहुत ही सुलझी हुई महिला थी रिश्तों को प्यार…
तलाक – संगीता स्थाना : Moral Stories in Hindi
सीमा के परिवार वाले बेहद ख़ुश थे ।फाइनली सीमा को आजादी मिल गई थी —अपने पति से ।माँ के चेहरे पर शकून था जीत की अपार ख़ुशी थी ।उन्होंने अपने कामवाली को कड़क चाय बनाने को बोला —- “अरे नीता – कड़क चाय बना हम सब के लिए मिठाई और नमकीन भी ले आना आज…
- विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी
- क्या यही प्यार है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
- शादी के बाद दो जन नहीं, दो परिवार भी एक होते है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
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- मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi
- #अब तो पड़ जाएगी ना , तुम्हारे कलेजे में ठंडक
- #अस्तित्व
- #आंसू बन गए मोती
- #उपहार की क़ीमत नहीं, दिल देखा जाता है
- #एक माफी ने रिश्ते को बिगड़ने से पहले ही बचा लिया
- #कठपुतली
- #तिरस्कार कब तक
- #तुम्हें बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए
- #देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है
- #बहू यह मत भूलो कि भगवान सब देखता है
- #मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है
- #मन की गांठ
- #रिश्तों की मर्यादा
- #लघुकथा
- #विश्वास की डोर
- #शुभ विवाह
- #समझौता अब नहीं
- #सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती है
- #स्नेह का बंधन
- #हाय राम! मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई
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