हम-तुम – सीमा बी

आज काफी दिनों के बाद नहीं दिनों नहीं महीनों के बाद कहीं दूर जाने का मन हुआ है एक लांग ड्राइव पर…. या फिर 2-4 दिनों के लिए इस शोर शराबे से दूर एकांत में जा कर कुछ पल सुकून के गुजार कर फिर से काम में लगा जाए…. अलसाया सा मन, आँखों से नींद … Read more

अधूरा सपना – नीरजा कृष्णा

“सुनिए जी, हमलोग आजतक कहीं घूमने फिरने नहीं गए। आप ऑफिस में खटते रहते हो और मैं इस घरगृहस्थी में।” रमाजी आज किंचित आवेश में थीं। सुधाकरजी आश्चर्यचकित होकर उन्हें देख रहे थे। आज शीतल शांत पोखरी में जैसे किसी ने पत्थर फेंक दिया था। वो वातावरण को शांत करने के प्रयास में चुहलबाजी करने … Read more

पाखंडी – डा.मधु आंधीवाल

वसुधा अपनी खिड़की पर खड़े होकर शाम के धुंधलके में खड़े होकर वृक्ष की ओर टकटकी लगाकर देखरही थी ।एक चिड़िया अपने तीन बच्चों को बार बार दाना लाकर खिला रही थी ।तीनों बच्चों को वह पूरी तरह सुरक्षा दे रही थी ।इतनी देर में एक बाज आया और  उस घोंसले के चारों ओर मंडराने … Read more

चाचा की चाल – मुकुन्द लाल

 हितेश जैसे ही कंपनी के दफ्तरर से ड्यूटी करके लौटा तो देखा कि डेरा में खामोशी छायी हुई है। उसकी पत्नी भूमिका जो दरवाजे के पास उसके इंतजार में मौजूद रहती थी, वह बेड-रूम में पड़ी हुई है और उसके चेहरे पर क्रोध की लकीरें उभर आई है।   उसने उसकी खुशामद करते हुए उसकी कलाई … Read more

“सिया” – रीता खरे

रामश्री काकी की नजरें रोज घूंघट डाले बंशी की दुल्हनरामश्री काकी की नजरें रोज घूंघट डाले बंशी की दुल्हन का पीछा करतीं, पर सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाने के कारण उनके मन में उधेड़ बुन चलती ही रहती थी ।   बंशी शहर की एक गैरेज में काम करता था, वहां से देर रात … Read more

घर में पत्नी भक्त, बाहर आशिक आवारा – सुषमा यादव

शिवानी के पड़ोस में एक प्यारा सा परिवार रहता था, जिसमें पति, पत्नी और दो प्यारे से छोटे बेटे थे। शिवानी देखकर बहुत खुश थी,कि मौली का पति अपनी पत्नी को बहुत मानता था,उसका बड़ा ख्याल रखता , आफिस से आने के बाद वह अपनी पत्नी और बच्चों को घुमाने जरूर ले जाता, पत्नी को … Read more

श्रद्धा के फूल – अभिलाषा कक्कड़

बाबा बाबा !! की आवाज़ लगाती मुनिया जब अपने पिता के पीछे दौड़ी तो रामा ने एकदम से अपनी रिक्शा रोक ली । अरे उठ गई हमारी बिट्टो रानी क़ह कर झट से बिटिया को गोद में उठा लिया । बाप बेटी का प्यार देखकर सामने खड़ी रामा की पत्नी  बिंदिया अपने सिर के पल्लू … Read more

गुरुदक्षिणा – नताशा हर्ष गुरनानी

अजय की मौत की ख़बर ने जैसे अंजली को तोड़ ही दिया। बदहवास सी बस रोते ही जा रही थी; माँ पापा सब परेशान थे। अजय, अंजली बचपन से ही एक साथ पले, बढ़े थे। अजय, अंजली के पापा के घनिष्ट मित्र का बेटा था। 4 साल की उम्र में उसके माता पिता एक प्लेन … Read more

लाड़ो – मधु शुक्ला

शान्ति देवी ने जब से बेटे का विवाह किया है। उनकी जिंदगी बदल गई है। सुंदर, सुशील, कमाऊ बहू की बढ़ाई करना, जेवर खरीदना और किटी पार्टियों की शोभा बढ़ाना उनकी दिनचर्या बन गई थी। बहू अपनी कमाई से घर चलाती थी। तो शांति देवी को सुअवसर मिल रहा था। पति की कमाई बचाने का। … Read more

नहीं पता था, तेरे भी दो चेहरे है – अर्चना कोहली “अर्चि”

“अम्मा। ओ अम्मा”। ऑफिस से आते ही चाय पीने के बाद सुधीर चिल्लाया। क्या बात है मुन्ना। क्यों चिल्ला रहा है”। “अम्मा, कितनी बार कहा है, मुझे मुन्ना न कहा करो। अब मैं बहुत बड़ा ऑफिसर हूँ। कोई सुनेगा तो मज़ाक बन जाएगा”। “नाराज़ न हो बेटा। भूल जाती हूँ। उम्र का तकाजा है। अब … Read more

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