हीरे की परख – डा.मधु आंधीवाल | best family story

दिल्ली से मुम्बई जाने वाली ट्रेन की आर ए सी सीट में बैठी कनिका मन ही मन दुआ कर रही थी कि काश दूसरे यात्री की ट्रेन छूट जाए ताकि उसे पूरी बर्थ मिल जाए। ये सोचते हुए उसने पैर फैला पूरे बर्थ पर कब्जा कर लिया लेकिन हर बार वह कहाँ होता जो आपने … Read more

कैसी माँ हो तुम! – विभा गुप्ता | best hindi kahani

      ” माँ, आप एक बार आशु से बात तो कीजिए, आप  की बात वो नहीं टालेगा।एक अरसा हो गया उसे …।”      ” नहीं आकांक्षा, मैं अब उससे कुछ नहीं कहूँगी।जहाँ तक एक अरसे की बात है तो तुमने तब क्यों नहीं सोचा जब उसे…।छोड़,मैं उन बातों को फिर से अब दोहराना नहीं चाहती।” कहकर आकांक्षा … Read more

मेरी माँ और यादें – family drama story

बचपन से ही मैं अपनी माँ के बहुत करीब रही हूँ । हम दोनों माँ बेटी होने के साथ ही एक अच्छी दोस्त भी हैं। जब भी हमें फुर्सत होती माँ अपने जीवन की हर छोटी बड़ी घटनाओं को मुझे बताती । आज माँ के द्वारा बतलायी वे सभी बातें मैं अपने पाठकों तक उन्हीं … Read more

मलाल – स्नेह ज्योति | best hindi kahani

रीना मुंबई की एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करती हैं । कहने को वो एक संस्थान से जुड़ी हैं ,जो गरीब ,लाचार बच्चों की हर तरह से मदद करती हैं । रीना हर महीने अपनी सैलरी का कुछ भाग इन बच्चों के लिए दे, पुण्य का काम रही थी । ऑफ़िस में सब रीना … Read more

कहीं देर ना हो जाये… – संगीता त्रिपाठी

 जिंदगी हर कदम एक नई जंग हैं…पर तू हौसला मत छोड़ना,मजबूत बनेगी तभी सफल होगी, पर हाँ कोई निर्णय लेने से पहले सोच ले, तेरे झगडे का मुद्दा कितना सही है,”,कहने को मैंने पंकु को समझा दिया। पर अपनी बीती जिंदगी याद आ गई। कई साल पहले  मै यानि नीरजा भी इसी जगह खड़ी थी। … Read more

आखिरी रक्षाबंधन – माधुरी राठौड़ | family story in hindi

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी! एक दिन कॉलेज से घर लौटी तो देखा सभी लोगों के चेहरे उतरे पड़े हैं! मेरी लाख पूछने पर भी मेरी मां ने मुझे कुछ नहीं कहा..इसकी भी एक वजह थी क्योंकि बचपन से ही मुझे हृदय की बीमारी थी मेरी हर छोटी मोटी … Read more

 गलती – गुरविंदर टूटेजा

 जोरो-शोरों से रिया की शादी की रस्में चल रही बहुत सुंदर लग रही थी आज विदाई का समय भी आ गया था पापा-मम्मी व भैया-भाभी सबकी बहुत लाडली थी सबका बहुत बुरा हाल था…यहाँ तक कि भतीजा-भतीजी की भी बुआ में जान बसती थी…रिया उन दोनों से गले लगकर भी बहुत रोई…वो विदा होकर ससुराल … Read more

सफलता का शॉर्टकट – रश्मि सिंह

पंकज-आज मैं ये “बिज़नेस मैन ऑफ़ द ईयर” का अवार्ड पाकर बेहद खुश हूँ, अपनी ख़ुशी को शब्दों में बयान नहीं कर सकता, पर ये सब आप लोगो की वजह से हुआ है। इससे ज़्यादा मैं कुछ कह नहीं पाऊँगा। धन्यवाद। पंकज के स्टेज से उतरते ही सब पंकज पंकज चिल्लाते हुए उसके पीछे चल … Read more

पछतावा – अनामिका मिश्रा 

सलोनी सांवली सी सीधी-सादी घरेलू लड़की थी। उसके माता-पिता चाहते थे,उसकी शादी हो जाए, पर कोई उसे पसंद ही नहीं करता था।  सलोनी एक प्राइवेट कंपनी में काम करने लगी। वहां सौरभ नाम का एक लड़का भी काम करता था, अच्छा इंसान था वह। उसकी दोस्ती सलोनी से हो गई। पर सलोनी उसे मन ही … Read more

दिल और दौलत – मंगला श्रीवास्तव

वृद्धाश्रम के एक कमरे में लेटी हुई सुधा देवी बुखार से तप रही थी उपर से सर्दी और जानलेवा खांसी उनको चैन नहीं लेने दे रही थी l उनके साथ ही उनके कमरे में रह रही जानकी उनको सम्भाल रही थी l बहुत ही ज्यादा बैचेनी होने पर सुधा देवी बोली “जानकी लगता है अब … Read more

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