सम्वेदना : बेटी की माॅ के प्रति – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मीता  तैयार हो ऑफिस के लिए निकल ही रही थी कि तभी पापा विजय जी की आवाज सुनवाई दी ।मीतू इधर आओ  बेटा मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है।  मीतू – पापा अभी मुझे देर हो रही है ऑफिस का समय हो गया है शाम को बात करते हैं।  … Read more

नाम डुबोना : top 10 moral stories in hindi

गलत संगत – गीता वाधवानी रमा दो-तीन दिन से देख रही थी कि उसका 19 वर्षीय बेटा अजय दुकान से आते ही पीछे वाले आंगन में अपना फोन लेकर एक कोने में बैठ जाता था और किसी से धीरे-धीरे बात करता था। रमा को कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर एक दिन रमा ने … Read more

रिश्ते, एक मज़ाक

   ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” ” अरे रीता…. तुम कब आईं ससुराल से… बता.. कैसी है    ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” जल्दी बताओ!! ” अरे रीता…. तुम कब आईं … Read more

 इमोशनल फूल – संगीता त्रिपाठी

ट्रिंग ट्रिंग…. फोन की घंटी बजी.. गिन्नी ने फोन उठाया, “हेलो गिन्नी क्या कर रहे तुम लोग “     “कुछ नहीं भैया… नाश्ता कर रहे..”गिन्नी ब्रेड चबाते बोली..।     “अरे वाह मै भी आ रहा आंटी के हाथ का बना ब्रेकफास्ट करने… वैसे आंटी ने आज क्या बनाया है ब्रेकफास्ट में…”निखिल ने पूछा।    “आइये भैया… मै तो … Read more

यह अन्याय है – सुभद्रा प्रसाद

 ” नीला, मैं जरा सेठ  जी से मिलकर आ रहा हूँ |तबतक तुम कमरे की सफाई ठीक से कर लो और देख लो खाना बनाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए |”अपनी पत्नी से कहते हुए रामू कमरे से बाहर निकल कर हवेली की ओर चल पड़ा | रामू चल तो पडा़, पर उसके कदम न … Read more

मेरे साथ अन्याय क्यों? – अनीता चेची : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नीरज और नेहा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, और शादी करना चाहते थे। परंतु दोनों के घरवाले उनकी शादी के खिलाफ थे इसलिए दोनों ने घर से भाग कर शादी कर ली। दोनों ने शादी तो कर ली परंतु गृहस्थी चलाने के लिए ना तो पैसे थे और … Read more

नया रंग – माता प्रसाद दुबे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : होली का त्यौहार रंगों की तरह ही रंगीला होता है। अपने पराए का कोई भेदभाव नहीं होता है। फिर भी अपनों के बीच होली का आनंद ही अलग होता है। बस की खिड़की के पास बैठा हुआ प्रकाश कुछ ऐसा ही सोच रहा था। बीते वर्ष की होली में वह … Read more

“संस्कारों की गठरी” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

जैसे ही वह कमरे से निकली माँ  ने एक झनाटेदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया। वह अचानक से पड़े इस थप्पड़ से सहम गई । माँ जी आप ….आपने मुझे थप्पड़ क्यूँ…? “मर्यादा में रहो समझी तुम!” “चलो जाओ अपने कमरे में संस्कारहीन कहीं की “ माँ के गुस्से को देखते हुए सलोनी चुपचाप … Read more

वो सत्ताईस दिन – जयसिंह भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुबह के सात बजे थे कि मैसेज नोटिफिकेशन की ट्यून सुन कर मोबाइल देखा तो उसका मेसेज आया था, “राम राम जी! कइसन हौ बबुआ..” रविवार का दिन था अतः मुझे देर तक सोने का मन था। पलट कर देखा तो रूममेट भी चादर ताने सो रहा था। बिना कोई … Read more

पूरे हुए अरमान – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अपने हाथों में फोन लिए निशिता की आंखें बहने लगी थी। उसकी आवाज रूंध  गई थी।  वह कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। बड़ी मुश्किल से उसने कहा ” बेटा खुश रहो ।”उधर से पूरन उसे फोन कर बार-बार बोल रहा था.. मम्मी तुम ठीक हो ना!”  “बेटा ,मैं … Read more

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