“समझदारी” – मीनाक्षी राय

पाखी बहुत  गुस्से में अपनी मां से बात कर रही थी, और रोये जा रही थी। आज उसे नभ की बातें बहुत चुभ रही थी । उसकी मम्मी  उसको समझा समझा कर थक गई थी,  पर पाखी चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी ।चुकी पाखी के मम्मी पापा एक ही शहर में … Read more

अंतहीन ” – गोमती सिंह

शाम का समय था ,सूरज अपनेख आप को सिंदूरी चादर में लपेटते हुए अस्तांचल की ओर रवाना करनें लगे थे।  ठीक उसी समय सरोज अपने घर की दूसरी मंजिल पर खिड़की के पास बैठे हुए इस दृश्य को देखकर उदासी के सागर में खोने लगी । उसकी आँखों के सामने 35-40 वर्ष की एक महिला … Read more

बुढ़ा पिता कभी बोझ नहीं होता- स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किशोर जी खाने की मेज पर आकर बैठे और जैसे ही खाना थाली में लिया तो देखा आज फिर सब्जी में तेल और मिर्च बहुत ज्यादा हैं , वैसे ही किशोर जी का कॉलेस्ट्रोल और डायबटीज बहुत बढ़ा हुआ था , डॉक्टर ने उन्हें ज्यादा तेल , घी और मिर्च … Read more

मुझे महान नहीं बनना – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : 2 दिन से रितु की आंखों से नींद गायब थी! वह बड़ी कशमकश या कहें दुविधा में थी !समझ नहीं आ रहा कि वह क्या निर्णय ले ? जब से उसके पति रवि ने उसे बताया की, मां को दिल का दौरा पड़ा है और उन्हें तुम्हारी जरूरत है! मां … Read more

रिश्तो का ताना-बाना – मीनाक्षी राय

जयकिशनजी की उम्र लगभग 65 वर्ष की हो गई थी। वह एक प्रसिद्ध कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए थे | उनका बचपन गरीबी में बीता था, लेकिन पढ़ने में बहुत मेहनती और कुशाग्र बुद्धी के  थे | उनको सरकार की तरफ से कृषि पर शोध करने के लिए विदेश में भेजा गया … Read more

परवाह और हुक्म में फर्क होता है.. – रोनिता कुंडू : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रात काफी हो गई थी… पर अमन अभी तक ऑफिस से घर नहीं लौटा था… दिव्या बार-बार दरवाजे की ओर देख रही थी… अमन तो आखरी बार फोन पर कहा रहा था कि वह आधे घंटे में घर पहुंच जाएगा… उसके बाद से ना तो उसका फोन ही लग रहा … Read more

ससुराल बेटी का नहीं बहू का घर होता है – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विधि एक सुंदर सुशील सी लड़की थी। पढ़ी लिखी भी काफी थी। मायके, ससुराल दोनों जगह पर वह सबकी दुलारी थी। वह सब को पसंद करती थी। उसे भी सब लोग पसंद करते थे। सिर्फ उसकी ननद गरिमा का हर छोटी-छोटी बात पर रोकना-टोकना उसे कतई पसंद नहीं था। विधि … Read more

“ये मेरे अपने हैं”  – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

छोड़ दीजिये उनको ! उनका सही इलाज हो रहा है। जैसी करनी वैसी भरनी ! आकाश ,बेटा ऐसे क्यों बोले तुम?   वह गैर थोड़े ही है जैसे भी हैं तुम्हारे चाचा हैं।रिस्तों का लिहाज मत भूलो बेटा !  आकाश अपनी भौ टेढ़ी करते हुए बोला-”  पता नहीं आप किस मिट्टी की बनी हुई हैं। जितना … Read more

बात में दम तो है – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रुति कालेज से लौटी तो पता चला लड़के वाले आ चुके थे। मम्मी -पापा  उनकी खातिरदारी का काम अकेले ही संभाल रहे थे। भाभी कमरे में बंद थी… जानबूझकर.. हां उनका व्यवहार कुछ ऐसा ही था, परिवार में कोई भी काम पड़े,कमरा बंद करके पड़ी रहती थी।    मम्मी कहती … Read more

आत्मसम्मान – विभा गुप्ता

” कमली.., कल से तुम खाना-नाश्ता भी बना दिया करना, उसके लिये तुम्हें पाँच हज़ार और दे दिया करूँगा।ठीक है ना?” ” हाँ भाइया!” मनीष के पूछने पर कमली तपाक-से बोली।उसके चेहरे पर खुशी के भाव थें।सिंक में रखे बरतनों को साफ़ करते हुए वह मन ही मन कुछ हिसाब लगाने लगी। लेकिन पास खड़ी … Read more

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