समय का चक्र – स्वप्निल “आनंद” : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सरिता जी प्रत्येक गर्मी की छुट्टियों में अपने दोनों बेटों को लेकर अपने मायके चली जाती थीं। उनके मायके में उनका छोटा भाई, भाई की पत्नी ऋतु और उनके 2 छोटे–छोटे बच्चे थे। गांव का समाज था, इसलिए सामाजिक प्रचलनों का भी पालन करना अनिवार्य माना जाता था। सरिता जी … Read more

एक थी श्रद्धा…..  – विनोद सिन्हा “सुदामा”

आप समझते नहीं पापा…आपके खयालात आज भी वही पुराने और घिसेपिटे हैं… अब मैं बड़ी हो गई हूँ..और अपना अच्छा बुरा सोच सकती हूँ.और मुझे मेरा फैसला लेने का पूरा अधिकार है.. लेकिन बेटा …..ऐसी भी क्या जल्दी…पहले उसे समझ तो ले..जान ले अच्छी तरह क्या करता है..कहाँ रहता है..घर परिवार कैसा है… विकास जी … Read more

“अर्धांगिनी…. – रेणु मंगल : short story with moral

घूमने का शौक किसे नहीं होता और ये तब और भी खुशनुमा बना जाता है जब किसी युवा जोड़े की शादी हुई हो और वह एकसाथ घूमने जाएं मोहन और सुधा की शादी को भी बस महीना भर ही हुआ था कम्पनी से पूरे पंद्रह दिनों की छुट्टी मिली थी सो मोहन अपनी नवविवाहिता पत्नी … Read more

तिरस्कार – प्रेम बजाज

“सीमा, अरी ओ सीमा कब से बुला रही हूं, कहां मर गई”  बड़बड़ाती हुई आरती कमरे से बाहर आई तो देखा सीमा रसोई घर में फर्श पर उकड़ू होकर बैठी है और उसकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे हैं। “क्या हुआ ये टसुए क्यों बहा रही है, कोई मर गया है क्या तेरा जो … Read more

रसोई की बुलबुल आजाद हो गई-मुकेश कुमार

विनोद अपने घर में सबसे बड़ा था.  और वही अकेला अपने घर में कमाने वाला भी था आज वह जहां पर नौकरी करता था महीने की आखिरी दिन था और तनख्वाह मिलने का भी दिन था.  सुबह घर से निकलते ही उसने अपने घर की पूरी लिस्ट बनाकर रखा हुआ था कि घर के लिए … Read more

यह मेरा घर है – ज्योति अप्रतिम

सुमिता ! कभी तो सोच समझ कर काम किया करो। तुम्हें मालूम भी है क्या हुआ रजनी को ? क्या हुआ छोटी भाभी को ? सुमिता ने बड़ी भाभी के कड़े शब्दों को सुन कर सहमते हुए पूछा। तुम्हारी वजह से उसका ब्लड प्रेशर एकदम नीचे गिर गया है।अभी हॉस्पिटल गई है भैया जी के … Read more

बेवजह जलन- मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रोज कविता और उसकी सास की सुबह शाम  कहा सुनी होती रहती थी कभी-कभी  बात लड़ाई का रूप भी धारण कर लेती थी   गृह कलह इतना विकराल रूप धारण कर लेता कोई किसी से बात ना करता और खाना पीना भी ना खाने की धमकी कविता की सास दे देती … Read more

फिर गृह प्रवेश – जयश्री बिरमी

जैसे ही मीता ने कहा कि बेटी हो तुम मां का दर्द तो बेटियां ही ज्यादा समझती हैं।सामने से बेटी रिया ने फोन एकदम काट दिया और वह बोलती रह गई। फोन को हाथ में लिए उसको तक के देखती रही। सारी उम्र की तकरीर सामने से गुजरने लगी।जैसे सिनेमा देख रही हो।   वह ७ … Read more

रानी – संध्या त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आइए ना सासू माँ ….आप भी हमारे बीच बैठिए , हम सब देवरानी जेठानी और दीदी मिलकर खूब मजे ले रहे हैं अपने अपने पतियों की …स्वर्णा ने अपनी सासू माँ से कहा .. अरे तुम लोगों के बीच मैं क्या बैठूंगी , तुम सब आपस में गप्पे मारो सुभद्रा … Read more

तारीफ हो या बुराई हम दोनों की होगी – अनीता शर्मा बुंदेलखंडी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रिया की शादी हुए अभी सिर्फ दो महीने हुए थे। ससुराल में रिया के पति और सास के अलावा एक जेठ जी और जेठानी जी थे। जेठानी जी के अभी बच्चे नहीं थे। क्योंकि उन की शादी को अभी एक साल ही हुआ था। कुल मिला कर एक खुशहाल परिवार … Read more

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