दो बोल प्यार के –  पुष्पा जोशी

New Project 89

   ‘रजनी जल्दी उठो मुझे बहुत तकलीफ हो रही है’ शेखर बाबू ने कराहते हुए कहा। सुबह की ५ बजी थी। रजनी ने उठकर देखा शेखर से बैठा भी नहीं जा रहा था। उसने उसे तकिये का सहारा लेकर बिठाया और बेटे को आवाज दी  ‘रानू  ! देखो तुम्हारे पापा को क्या हो रहा है?’रानू उनका … Read more

संभलते रिश्ते  – ऋतु गर्ग

New Project 87

अनुजा अपनी बहन से बहुत प्यार करती थी । जब भी कुछ सामान लाती तो अपनी छोटी बहन के लिए लाना कभी नहीं भूलती और वह आशा करती कि सभी भी दोनों बहनों को समान रूप से प्यार और सम्मान दे।  माता-पिता को लगता कि अनुजा तो बड़ी है उसे हर बात को समझना चाहिए … Read more

 प्यार की खुशबू – संगीता श्रीवास्तव

New Project 86

शीतल नाम था उसका जो अब शीतली के नाम से जानी जाती है। बहुत प्यारी, गोरी चिट्टी, अच्छी कद -काठी की। मुझे बीते दिन याद आने लगे जब वह मुझे पहली बार मिली थी ।क्या सलीका था- उठने बैठने ,बोलने चालने और पोषाक! पोषाक के तो क्या कहने, जिसे देख कर ही‌ ऐसा लग रहा … Read more

ऐसे भी लड़के वाले होते हैं – मीनाक्षी सिंह

New Project 84

रंजना आज किंजल को देखने लड़के वाले आ रहे हैं ,सब तैयारी कर लेना ! लिस्ट बना दो जो जो सामान लाना हो ले आऊँ ! कितने लोग आ रहे हैँ ?? यहीं कोई आठ लोग ! कोई बात पक्की हो जायें तो इतने लोग आयें भी तो ठीक लगे ! उनकी आवभगत करो फिर … Read more

प्यार का जाल – नंदिनी

New Project 2024 05 05T225422.575

बड़े नाजों से पली दो बहनें नीरू ,खुशबू  कभी भी नीरज शुभांगी ने कोई कमी नहीं रहने दी, हर  ख्वाहिश को पूरा किया । बढ़ती उम्र के साथ मौज मस्ती ,घूमना , दोस्ती यारी स्वाभाविक है ।  ऐसे में बड़ी नीरू की दोस्ती मोहित से हुई , पहला साल कॉलेज का अलग ही उत्साह उमंग … Read more

माफ़ी – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

short story in hindi

रामदिन काका ने प्रभा के कमरे के बाहर दरवाजे पर खड़े होकर आवाज लगाई। “बहुरिया आपके बाबूजी आए हैं मिलना चाहते हैं। उन्हें बुला लूँ अंदर !” काका को ही पूरे घर के देख -रेख की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रभा जब से ब्याह कर इस घर में आई थी तब से ही देखा था … Read more

जिम्मेदारी घर की – नंदिनी

New Project 70

रोहन बड़ा खुशमिजाज था,जहाँ नोकरी करता था अंजली भी आई कुछ महीने पहले ,नोकारी नई थी रोहन ने सब काम समझाने में सहायता की ,थोड़ी बहुत बातें हो जाती थीं  धीरे धीरे  दोपहर का खाना भी साथ होने लगा और दोनों को अहसास हुआ कि वो एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं ,रोहन ने … Read more

औरतों की जिम्मेदारियां तो मरते दम तक भी पूरी नहीं होती!! – सरोज प्रजापति

New Project 11

” अरे जिज्जी आज अचानक कैसे कोई खबर भी ना दी!!” निर्मला अपनी बड़ी बहन सरला से गले मिलते हुए बोली। ” तू तो बिल्कुल निर्मोही हो गई। सिर्फ तुझे अपने बच्चे और पोते पोतियो का ख्याल रहता है। एक बड़ी बहन भी है तेरी उसकी भी कभी खोज खबर ले लिया कर। खुद तो … Read more

 सॉरी या अकड़ – नीलिमा सिंघल

New Project 2

“नहीं खाना,,तुम्हारे हाथ का खाना” गुस्से मे चिल्लाते हुए तरुण ने खाने की थाली सरकाई,,और वही सोफ़े पर औंधे मुहँ पड़ गया,,, तन्वी ने आँखों मे आयी नमी को पोछा और अपना खाना भी फ्रिज मे रख दिया, और कमरे मे आकर बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी,,,,,  “अब ये आए दिन की बात हो … Read more

बेटी से बहू तक का सफ़र – स्नेह ज्योति

New Project 2

संयुक्त परिवार में पली रत्ना बचपन से ही आलसी ,कामचोर रही । काम करने की ज़्यादा आदत ना होने के कारण जल्द ही थक जाती और दूसरों को अपने काम थमा तफ़रीह पे चली जाती । जब तक छोटी थी तब तक सब ठीक था जैसे-जैसे वो बड़ी हुई घर के प्रति जिम्मेदारी काम के … Read more

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