गर्व- आरती झा आद्या  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : एक महानगर का रेड लाइट एरिया जहाँ सभ्य समाज के लोगों का रात के वीराने में आना जाना लगा रहता था। वहाँ की सबसे सुन्दर लड़की शब्बो रानी थी। यूँ तो उसका नाम शबनम था, पर सभ्य समाज ने शायद अपनी सहूलियत के लिए उसका नाम शब्बो रानी रख दिया … Read more

खानदान (भाग 2)- उमा वर्मा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बेटा बहू को छोड़ दिया कि जाओ,तुम लोग घूमो,फिरो।फिर समय आगे बढ़ता गया ।पोते की अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश हुई तो अच्छी नौकरी भी लग गई ।वह मुम्बई के एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने लगा।नौकरी करते चार साल हो गये ।बेटे को चिंता हुई अब इसकी शादी … Read more

खानदान (भाग 1)- उमा वर्मा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालती चुप चाप सोफे पर चिंता में बैठी है ।बेटा – बहू कल आ रहा है अपने बेटे के पास ।उसे तो खुश होना चाहिए था लेकिन वह बहुत परेशान है।दो महीने से मालती अपने पोते के पास है ।पूना में ।बेटा बहू पटना में रहते थे ।वहां पति का … Read more

खानदान और संस्कार – ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आज सूरजमल जी लज्जा, पीड़ा और शर्म से अपनी गर्दन झुकाए बैठे थे , आज जब उनके ही सामने उनके घर की बहू बेटियां पाश्चात्य  परिधानों में कुछ हद तक नग्नता धारण किए लाउड म्यूजिक पर नाच रही थी। इस सब में उनका साथ उनके घर के बेटे दे रहे … Read more

कन्यादान – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

ओ. रामपति बहन, सभी दो दिनों के लिए हरिद्वार जा रहे हैं तू भी चल! नहीं बहन.. एक बार बेटी का कन्यादान कर दूं फिर गंगा नहाऊं! जवान बेटी को अकेली कैसे छोड़ कर जाऊं? एक बार बेटी ससुराल चल जाए फिर मेरी जिम्मेदारी खत्म! बेटी की चिंता अकेली मां के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी … Read more

गंगा नहाना जरूरी तो नहीं… – मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

 हम दोनों बहनों की शादी नहीं हुई थी तब मेरे पापा से लोग बातों बातों में ही कहते रहते थे दोनों बेटियों की शादी करने के बाद गंगा नहाना… एक बार की बात है ।कि मैं वहीं खड़ी थी और मेरे पापा ताई जी से बात कर रहे थे ताई  जी बेटियों की शादी के … Read more

खानदान – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : सेठ दीनानाथ के आंखों से नींद कोसों दूर थी सोंचते सोंचते वे अपने जीवन में लिए गए फैसलों पर शर्मिंदा हो रहे थे । दीनानाथ और उनकी पत्नी पांच बेटियों और दो बेटों का भरा पूरा परिवार था। बेटे दोनों बड़े थे और बेटियां बेटों से छोटी थी । बेटों … Read more

समय समय की बात है…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “ लो फिर से आ गई महारानी अपने दोनों बच्चों को लेकर…. अब इनके लिए भी खाना बनाओ… देखो जी कहे देती हूँ… आपको आदत है हर दिन पराठे खाने की तो आपको तो दे दूँगी पर उन दोनो के लिए नहीं बनाने वाली … तो बस भूल से भी … Read more

पहले क्यों नहीं बताया (भाग 1) – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मोबाइल पर रिंग होते अनुज जल्दी से मोबाइल लेकर बालकनी में जाकर धीरे-धीरे बातें करने लगा। लगभग महीने भर से ये सिलसिला चल रहा था… पत्नी मनस्वी ये सब देख कर अनुज पर अब शक करने लगी थी… बहुत बार वो कोशिश करती देखे तो सही किसका फ़ोन आ रहा … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( अंतिम भाग ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“टिंग, टोंग”, बातें करते करते विनया की ऑंख लगी ही थी कि मुख्य द्वार की घंटी किसी के आगमन की सूचना देने हेतु मुखर हो उठी। विनया हड़बड़ा कर उठ बैठी, “ओह हो, चाय का समय हो गया और मेरी ऑंख लग गई। दरवाजे पर कौन है।” घंटी की आवाज पर संपदा को उठकर दौड़ते … Read more

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