मां होने की मुसीबत – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज अपनी बेटी के मुंह से नानी की तारीफ सुनकर अंजू अवाक रह गई।बेटियां कितने अच्छे से विश्लेषण कर पातीं हैं,अपनी मां के मायके का।कभी किसी बात पर रोक -टोक ना करके भी ,अपने मन का करवा लेने वाली “मां” की उपाधि दी थी बेटी ने उसे।परंपराओं को स्वेच्छा से … Read more

अभिमान नहीं स्वाभिमान बचाओ – शुभ्रा बनर्जी 

मेरी बेटी मेरी गुरु,मेरी गाइड,मेरी वकील और मेरी न्यायाधीश सभी है।डिलीवरी के समय सोनोग्राफी करवाने पर जब पहली बार पता चला था मुझे कि मेरे गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं,जिनमें से एक खराब हो गया और एक स्वस्थ है,सकते में आ गई थी मैं।यह इतिहास बन जाएगा मेरे और पति के खानदान में।ऐसा पहले कभी … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 2):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पत्र पढ़कर राजेश्वरी तो बहुत रोईं, नवल किशोर जी भी दुखी थे कि न जाने बेटा अकेले-अकेले कहाँ भटकेगा।वे रोज उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना करते।     हाथ में बैग लिये राघव सोचता चला जा रहा था कि आगे और कौन-कौन-सी मुसीबतें आएँगी…वह कैसे उनका सामना करेगा.. कि अचानक वह एक … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 1):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” बस माँ…अब तो इस घर में मैं रहूँगा या ये…।” हाथ से कोने में खड़े राघव की ओर इशारा करते हुए प्रशांत बोला।     ” ये तू क्या कह रहा है प्रशांत….राघव तेरा भाई है…।” राजेश्वरी जी आहत स्वर में बोली।   ” हाँ …मगर सौतेला जो मेरा हक…।” ” नहीं … Read more

जीने का मकसद (भाग -2) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अशक्त मां शक्तिमान सी पास ही खड़ी थी उसके स्नेहिल हाथों का स्पर्श उसे अपने बालों पर कंधों पर महसूस हो रहा था … मां कह उसकी ओर मुड़ा ही था कि हॉस्पिटल बेड पर अपने कमर के नीचे की रिक्तता की पीड़ा से स्तब्ध हो उठा … दोनों पैर … Read more

जीने का मकसद (भाग – 1) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सच है मुसीबत कभी अकेले नहीं आती ना जाने उसे भी कई संगी साथियों के साथ ही आना रास आता है…! प्रत्यूष की जिंदगी भी ठीक ठाक चल रही थी..बस एक ही अड़चन थी या यूं कहें कि मुसीबत थी कि उसे अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई थी और … Read more

किस ज़माने की बात कर रही हो – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राम राम सारा धर्म भ्रष्ट कर दिया क्यों री बहू तूझे क्या यही मिली थी खाना बनाने कोई उच्च कुलीन वर्ग की नहीं मिली कोई चाहे जिस को भी रसोई में घुसा लेती है मैं तो इसके हाथ का पानी भी नहीं पियूंगी अमिता की सांस ने अमिता से कहा … Read more

तपस्या – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

मम्मी समझाओ न पापा  को मुझे कोचिंग नहीं करनी है क्यों मेरे पीछे पड़े हैं। मैं कोटा नहीं जाउंगा। मुझे नहीं बनना डाक्टर , इन्जिनियर ।  मैं वहीं करूंगा जो मुझे पसंद है। मैं सिविल सर्विसेज में जाना चाहता हूं अतः उसकी ही तैयारी करूंगा। मम्मी में किसे समझाऊं तुझे या तेरे पापा को ।अभी … Read more

मुसीबत- मनीषा श्रीवास्तव: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज नीना को सब कुछ याद आ रहा था ।नीना समझ नहीं पा रही थी कि अपनी यादों में उठते इस बवंडर को समझना कहां से शुरू करें नीना ने फिर से अपने अतीत के गलियारे में झांक कर अपने ही पुराने दर्द को पुराने जख्मों को कुरेदना शुरू किया … Read more

छलिया दोस्त – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ देख लिए ना मेरी बात नहीं मानने का नतीजा… आपसे कितनी बार कहा था मुझे चरण पर जरा भी भरोसा नहीं है पर आप तो उस पर आँख बंद करके भरोसा करते रहे….अब बोलिए क्या होगा… बेटी के लिए जो भी जमा पूँजी रखी थी सब आपने गंवा दी।”तरूणा आवेश में अपने पति संतोष … Read more

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