चाय की दुकान – पुष्पा पाण्डेय

जब से गाँव में पक्की सड़क बन गयी थी, गोपाल ने  दूसरों के खेतों में काम करना छोड़ दिया और  सड़क किनारे एक चाय की दुकान खोल लिया था। पक्की सड़क बनने से वाहनों की संख्या भी बढ़ गयी। धीरे-धीरे आमदनी में बढ़ोतरी होने लगी। दुकान खोलने का निर्णय गोपाल का सही साबित हुआ। अब … Read more

मुस्कान-पुष्पा पाण्डेय

रजनी को अपने निर्णय पर हमेशा पश्चाताप होता रहा था। शादी के दस साल बाद भी जब वह माँ नहीं बन पायी और न ही भविष्य में बनने की सम्भावना थी, तो डाॅक्टर पति ने अस्पताल के गेट पर छोड़े दो दिन की बच्ची को उठाकर घर लाए। पत्नी से विचार विमर्श करने के बाद … Read more

जागरूक – वंदना चौहान

माँ आपने घर के कागजात तैयार करवा लिए क्या ?कब करवा रही हो? रजिस्ट्री डेट तय कर दो । मैं उसी दिन सीधे रजिस्ट्रार ऑफिस पहुँच जाऊँगी और हाँ अपने लॉकर की चाबी भी ले आना । मैं देखती हूँ इस भाभी को तुझे पलट कर जवाब देती है जब दोनों सड़क पर आ जायेंगे … Read more

ननदो के प्रकार * – प्रीती सक्सेना

ससुराल में सास के बाद सबसे इंपोर्टेंट और खतरनाक जो प्राणी पाया जाता है वो ननद होती है, ननद का घर में महत्वपूर्ण स्थान होता है, माता पिता की ओर भाई की तो लाडली होती ही है, भाई की शादी के बाद माताजी के मन में इनके लिए कुछ अतिरिक्त स्थान और प्यार की मात्रा … Read more

नमक की मिठास* – सरला मेहता

शेखर जी बेटी के सास ससुर ममता जी व अनुपम जी से हाथ जोड़ते हुए विनती कर रहे हैं, ” जी, अपनी ओर से मैंने बेटी को सारे संस्कार दिए हैं। आज मैं जीवन भर की पूंजी आपको सौप रहा हूँ। बिन माँ की बेटी से कोई गलती हो तो माफ़ कीजिएगा। “ सासू जी, … Read more

परायी नार –अरुण कुमार अविनाश

पार्टी में पति नयी नवेली परियों को ताड़ रहा था – पत्नी की नजरें पति की नजरों का पीछा कर रहीं थी –  पत्नी ने कई बार इशारा किया – पर, नव-नूतन चेहरें का आकर्षण – पति की बे-लगाम ख्वाहिशों पर – नियंत्रण नहीं कर पा रहें थे – पति दो पल के लिये सावधान … Read more

फिर कब मिलोगे – रीमा महेंद्र ठाकुर 

वो नजरें चुरा रहा था, खनक “से पर खनक उसकी आंखों में कुछ तालाश रही थी, पर वो उससे कुछ छुपाने की कोशिश कर रहा था! उसकी खामोशी, खनक को चुभ रही थी!  अखिर ऐसा क्या हुआ था!  शिवा पहले तो ऐसा न था, खनक के सीने में कुछ दहक रहा था! शायद शिवा के … Read more

ठोस जमीन – सुनीता मिश्रा

सुधा ने आकर रंभा के सामने लड़कों के पाँच-छ, फोटो रख दिए। रंभा ने पूछा “भाभी यह क्या है ?” जवाब मिला “आपके लिए यह फोटो भेजे गए हैं ,आप तय कर लें आपको कौन पसंद है ।यह सभी लड़के अच्छे घरों के,अच्छी पोस्ट पर,जॉब करने वाले और सुंदर सुशील हैं।अब आपकी मर्जी आप किसे … Read more

मेरी नहीं हम दोनो की दीदी – लतिका श्रीवास्तव 

   मैं अब यहां एक पल भी नहीं रुक सकती…मुझे अभी मेरे मायके ले चलो.. सुमी की दिन रात की यही रट अविनाश को परेशान कर रही थी। वो उसे कैसे समझाए कि मेरी बड़ी बहन मेरी मां जैसी ही है मेरे लिए.. मां तो बचपन में ही गुजर गई थीं रमा दीदी ने ही मुझे … Read more

छुपे रुस्तम – कंचन श्रीवास्तव

तुम्हें जो पैसे मिलते हैं आखिर  तुम उसे करती क्या हो,न अपने ऊपर खर्च करती हो न घर गृहस्थी में और न बच्चों पर। इतना कहकर रवि दूसरे काम में लग जाता।और राधा अपने काम में । सभी भाई बहनों में वो सबसे छोटी है इसलिए  सभी उसका ख्याल रखते पर शादी के बाद उसे … Read more

error: Content is protected !!