अनंत यात्रा, – उमा वर्मा

दीदी की बीमारी की खबर सुनकर मन बेचैन सा हो गया ।इस बार तो जरूर जाउंगी ।हर बार अपने पैर के दर्द से परेशान रहने के कारण मेरा कहीं जाना मुश्किल हो गया था ।मेरे घुटने का दर्द मुझे यात्रा करने की इजाज़त नहीं देता ।फिर भी अपनी दीदी से मिलना होगा यह सोच ही … Read more

क्या कोई आयेगा? – दर्शना जैन

कई बार अमरदीप काम से लौटता और उसका अपनी पत्नी उर्मिला पर जरा-जरा सी बात पर चिल्लाना शुरू हो जाता। उर्मिला को बुरा लगता तो उसकी सास कहती,” समझा करो बहू, काम कर करके थक जाता है बेचारा अमरदीप, फिर उसे काम का तनाव भी कितना होता है। ऐसे में कभी अगर वह चिल्ला भी … Read more

निर्णय – प्रीति आनंद

  “दीक्षा , आज हमारे ऑफ़िस में गेट-टुगेदर लंच है, सभी को अपनी फ़ैमिली को लेकर आना अनिवार्य है। मैं बारह बजे आऊँगा तुम्हें पिक-अप करने। तैयार हो जाना कुछ अच्छा-सा पहन कर।” राकेश ने दफ़्तर के लिए निकलते हुए फ़रमान सुना दिया। “पर राकेश, आज तो मुझे ऐयरपोर्ट जाना है कामिनी को मिलने। तुम्हें … Read more

आदर – सुनीता मिश्रा

ट्रेन  से उतर मै और दादी ने गाँव की बस पकड़ी।बस भी गाँव के अंदर तक कहाँ जाती थी।सरकारी योजना के तहत बनी पक्की सड़क ने हम दोनो को करीब गाँव से छ किलोमीटर की दूरी पर उतार दिया। सड़क के किनारे बिसना बैल गाड़ी लिये खड़ा हुआ था।दादी के उसने पैर छुए। बिसना दादी … Read more

समझदार – रेखा मित्तल

     मां की तबीयत खराब थी। कुछ उम्र का तकाजा, कुछ घुटनों का बढ़ता दर्द। मुझे कल 5/7 दिनों के लिए मां के पास जाना था। 1 सप्ताह से तो बड़ी दी देखभाल कर रही थी परंतु उनकी भी छुट्टी खत्म हो रही थी तो अब मुझे वहां जाना था। प्रोग्राम पहले से ही तय था। … Read more

रूपकुंड झील  – गरिमा जैन

रूपकुंड झील जहां कहते हैं रात बिताने वाला कभी वापस नहीं आता ।हिमालय की सुंदर पहाड़ियों के बीच स्थित यह झील अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए हैं और इन रहस्यों को सुलझाने के लिए पैरानॉर्मल एक्सपर्ट गौरव  सुमित के साथ वहां जाने का प्रोग्राम बनाता है। सुमित और गौरव ने पहले भी कई पैरानॉर्मल … Read more

प्यार की एक कहानी – नीलम सौरभ

वह हल्के कुहासे से भरी एक सुहानी सुबह थी। सवेरे की सैर पर निकले हुए लोगों के लिए अति आनन्द भरी थी। पर उस परिवार के वृद्ध मुखिया बब्बाजी आज बेहद गुस्से में भरे हुए शीघ्र ही घर लौट आये। रोज की नियमित दिनचर्या के तहत वे टहलने गये थे, लेकिन आज अपने पुराने ठिकाने … Read more

मैला आँचल – रंजना बरियार

‘किरण , तुम यहाँ?…’ स्वास्थ्य मंत्री प्रकोष्ठ के बाहर , ऊँची हिल की सैंडल ,कड़क साड़ी  पहनी, गुलाबी लिपस्टिक लगाकर, घूमती किरण को देखकर आश्चर्य से डॉ सौरभ प्रकाश ने पूछा । ‘जी , मैं इन दिनों यहीं काम करती हूँ…’ किरण ने संक्षिप्त सा जवाब दिया । ‘क्या काम करती हो यहाँ ?’डॉक्टर ने … Read more

धरती का स्वर्ग – कंचन श्रीवासत्व

************* ऐ क्या है मां ये….…ये ….. फोटो किसकी है और मुझे क्यों दिखा रही हो। तो मुस्कुराते हुए सुलेखा ने कहा । अरे ! पापा ने लड़का देखा है । तो उसे आश्चर्य से पूछा! किसके लिए – इस पर उसे गले लगाते हुए  बोली तुम्हारे लिए । देखो कैसा है। पर मां…….। मैं … Read more

बेआवाज लाठी – रीटा मक्कड़

इकलौते बेटे को ब्याह कर  सुमित्रा काकी बड़े चाव से बहु ले कर आई।इतनी खुश थी आज कि जैसे सारी खुशियाँ एक ही बार में समेट लेगी। बड़ी देखभाल कर छाँट कर लड़की चुनी। जो बेटे की तरह ऊंची लम्बी हो , सुंदर भी लगे और खानदानी भी हो। सारी जिंदगी लोगों के कपड़े सिलकर … Read more

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