गाजर ,मूली समझना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चमेली आज सुबह से बर्मा जी के घर काम में लगी थी , सिर्फ एक कप चाय पीकर वह भी विना किसी नाश्ते के।जानती थी कुछ कहने का मतलब बर्मा मैडम का लैक्चर चालू हो जाता। तुम लोगों को चाहे कितना भी पैसा देदो,जरासा काम आजए तो नतीजा वही ढाक के तीन पात आज मिसिज … Read more

साक्षात्कार (इंटरव्यू) – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

रुचि आज जॉब इंटरव्यू की तैयारी कर रही थी। मगर उसका मन बहुत घबरा रहा था। पिछले 6 महीनों से वह अलग-अलग जगह पर कई कंपनीयों में  इंटरव्यू दे चुकी थी।  पहले दो चरणों में लिखित परीक्षाओं में पास हो जाती थी। तीसरे चरण में साक्षात्कार तो उसके अच्छे ही होते थे। परंतु परिणाम बिल्कुल … Read more

सपना का पश्चाताप – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

  सपना का रो रो कर बुरा हाल था | वह अस्पताल में बैठी भगवान् को याद कर रही थी | उसके पति  की गाड़ी को आफिस से घर आते हुए एक दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दिया था और वे धायल हो गये थे | कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया था और उनके … Read more

गाजर मूली समझना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

रानी ओ रानी , कहाँ मर गई , अब घरवालों ने नाम रानी रख दिया तो क्या सच में ही ख़ुद को रानी समझने लगी , कबसे आवाज़ दे देकर मेरा गला सुख गया , ज़िंदा है या मर ही गई आज??? शांति देवी ने कामवाली रानी को बुलाने के लिए पूरा घर सर पर … Read more

गाजर-मूली समझना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

राखी  को  जितना अपने रुप और पैसे का  घमंड था ,उसके पति राजीव उतने ही सरल और विनम्र स्वभाव के थे।राखी अपने समक्ष हर किसी को गाजर-मूली के समान तुच्छ  समझती थी,चाहे वो परिवार के सदस्य हों, सहेलियाँ हों या नौकर -चाकर! उसके घमंडी स्वभावके कारण उसके पड़ोसी या दोस्त सभी उससे खिंचे-खिंचे से रहते … Read more

झूठी शान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे रामसिंह हटवाओ इन रेहड़ीवालों को कैम्पस के अंदर से… तुम्हें कितनी बार समझाया है इन लोगों को अंदर मत आने दिया करो।” इंटरकॉम पर अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गार्ड को फ़ोन कर के मनोहर जी ग़ुस्सा जता रहे थे “ साहब हमने तो मना ही किया पर वो जो 204 में नए लोग शिफ़्ट … Read more

गाजर मूली समझना – प्रतिभा भारद्वाज ’प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“अब क्या हुआ, अब क्यों रो रहे हो आप…निकाल लीजिए अपने बेटे के सभी अंग और बेच दीजिए अच्छी कीमतों पर…. आप तो बहुत होशियार सर्जन हैं…..कोई तकलीफ भी नहीं होगी आपको…. “अपने 10 वर्षीय बेटे के शव पर विलाप करती मधु चीख चीखकर अपने पति डॉ. मयंक से कह रही थी। उसका इकलौता बेटा … Read more

नियति का रंग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 देखो मनीष,कुसुम मेरी बहू है,पर जब वह वंश बढ़ाने में सक्षम नही है,मुझे पोता नही दे सकती,मां ही नही बन सकती तो कुछ तो सोचना पड़ेगा ना।वह घर मे रहे मुझे आपत्ति नही,पर तुझे दूसरा ब्याह करना ही पड़ेगा।समझ रहा है ना तू? मैं सब समझ रहा हूँ माँ, तुम्हारा आशय यह है कि जिस … Read more

नींव घर की – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शोभा शाम को सब्जी खरीदने के लिए बाजार गई होती है तभी उसकी मुलाकात उसकी एक पुरानी सहेली से होती है। दोनों सहेलियां बड़ी गर्म जोशी के साथ मिलती हैं। लगभग 10 साल हो गए होंगे, दोनों को एक दूसरे के बिना देखे हुए लेकिन देखते ही दोनों तुरंत पहचान लेती है। उसकी सहेली कोमल … Read more

गला काटना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सरिता बहु यदि तुम्हे इस घर में हिस्सा चाहिए तो जैसा मैं कहता हूं वैसा ही करो….. वरना छोटे को इसका आधा हिस्सा देकर तुम गांव के घर मे अपना हिस्सा ले लो। लेकिन याद रखो मैं तुम्हे कोई पैसा नही दे पाऊंगा यदि गांव के घर मे हिस्सा चाहिए तो वंही चलकर रहना पड़ेगा … Read more

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