हाथ का मैल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” दीदी..इसमें कंजूसी की क्या बात है..मोजे तो ठीक ही हैं, बस ज़रा इलास्टिक ही तो…।फिर बेटी स्कूल पढ़ने जाती है,मोजे दिखाने तो नहीं..।” मालती अपनी जेठानी सुलेखा को समझाने लगी लेकिन हमेशा की तरह सुलेखा ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। सुलेखा का मायका धनाड्य था और पति महेश एक व्यवसायी।पैसे की कमी … Read more