गुरुर – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” पापा आपको आपके पैसो का बहुत गुरुर है ना तो रखिये इन्हे संभाल कर नही चाहिए मुझे , आपको अपने बेटे से ज्यादा पैसे प्यारे है इसलिए बेटे की खुशी कोई मायने नही रखती आपके लिए कैसे पिता है आप  !” तनुज के इतना बोलते ही सकते मे आ गये पिता राजेश और माँ … Read more

“माँ की सीख ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“भाभी कैसा खाना बनाया है आपने आपको जरा भी खाना नही बनाना आता क्या हद है पता नही भैया कैसे झेल रहे आपको !” शादीशुदा ननद मायके मे भाभी से बोली। ” दीदी अभी मुझे यहां का हिसाब नही मम्मी जी भी घर पर नही थी और आपको तो पता है मेरी तबियत भी ठीक … Read more

अपवित्र कौन ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” हेलो सौरभ और तान्या इनसे मिलिए मेरी वाइफ चेताली !” ऑफिस की पार्टी मे सौरभ के साथ काम करने वाले उसके दोस्त रोहन ने अपनी पत्नी से परिचय करवाया। तान्या ने चेताली को गले लगा लिया। ” हेलो भाभी आपसे मिलकर अच्छा लगा !” सौरभ चेताली से बोला।  सब लोग पार्टी मे एन्जॉय कर … Read more

” खानदान की इज्जत ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” भैया एक महीने बाद अपनी निशु की शादी है आप सभी लोगों को कम से कम पंद्रह दिन पहले आना है क्योंकि आपको ही सब काम देखने है !” राजन पत्नी स्मिता के साथ अपने बड़े भाई निरंजन के घर आया और बोला। ” एक तो तुम्हारी बेटी अपनी पसंद से उस पंजाबी से … Read more

ढलती साँझ – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

” नीता …नीता !” माधव ने चीख कर पत्नी को पुकारा । ” क्या हुआ , आप इतने व्यथित क्यो हो ?” नीता जल्दी से रसोई से बाहर आई और पूछा । ” सब बंद कर दो कोई खाना नही बनेगा और फटाफट कुछ कपड़े बैग मे डालो हमें अभी निकलना है !” अश्रुपूर्ण आँखों … Read more

वो किसी के घर की इज्जत है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मयंक मेरी ना का मतलब सिर्फ ना ही है । मैं यहां अफेयर्स के लिए नहीं आई हूं मुझे पढ़ लिख कर अपने मां बाप का नाम रोशन करना है अपने गांव के लोगों को बताना है कि बेटियां भी बहुत कुछ कर सकती हैं!” श्रेया ने अपने कॉलेज के दोस्त मयंक से कहा … Read more

हमें भी अपनाओ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बधाई हो बधाई ललना ने जन्म लिया बधाई हो बधाई !” आँगन मे किन्नरों ने नाचना शुरु कर दिया था । नाचते भी क्यों ना आखिर पांच साल बाद मुस्कान ने बेटे को जन्म दिया था । बहुत खुश थी मुस्कान की सास शर्मिला जी पर साथ ही तनाव मे भी थी क्योकि किन्नरों … Read more

कभी कभी कड़वी गोली देनी पड़ती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बेटा आज भी नौकरी नही मिली तुझे ?” बेटे सुमित के घर मे घुसते ही माँ सीमा ने पूछा। ” नही माँ !” संक्षिप्त सा उत्तर दे सुमित कमरे मे चला गया। ” चल हाथ मुंह धोकर आजा मैं खाना लगाती हूँ !” माँ ने पीछे से आवाज़ दी।  ” कोई जरूरत नही है … Read more

अपूर्ण कौन ?? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” कहते है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसे कदम कदम पर किसे दूसरे की मदद की जरूरत पड़ती ही है जो जन्म लेने ( बिना किसी की मदद संसार मे नही आ सकते ) से मृत्यु तक ( बिना किसी सहारे श्मशान तक नही जा सकते ) चलती है । ये मदद हर कोई … Read more

” गलती” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या हुआ निशु इतना उदास क्यो हो ?” हेमंत घर मे आते ही पत्नी से पूछने लगा। “हेमंत पापा ने तुम्हारे साथ इतनी बतमीजी से बात की अपनी बेटी के पति से ..ये मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा !” निशु हेमंत को देख रोते रोते बोली। ” अरे तो इसमे इतना रोने वाली क्या … Read more

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