क्योकि मैं अब माँ हूँ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मै कपड़े कहां बदलूं ?” बुआ के यहां शादी में आईं बारह साल की श्रीति अपनी मम्मी स्नेहा से पूछती है। ” बेटा यहां सब औरतें ही तो हैं और सब यहीं बदल रहे तुम भी यहीं बदल लो ना अब कोई और कमरा नहीं है यहां शादी का घर है बेटा समझो बात … Read more

खुशियां पैसों की मोहताज तो नही !! – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” सुनो सौरभ मिट्ठू का पहला जन्मदिन है सब पूछ रहे है कहाँ मना रहे है हम अपनी बेटी का पहला जन्मदिन !” खाने के बाद जब सौरभ टीवी खोलकर बैठा तो उसकी पत्नी मानसी रसोई का काम निपटा उसके पास आकर बोली।  ” मानसी तुम्हे तो सब हालात पता है तो तुम सबसे बोल … Read more

पसंद बेटे की तो सजा बहू को क्यो ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

उसके विनम्र स्वभाव ने सबका दिल जीत लिया था। वो थी भी तो कितनी प्यारी जो उससे एक बार मिल ले उसका होकर रह जाता था हमेशा चहकती रहती थी मजाल है जो उसके चेहरे पर शिकन भी नजर आए। पर आज कैसे शांत पड़ी थी अस्पताल के बेड पर। बाहर घर वालों के साथ … Read more

बड़ा बच्चा भी बच्चा है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” अदिति शाम को हमे बाजार चलना है तुम्हारे भाई के लिए कुछ कपड़े लेने इसलिए अपना होमवर्क जल्दी से पूरा कर लेना तुम !” सुजाता अपनी दस साल की बेटी से बोली। ” मम्मा भाई का तो बर्थडे भी  फिर उसके लिए कपड़े क्यों?” अदिति मासूमियत से बोली। ” अरे तो क्या हुआ बर्थडे … Read more

नाजों पली – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कॉलोनी के पार्क मे सुबह आसपास के काफी लोग आया करते थे । ज्यादातर बड़े बूढ़े वहाँ थोड़ा घूम कर बतियाने लगते , जवान दौड़ लगाते या व्यायाम करते और बच्चे साइकिल चलाते या कुछ ना कुछ खेल खेलते ।  ऐसे ही एक सुबह बड़े बूढ़े आपस मे बतिया रहे थे । उनमे कुछ 70-80 … Read more

प्यारा सा रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“आंटी यहाँ कोई कमरा किराये पर मिलेगा क्या ?” धूप मे बैठ ऊंघ रही सविता अचानक एक मधुर आवाज़ से हड़बड़ा कर जागी।  ” आआआ ..कमरा हां मिल जायेगा पर कितने लोग रहेंगे ?” सविता ने अपनी हड़बड़ाहट और नींद पर कुछ काबू पाते हुए पूछा।  ” जी आंटी बस मुझे ही रहना है असल … Read more

हर बेटी यही तो चाहती है – संगीता अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

” भाभी मैं बुआ बनने वाली हूँ बढ़िया सा नेग लूंगी आपसे !” नीलू अपने मायके आने पर अपनी गर्भवती भाभी आस्था से बोली। ” हां हां क्यो नही नेग तो बनता है तेरा !” आस्था की जगह उसकी सास रेखा बोली । आस्था तो मानो नीलू की बात सुनकर कहीं खो सी गई थी।  … Read more

ननद – भाभी का रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या दीदी इतने दिनों बाद आई हो मायके को भूल ही गई थी । लगता है जीजाजी से बहुत प्यार मिलता है जो हम लोगो की तो बिल्कुल याद ही नही आती आपको । पर ये तो गलत है ना जीजाजी का प्यार अपनी जगह , हम लोगो का अपनी जगह !” नताशा के … Read more

क्या रंग भेद सही है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मेरी शादी की चिंता आप छोड़ दीजियेगा हाथ जोड़ कर विनती है आपसे नही करनी मुझे शादी। आप चाहे तो सुमि की शादी कर सकते है !” नम आँखों से नीति ने अपने माता पिता से कहा। ” पर बेटा ऐसे कैसे ये फैसला कर सकती हो तुम बड़ी हो तुम्हारी शादी नही होगी … Read more

लड़की भी गलत होती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” खानदान की बड़ी बहू बनकर जा रही हो बेटा पूरे खानदान को एक सूत्र मे पिरो कर रखना तुम्हारा फर्ज होगा !” बारात आने से पहले आनंद बाबू ने बेटी दीक्षा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। ” पापा क्या सारे फर्ज बहू को ही निभाने होते है , मैं उस घर मे … Read more

error: Content is protected !!