काश मैंने बेटे की जगह पति और पिता बनकर फैसला लिया होता!! – संगीता अग्रवाल  

New Project 50

” माफ कीजिएगा मांजी आपकी बहु के मरी हुई संतान पैदा हुई है !” नर्स बाहर आ उमा जी से बोली। ” क्या ….और मेरी पत्नी कैसी है ?” उमा जी की बजाय उनके बेटे रक्षित ने पूछा। ” वो अभी बेहोश हैं असल में बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी करवाने की चक्कर में उन्होंने पहले … Read more

शादी बचाने के नाम पर कब तक जुल्म सहेंगी?? – संगीता अग्रवाल 

a cinematic cartoon style illustration of a 40 yea ydY8 NXzQTesPrcDYKHEVA 5xvt1

स्वाति के कानों में अभी भी अपने पति करण के कहे शब्द गूंज रहे थे ..” तुम हो कौन क्या वजूद है तुम्हारा तुम जो खाना खाती हो या जो महंगे महंगे कपड़े पहनती हो ये सब मेरी बदौलत है वरना तुम्हारे बूढ़े मां बाप की सामर्थ तुम्हे पटरी से सौ रुपए के कपड़े लेकर … Read more

बहू ये तुम्हारा कंगला पीहर नहीं संपन्न ससुराल है – संगीता अग्रवाल

New Project 99

रविवार की सुबह सरगम अपने बालकनी में खड़ी थी क्योंकि आज  पति की छुट्टी रहती हैं इसलिए नाश्ता तैयार  नहीं करना होता है.  आराम से बालकनी में खड़े होकर ठंडी ठंडी हवा का लुत्फ ले रही थी.  तभी उसकी नजर नीचे गली में पड़ी शर्मा जी अपनी बेटी से कह रहे थे, “नहीं बेटा क्यों … Read more

कलयुग नही मतलबी युग चल रहा है – संगीता अग्रवाल

New Project 57

“बेटा तुम्हारी माँ की तबियत सही नहीं है वो हर पल तुम्हे याद करती हैं एक बार तुम आ जाओ गांव वैसे भी दो साल हो गए तुम्हे यहां आए हुए !” हरिहरण जी अपने बेटे सोमेश से फोन पर बोले। “ओहो बाबूजी मां की तबियत खराब है तो उन्हें डॉक्टरको दिखाओ मेरे आने से … Read more

धन्य है तू भारत की नारी- संगीता अग्रवाल

New Project 65 1

” क्या हुआ प्रीतो तू यहां अंधेरे मे क्या कर रही है ?” रंजीत अपनी पत्नी के पास आ बोला। ” कुछ नही वो मैं बस यूँही !” प्रीति जिसे रंजीत प्यार से प्रीतो बोलता था वो नज़रे चुराती हुई बोली। ” तू रो रही है प्रीतो एक सच्चे सिपाही की बीवी होकर ऐसे रोना … Read more

दिल से बंधा खूबसूरत रिश्ता – संगीता अग्रवाल

New Project 67 1

“मिताली अगले हफ्ते राखी है तो दीदी आ रही हैं राखी लेकर एक दिन पहले बोल रही थी रात को रुककर राखी वाले दिन सुबह निकल जाएंगी उनकी नन्दों को भी आना है ना इसलिए !” मिताली के पति चेतन ने ऑफिस से आकर कहा। “हम्म …हां कुछ कहा क्या आपने?” मिताली जो कहीं खोई … Read more

वो बदनाम गलियां – संगीता अग्रवाल

New Project 2024 04 29T104436.080

क्या ये बदनाम गलियां ही अब मेरा मुकदर होंगी… क्या मैं कभी खुल कर नही जी पाऊंगी….क्या मुझे यहीं घुट घुट कर जीना पड़ेगा । मेरा नाम मेरी पहचान मेरा वजूद सब खो जायेगा..,? कांता बाई के कोठे के अंधेरे कमरे में पड़ी सत्रह साल की वैशाली ये सब सोच रही थी। वो जितना इस … Read more

error: Content is Copyright protected !!