परीक्षा – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “क्या बात है मोहन इतने परेशान क्यों हो?” स्मिता ने अपने पति से पूछा। ” स्मिता संजना(मोहन की बहन) के ससुराल वाले जल्दी शादी करना चाहते है!” मोहन ने बताया। “तो इसमें परेशान होने वाली क्या बात ये तो खुशी की बात है!” स्मिता ने कहा। “हम्म खुशी की बात … Read more

सास बिना कैसा ससुराल – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” चल नैना बाहर चूड़ी वाला आया है करवाचौथ आ रहा है नई चूड़ियाँ ले ले !” नैना यूँही अनमनी सी बैठी थी कि पड़ोस की भाभी शीतल ने आवाज़ दी। ” नही भाभी मन नही मेरा आप ले लीजिये !” नैना ने गेट पर आ कहा। ” क्यो मन … Read more

औकात – संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मध्यमवर्गीय परिवार की शालू ने पति के ना रहने पर बड़े जतन से दोनो बच्चो को बड़ा किया । इसी साल उसकी बेटी दिव्या ने बारहवीं और बेटे वंश ने दसवीं मे अपने विद्यालय मे सर्वोच्च अंक प्राप्त किये । सभी दिव्या और वंश के साथ साथ शालू को भी … Read more

एक माँ अकेली भी बच्चे की परवरिश कर सकती है- संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :” क्या होगा अब सुनयना का उम्र ही क्या है अभी पेट मे बच्चा और पति साथ छोड़ गया बेचारी के साथ बड़ा अन्याय किया विधाता ने !” सुनयना के पति रघु की दुर्घटना मे मृत्यु के बाद शोक व्यक्त करने आई मोहल्ले की औरतें आपस मे बात कर रही थी। … Read more

छोटे के आते ही बड़ा बच्चा उपेक्षित क्यो ? – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :” ये क्या पीहू तुम बेबी के पास से दूर खेलो लग जाएगी उसको !” चारु अपनी पांच साल की बेटी को दो महीने के बेटे के पास बैठा देख बोली। ” मम्मा मैं भी बेबी की तरह आपके पास सोऊंगी । देखो बेबी भी अपने छोटे छोटे हाथों से मेरी … Read more

क्या सच मे पुरुष कठोर होते है ? – संगीता अग्रवाल 

” मम्मी ये पायल कितनी सुंदर है ना !” आठ साल की टिया माँ की अलमारी से एक पायल निकाल बोली। ” ये पायल मुझे तेरी नानी ने दी थी और अगर तुझे पसंद है तो तू बड़ी होगी तो तुझे दे दूँगी..खुश अब !” टिया की माँ नैना हंस कर बोली। ” क्या बाते … Read more

पछतावा ( लिव इन रिलेशन )  –  संगीता अग्रवाल

” नियति ये क्या तुम अपना सामान क्यो बांध रही हो …कहीं जा रही हो क्या ?” अर्पिता जैसे ही ऑफिस से वापिस लौटी अपने साथ पीजी का कमरा शेयर करने वाली नियति को सामान बांधते देख बोली। ” अर्पिता आ गई तुम मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी …मैं रोहान के साथ रहने … Read more

क्यो कुछ बच्चो के पास अपने जन्मदाताओं के लिए इज़्ज़त की दो रोटी नही होती? – संगीता अग्रवाल

अपने कमरे मे गुमसुम बैठे अस्सी वर्षीय रामलाल जी बहुत कुछ सोच रहे थे। पास लेटी जीवनसंगिनी सुलोचना जो उनके सुख दुख की साथी रही थी आज लकवे के कारण बेबस पड़ी थी ।बेबस तो खुद रामलाल जी भी थे किसी बीमारी से ज्यादा अपनों से सताये हुए जो थे। अस्सी की उम्र देखभाल चाहती … Read more

बेटियां मायके मे बेटे का नही एक माँ का फर्ज निभाती है – संगीता अग्रवाल

” माँ एक ऐसा शब्द जो दुनिया का सबसे छोटा शब्द है पर है कितना विशाल । इस एक शब्द मे औलाद की सारी दुनिया समाई होती है और ये शब्द जब है से थी मे बदलता है तो लगता है सारी दुनिया उजड़ गई हो । माँ है से माँ थी तक आना बच्चो … Read more

खूबसूरत रिश्ता – संगीता अग्रवाल

वो बदहवास सी एक दिशा मे दौड़े जा रही थी ना उसे इस बात का पता था कि उसे जाना कहाँ है ना इस बात का भान था कि वो जा कहाँ रही है । डरी सहमी सी थी वो और जहाँ उसके कदम ले जा रहे थे वो भागी जा रही थी बस । … Read more

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