अतीत की परछाई – (अंतिम भाग ) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

” स्मृति अवंति को तैयार रखना लड़के वाले कभी भी आते होंगे !” अगली सुबह अवधेश पत्नी से बोला। स्मृति ने बिना बेटी से निगाह मिलाये उसे तैयार किया अवंति भी एक चाभी भरने वाली गुड़िया की तरह चलती जा रही थी मानो उसने खुद को परिस्थितियों के हवाले कर दिया था। अब तो दोनो … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 4) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

अब घर मे अजीब मोहोल था अवधेश पर बस एक धुन सवार थी कि जल्द से जल्द अवंति की शादी करनी है। स्मृति खुद को बेटी का कसूरवार समझ रही थी ना वो उस वक़्त ऐसे शादी करती ना उसकी बेटी को आज ये सब झेलना पड़ता। पर क्या कुसूर केवल स्मृति का था ? … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 3) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“अवधेश देखो जो अतीत मे हुआ वो गलत था पर तब हमें नही पता था ये सब होगा । वैसे भी तब हमारे माता पिता हमारे साथ नही थे पर हम ऐसी सूरत मे अपनी बेटी का साथ देंगे उसकी पसंद को नकारेंगे नही ओर फिर ये जरूरी तो नही अवंति लव मैरिज ही करे … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 2) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

समय अपनी रफ़्तार से गुजरता रहा , बच्चे बड़े होते गये और कुछ बड़े साथ छोड़ते गये ।  इधर अवंति का अठारहवा जन्मदिन कल ही बीता था व। तबसे अवधेश बहुत ज्यादा परेशान था इतना परेशान कि आज नौकरी पर भी नही गया था। स्मृति ये सब देख समझ रही थी इसलिए वो बच्चों के … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 1) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

अवधेश और स्मृति ….दोनों पति पत्नी , प्रेम विवाह किया था दोनों ने आज से अठारह साल पहले वो भी घर से भाग कर । उस वक़्त स्मृति उन्नीस साल की थी और अवधेश इक्कीस साल का दोनो एक आसपास के कस्बे मे रहते थे । स्मृति के पिता ने बड़े चाव से उसे कॉलेज … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 11) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज केशव को काम करते एक महीना हो गया उसे उसकी तनख्वाह मिली थी बहुत खुश था वो क्योकि ये तनख्वाह उसकी खुद की मेहनत की थी किसी की सिफारिश की नही । उसने घर वालों के लिए कुछ ना कुछ खरीदने की सोची और बाजार की तरफ चल दिया। … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 10) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” केशव तुम्हे मेरी याद नही आती कहाँ तो कॉलेज के बाद एक दिन भी मुझसे बात किये बिना नही रह पाते थे कहाँ इतना समय हो गया मुझे यहाँ आये अब तुम्हे कोई परवाह भी नही !” रात मे अक्सर मीनाक्षी फोन मे केशव की तस्वीर से बात करती … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 9) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज की रात किसी को नींद नही आई ना मीनाक्षी को ना केशव को , ना ही दोनो के घरवालों को । मीनाक्षी समझ नही पा रही थी उसे क्या करना है केशव को तो एहसास भी नही था गुस्से मे उसने क्या खोया है । इधर केशव के माता … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 8) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” अरे बेटा तू ?” तभी उसके घर का दरवाजा खुला और उसके पापा बाहर आये । ” पापा आप कहाँ जा रहे हो इस वक़्त ?” उसने जल्दी से अपने दुपट्टे से आँसू पोंछे और मुस्कुरा कर बोली। ” कहीं नही बेटा बस मन बेचैन सा हो रहा था … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 7) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : वक़्त बीतता गया पर केशव को नौकरी नही मिली कही मिलती भी तो सैलरी कम होने के कारण केशव इंकार कर देता। हर दिन के साथ केशव का व्यवहार मीनाक्षी के प्रति खराब होता जा रहा था । मीनाक्षी केशव से प्यार करती महज इसलिए वो सब कुछ ठीक करने … Read more

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